नवीन विश्व के निर्माण के लिए युवजन की मुस्तैदी ज़रूरी - यूएन महासभा अध्यक्ष
संयुक्त राष्ट्र महासभा अध्यक्ष डेनिस फ़्रांसिस ने, पाँच दिन की अपनी भारत यात्रा के दौरान बुधवार को कहा है कि संयुक्त राष्ट्र युवजन के लिए एक नए विश्व की परिकल्पना करता है और इसके लिए युवजन की प्राथमिकताओं व चिन्ताओं को वरीयताओं में शामिल करना होगा, ताकि जब असल में बदलाव की बयार आए, तो हम उसके लिए पूरी तरह तैयार हों.
यूएन महासभा अध्यक्ष ने, भारत स्थित यूएन कार्यालय में, लैंगिक पहचान, शिक्षा व स्थिरता पर युवजन के साथ एक चर्चा में कहा, “हम संयुक्त राष्ट्र में भविष्य की एक बिल्कुल नई दुनिया बनाने का प्रयास कर रहे हैं, जो युवजन के लिए अवसरों का विस्फोट पैदा करे. आप कल के नेता हैं, आप कल के विजेता हैं. लेकिन यह अपने आप नहीं हो सकता. इसके लिए तैयारी करनी होगी.”
उन्होंने कहा, “यदि भविष्य युवजन के बारे में और युवाओं के लिए है, तो अभी से युवजन को इसमें शामिल करना होगा - युवाओं से सीखना होगा कि क्या महत्वपूर्ण है, क्या स्वीकार्य है और क्या नहीं है और क्यों? काफ़ी हद तक, आपके मूल्य, आपकी प्राथमिकताएँ व चिन्ताएँ ही, भविष्य की दुनिया के अन्तिम प्रारूप व सन्दर्भ को आकार देंगी.”
उन्होंने कहा कि एक समय वो भी वहीं खड़े थे, जहाँ आज का युवजन खड़ा है - युवा और ऊर्जावान - दुनिया को बदलने की चाहत के साथ. “लेकिन ज़रूरी नहीं कि सभी कुछ उस तरह से हो, जैसा हम चाहते हैं. इसलिए आपको यह सीखना होगा कि हम यह तय नहीं कर सकते कि बदलाव कब होगा, हम इसके लिए तैयारी कर सकते हैं और यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि जब बदलाव आए, तो हम इसके लिए पूरी तरह तैयार रहें.”
यात्रा का उद्देश्य
महासभा अध्यक्ष डेनिस फ़्रांसिस ने अपनी पाँच दिवसीय भारत यात्रा के दौरान, बुधवार को नई दिल्ली में पत्रकारों को सम्बोधित करते हुए कहा कि उनकी “यात्रा का उद्देश्य, महासभा में ‘शान्ति, प्रगति, समृद्धि और स्थिरता’ की उनकी प्राथमिकताओं के लिए भारत का निरन्तर समर्थन प्राप्त करना है.”
उन्होंने कहा कि वो भारत के परिवर्तनकारी कार्यों से बहुत प्रभावित हुए हैं, और ये वैश्विक दक्षिण व उससे परे भी अन्य देशों के लिए प्रेरणादायक साबित हो सकते हैं.
विश्व मामलों की भारतीय परिषद में "शान्ति, प्रगति, समृद्धि और स्थिरता" विषय पर ही आयोजित एक सम्बोधन में महासभा अध्यक्ष ने कहा, “जलवायु परिवर्तन, समुद्र के स्तर में वृद्धि और हमारे असतत उपभोग और उत्पादन पैटर्न से जुड़े मौजूदा ख़तरे, जटिलताओं की नई परतें बना रहे हैं."
"कुल मिलाकर, इस गतिशीलता से, संयुक्त राष्ट्र चार्टर सहित अन्तरराष्ट्रीय क़ानून को बनाए रखने के लिए आवश्यक एकजुटता यानि हमारी बहुपक्षीय व्यवस्था की रीढ़ कमज़ोर हो रही है...हमें रास्ता बदलकर अपनी सामूहिक प्रतिक्रिया के ज़रिए इसे ताक़त बनाना होगा.”
उन्होंने सभी क्षेत्रों में महिलाओं की भूमिका बढ़ाने पर ज़ोर देते हुए कहा, “मैंने लैंगिक समानता और महिला सशक्तिकरण को अपने अध्यक्ष पद की प्राथमिकता बनाया है, और मैं इस मुद्दे पर सभी सदस्य देशों को एकजुट करने के लिए प्रतिबद्ध हूँ. इस सम्बन्ध में, सरकार की नीतियों के तहत भारत के क्रांतिकारी परिवर्तन में महिलाओं की बढ़ती भागेदारी सराहनीय है.”
डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढाँचे के क्षेत्र में भारत के नेतृत्व की प्रशंसा करते हुए उन्होंने उम्मीद जताई कि भारत के असाधारण अनुभव और सभी मोर्चों पर उसकी निरन्तर भागेदारी के लाभ से, “हम एसडीजी को वापस पटरी पर लाने में सक्षम हो सकते हैं.”
