ग़ाज़ा: सहायता अवरोधों से, अहम मदद आपूर्ति में देरी जारी
क़तर और फ्रांस की मध्यस्थता से हुए एक समझौते के तहत, गुरूवार को पहली बार इसराइली बन्धकों के लिए दवाओं के साथ-साथ, ग़ाज़ा में फ़लस्तीनियों के लिए राहत सामग्री की एक खेप पहुँचाने अनुमति दी गई है.
संयुक्त राष्ट्र के मानवीय सहायता कर्मियों ने चेतावनी दी है कि अनेक ग़ाज़ावासियों के लिए सहायता का स्तर अब "लगभग त्रासदीपूर्ण" है.
गुरूवार का यह घटनाक्रम ऐसे समय हुआ है जब संयुक्त राष्ट्र सहायता समन्वय कार्यालय - OCHA ने बुधवार शाम को अपनी नवीनतम जानकारी में फ़लस्तीनी सशस्त्र समूहों द्वारा, इसराइल के क़ब्ज़े वाले क्षेत्र पर, इसराइल द्वारा जारी "तीव्र" बमबारी और इसराइल पर फ़लस्तीनी गुटों के रॉकेट हमले जारी रहना की सूचना दी.
रफ़ाह में हिंसा
संयुक्त राष्ट्र विश्व खाद्य कार्यक्रम (WFP) के अनुसार, ग़ाज़ा में जारी युद्ध व हिंसा ने दक्षिणी इलाक़े में स्थित रफ़ाह से कहीं आगे सहायता वितरित करना लगभग असम्भव बना दिया है, जहाँ 12 लाख से अधिक लोग अब प्लास्टिक शीट के नीचे ख़तरनाक रूप से भीड़भाड़ वाली परिस्थितियों में शरण लिए हुए हैं.
मध्य पूर्व और उत्तरी अफ़्रीका के लिए WFP की संचार प्रमुख अबीर आतेफ़ा ने कहा, "रफ़ा से परे के क्षेत्रों में, यह स्थिति लगभग त्रासदीपूर्ण है."
उनकी टिप्पणियाँ ग़ाज़ा के सभी पाँच गवर्नरेट तक पहुँचने के लिए कार्यरत अन्य संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों द्वारा, अधिक पहुँच के लिए बार-बार की गई अपील को प्रतिबिम्बित करती हैं.
वर्ष के पहले दो सप्ताहों हफ्तों में, मानवीय सरहायता एजेंसियों ने वादी ग़ाज़ा के उत्तरी इलाक़े में, जीवनरक्षक सहायता आपूर्ति के लिए, 29 मिशनों की योजना बनाई; ओसीएचए के अनुसार, इसराइली अधिकारियों द्वारा बाक़ी मिशनों के अनुरोधों को अस्वीकार करने के बाद, चार में से केवल एक ही मिशन सफल हो सका है.
ऐसा माना जाता है कि ग़ाज़ा में अब भी 100 से अधिक इसराइली व्यक्तियों को बन्धक बनाकर रखा गया है, जिनमें से लगभग 45 बन्धकों को पुरानी बीमारियों या अन्य जीवनरक्षक दवाओं के इलाज की आवश्यकता है.
बढ़ती मृतक संख्या
इस बीच, ग़ाज़ा में जारी बमबारी और भारी झड़पों के बीच, पिछले दो दिनों में, 160 से अधिक ग़ाज़ावासियों की मौत हो गई और अन्य 350 घायल हो गए.
यूएन सहायता समन्वय एजेंसी – OCHA ने ग़ाज़ा पट्टी में स्वास्थ्य अधिकारियों का हवाला देते हुए कहा है कि युद्ध शुरू होने के बाद से मारे गए फ़लस्तीनियों की कुल संख्या 24 हज़ार 400 से भी अधिक बताई गई है.
ओसीएचए ने बताया कि मंगलवार और बुधवार को ग़ाज़ा में, झड़पों में कथित तौर पर तीन इसराइली सैनिक भी मारे गए. इसका अर्थ है कि 7 अक्टूबर से अब तक 191 इसराइली लड़ाके मारे गए हैं, जबकि इसराइल में हमास के नेतृत्व वाली घुसपैठ में लगभग 1,200 लोग मारे गए थे और लगभग 250 लोगों को बन्धक बना लिया गया था.
एजेंसी ने इस सप्तार के आरम्भ में चेतावनी भरे शब्दों में बताया था कि युद्ध के कारण हुई तबाही से अब "इसराइल से ग़ाज़ा तक जाने वाली, तीन जल पाइपलाइनों में से केवल एक ही काम कर रही है."
संयुक्त राष्ट्र सहायता कार्यालय ने बताया है कि ख़राब स्वच्छता और भूख के कारण दस्त व अन्य बीमारियों के पहले से ही रिकॉर्ड स्तर के बीच, दीर अल बलाह जल पाइपलाइन को तत्काल मरम्मत की आवश्यकता है. इस पाइपलाइन की क्षमता प्रतिदिन लगभग 17 हज़ार क्यूबिक मीटर पानी की आपूर्ति है.
ओसीएचए ने कहा कि एजेंसियों के अनुमान के अनुसार, मरम्मत में चार सप्ताह तक का समय लग सकता है.