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बांग्लादेश में निर्धन बच्चों और युवाओं को शिक्षा व कौशल प्रशिक्षण

कॉक्सेस बाज़ार के शरणार्थी शिविर में शेफ़ुका घर से ही अपनी पढ़ाई-लिखाई जारी रखने का प्रयास कर रही हैं.
© UNICEF/UNI340770/
कॉक्सेस बाज़ार के शरणार्थी शिविर में शेफ़ुका घर से ही अपनी पढ़ाई-लिखाई जारी रखने का प्रयास कर रही हैं.

बांग्लादेश में निर्धन बच्चों और युवाओं को शिक्षा व कौशल प्रशिक्षण

संस्कृति और शिक्षा

बांग्लादेश सरकार ने विश्व बैंक के साथ 60 लाख 50 हज़ार डॉलर केएक वित्तपोषण समझौते पर हस्ताक्षर किये हैं, जिसके तहत निर्धन बस्तियों में रहने वाले लगभग 39 हज़ार बच्चों को प्राथमिक शिक्षा पूरी करने और कॉक्सेस बाज़ार के पढ़ाई बीच में छोड़ने वाले 8 हज़ार 500 युवाओं को व्यावसायिक प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा.

स्कूली बच्चों की मदद करने के लिये शुरू की गई इस परियोजना - 'Second Reaching Out of School Children (ROSC II) Project'  के लिये यह अतिरिक्त वित्तपोषण, आठ नगर निगमों में 8 से 14 वर्ष की आयु के निर्धन बच्चों की प्राथमिक शिक्षा का चक्र पूरा करने में सहायता करेगा.

साथ ही, इससे कॉक्सेस बाज़ार में रहने वाले कमज़ोर व स्कूल से बाहर हुए स्थानीय युवाओं व किशोरों को पूर्व-व्यावसायिक एवं उद्यम विकास प्रशिक्षण में तीन महीने का पाठ्यक्रम पूरा करने में मदद मिलेगी. 

इस समझौते पर बांग्लादेश सरकार की ओर से फ़ातिमा यासमीन और विश्व बैंक की ओर से मर्सी टेम्बोन ने हस्ताक्षर किये.

बांग्लादेश और भूटान के लिये विश्व बैंक के निदेशक, मर्सी टेमबोन ने कहा, "महामारी ने निर्धन परिवारों के बच्चों की शिक्षा पर प्रतिकूल प्रभाव डाला है. अतिरिक्त वित्तपोषण से झुग्गियों में रहने वाले बच्चों और कमज़ोर युवाओं के लिये बेहतर अवसर प्राप्त करने की नींव डालने में मदद मिलेगी."

वहीं बांग्लादेश सरकार के आर्थिक सम्बन्ध विभाग की सचिव, फ़ातिमा यास्मीन ने कहा, “बांग्लादेश सरकार सभी के लिये शिक्षा सुनिश्चित करने हेतु प्रतिबद्ध है. आज, बाँग्लादेश में लगभग सभी बच्चे स्कूल जा रहे हैं.” 

वर्तमान में, लगभग 6 लाख 90 हज़ार बच्चे उन अध्ययन केन्द्रों में जाते हैं, जिन्हें आनन्दा स्कूल के नाम से जाना जाता है, इनमें लगभग आधी लड़कियाँ हैं.

परियोजना के तहत, ढाका सहित 8 नगर निगमों की निर्धन बस्तियों में लगभग 1300 अध्ययन केन्द्र स्थापित किये हैं, जहाँ लगभग 48 हज़ार बच्चे नामाँकित हैं.

आनन्दा स्कूलों में, कक्षा 5 की परीक्षा तक छात्रों को पढ़ाने की ज़िम्मेदारी एक ही शिक्षक पर होती है, जिससे निर्धन बच्चों को माध्यमिक स्कूलों में भर्ती होने में आसानी रहती है.

2019 के बाद से, ROSC II परियोजना ने कॉक्सेस बाज़ार में टेकनाफ़ और उखिया उपज़िला में लगभग 3 लाख 50 हज़ार  रोहिंज्या बच्चों को शिक्षा के अवसर व मानसिक-सामाजिक सहायता प्रदान करने के लिये योजना का विस्तार किया.

इसके अलावा, साढ़े 16 हज़ार बाँग्लादेशी युवाओं को कौशल प्रशिक्षण और रोज़गारोन्मुख कामकाज पाने में मदद की गई है.

विश्व बैंक के अन्तरराष्ट्रीय विकास संघ द्वारा उपलब्ध कराई गई वित्तीय सहायता की अवधि 30 वर्ष है, जिसमें पाँच साल की छूट अवधि भी शामिल है.

बांग्लादेश की स्वतन्त्रता के बाद उसे सहायता उपलब्ध कराने वाल कुछ प्रथम विकास भागीदारों में से एक विश्व बैंक भी था.

विश्व बैंक ने तब से अब तक बांग्लादेश को समय-समय पर साढ़े 33 अरब डॉलर से अधिक का अनुदान, ब्याज मुक्त और रियायती ऋण दिया है.