आधिकारिक बैठकें
बुधवार को महासभा अध्यक्ष ने राजधानी दिल्ली में भारत के विदेश मंत्री, डॉक्टर एस जयशंकर के साथ मुलाक़ात की और अपनी प्राथमिकताओं, भू-राजनैतिक तनाव, और संयुक्त राष्ट्र में भारत की भागेदारी व योगदान पर चर्चा की.
इसके अलावा, राष्ट्रपति भवन में उनकी भेंट भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से हुई.
देर शाम उन्होंने देश में संयुक्त राष्ट्र के रैज़िडेंट समन्वयक शॉम्बी शार्प के नेतृत्व वाली संयुक्त राष्ट्र की देशीय टीम के साथ बातचीत की और ज़मीनी स्तर पर राष्ट्रीय यूएन प्रणाली के काम की जानकारी हासिल की.
शान्ति की दरकार
इससे पहले मंगलवार को, महासभा अध्यक्ष ने भारत के पश्चिमी राजस्थान प्रदेश स्थित आमेर के क़िले और सिटी पैलेस का दौरा किया. उन्होंने कहा कि इन ऐतिहासिक इमारतों को देखकर वो “विभिन्न यूनेस्को विश्व धरोहर स्थलों पर भारतीय सभ्यता की समृद्धि और विरासत का व्यक्तिगत अनुभव कर सके.”
सिटी पैलेस के सुख निवास (शाही परिवार के निजी शाही कमरे) में महासभा अध्यक्ष के लिए चाय का आयोजन था, जहाँ उन्होंने राजस्थान की उप मुख्यमंत्री दीया कुमारी के साथ बैठक की और बाद में उन्होंने राजस्थान के राज्यपाल से भेंट की.
मितव्ययी नवाचार का उदाहरण
डेनिस फ़्रासिंस, भारत का मशहूर ‘जयपुर फ़ुट’ बनाने वाली संस्था भी गए, और करोड़ों लोगों को नया जीवन देने वाले क़ारखाने का दौरा किया. जयपुर फ़ुट भारत में बनने वाले कम लागत के, मितव्ययी नवाचारों के प्रमुख उदाहरणों में से एक है, जो कमज़ोर तबके के विकलाँगों के लिए वरदान साबित हुआ है.
शारीरिक रूप से अक्षम, विशेष रूप से आर्थिक रूप से कमजोर और वंचित लोगों को जयपुर फ़ुट व अन्य सहायक उपकरण, भारतीय गैर-लाभकारी संगठन, भगवान महावीर विकलांग सहायता समिति द्वारा निशुल्क दिए जाते हैं.
इन कृत्रिम अंगों की क़ीमत लगभग ₹ 2,500 (40 डॉलर से कम) है. पिछले दो दशकों में जयपुर फ़ुट अफ़्रीका, एशिया और लातिन अमेरिका में भारतीय मानवीय सहायता का प्रतीक बन गया है. भारत के अलावा एशिया, अफ़्रीका और लातिन अमेरिका के 27 अन्य देशों समेत दुनिया भर में 20 लाख से अधिक लोग को इससे लाभ पहुँचा है.
उन्होंने कहा, “वास्तव में जयपुर फ़ुट, केवल भारत ही नहीं, बल्कि पूरे विश्व के लिए अनुपम उपहार है.”
महासभा अध्यक्ष ने कहा कि कम लागत से बने, प्रोस्थेटिक अंग विकलाँगों को निशुल्क देने वाली राजस्थान की संस्था का दौरा, उनके लिए एक उत्कर्ष अनुभव था. डेनिस फ़्रांसिस ने अपनी भारत यात्रा के पहले दिन, सोमवार को नई दिल्ली में राजघाट स्थित महात्मा गाँधी की समाधि पर पुष्पांजलि अर्पित की.
डेनिस फ़्रांसिस ने कहा कि इतिहास में सबसे रूपान्तरकारी हस्तियों में से एक, महात्मा गाँधी का जीवन दर्शन विश्व भर के लिए, प्रेरणा का एक महान स्रोत है.
“एक ऐसे समय जब हमारे समक्ष विश्व में अनेकानेक संकट व चुनौतियाँ हैं, मैं उनकी आत्मा और शान्ति व दयालुता की उनकी विरासत का ध्यान करता हूँ – हमारे अपने लिए, एक दूसरे और हमारे ग्रह के लिए.”
आगे का कार्यक्रम
गुरुवार को महासभा अध्यक्ष भारत के वित्तीय शहर, मुंबई जाएँगे, जहाँ वो गणतंत्र दिवस समारोह में भाग लेंगे.
साथ ही, बहुपक्षीय प्रणाली में सुधार एवं आधुनिकीकरण विषय पर एक चर्चा को सम्बोधित करेंगे.
यूएन महासभा और उनके प्रतिनिधिमंडल की यात्रा का सारा ख़र्च, भारत सरकार और महासभा अध्यक्ष कार्यालय का न्यास कोष वहन कर रहा है.