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ग़ाज़ा: ज़रूरतमन्दों तक सहायता पहुँचाने के एक-चौथाई अनुरोधों को ही मिली अनुमति

जॉर्डन से ग़ाज़ा तक ज़रूरतमन्दों तक खाद्य सामग्री पहुँचाने के लिए ट्रकों का क़ाफ़िला.
© WFP
जॉर्डन से ग़ाज़ा तक ज़रूरतमन्दों तक खाद्य सामग्री पहुँचाने के लिए ट्रकों का क़ाफ़िला.

ग़ाज़ा: ज़रूरतमन्दों तक सहायता पहुँचाने के एक-चौथाई अनुरोधों को ही मिली अनुमति

मानवीय सहायता

संयुक्त राष्ट्र मानवीय सहायता एजेंसियों ने क्षोभ प्रकट किया है कि ग़ाज़ा पट्टी में हिंसक युद्ध से उपजी विशाल ज़रूरतों के बीच, वहाँ फँसे लोगों तक मानवीय राहत पहुँचाने के प्रयासों को, इसराइली प्रशासन नकार रहा है. यूएन महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने आगाह किया है कि ग़ाज़ा में आम फ़लस्तीनियों के सामने भुखमरी का ख़तरा मंडरा रहा है.

7 अक्टूबर को दक्षिणी इसराइल में हमास के आतंकी हमलों के बाद ग़ाज़ा में इसराइल द्वारा शुरू किए गए हमले को 102 दिन हो चुके हैं, और लाखों लोगों को विकट हालात से जूझना पड़ रहा है.

मानवीय सहायता मामलों में समन्वय के लिए यूएन कार्यालय (OCHA) के अनुसार, जनवरी के पहले दो हफ़्तों में वादी ग़ाज़ा के परे, उत्तरी इलाक़ों में भोजन, दवा, जल और अन्य जीवनरक्षक आपूर्ति को लोगों तक पहुँचाने के लिए 29 बार कोशिशें की गईं, मगर सात बार, यानि 24 फ़ीसदी योजनाओं को  ही पूरा किया जा सका. 

यूएन मानवीय सहायताकर्मी ओल्गा चेरेवको ने इन चिन्ताओं को दोहराते हुए कहा कि दक्षिणी ग़ाज़ा में भी विस्थापित लोगों के लिए कठिन हालात हैं.

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उन्होंने सोशल मीडिया प्लैटफ़ॉर्म, X, पर अपने एक वीडियो में कहा कि कुछ लोगों को बहुत दिनों से खाने के लिए भोजन नहीं मिल पाया है. 

“बच्चों के पास सर्दियों के कपड़े नहीं है. चिकित्सा देखभाल भी नहीं है... आवश्यकताओं का स्तर विशाल है.”

यूएन एजेंसी का कहना है कि इसराइल ने ईंधन और दवाएँ समेत मानवीय सहायता के जिन अनुरोधों को अस्वीकार किया है, उनमें अधिकाँश, वादी ग़ाज़ा के उत्तरी इलाक़ों के लिए थे. 

बताया गया है कि जल, साफ़-सफ़ाई और स्वच्छता के अभाव के कारण स्वास्थ्य और पर्यावरण जोखिम पनप रहे हैं, और छह आंशिक रूप से संचालित अस्पतालों में कामकाज पर, दवाओं की क़िल्लत से असर पड़ा है.

ग़ाज़ा पट्टी के अधिकाँश इलाक़ों में इसराइली सैन्य बल, हवाई, भूमि और समुद्री मार्ग से बमबारी और ज़मीनी कार्रवाई कर रहे हैं, जबकि फ़लस्तीनी हथियारबन्द गुटों द्वारा इसराइल में रॉकेट दागे जाना जारी है. 

इस बीच, विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने बताया है कि दक्षिणी शहर ख़ान यूनिस में स्थित नासेर चिकित्सा परिसर में बड़ी संख्या में घायलों को लाया जा रहा है.

स्वास्थ्य सेवाओं पर बोझ

अस्पताल में फ़िलहाल 700 मरीज़ हैं, जोकि उसकी मौजूदा क्षमता की दोगुनी संख्या है. वहीं गहन चिकित्सा कक्ष और जले हुए मरीज़ों की सेवाओं के लिए स्वास्थ्यकर्मियों की क़िल्लत है, और जीवनरक्षक उपचार सुनिश्चित करने में देरी हो रही है.

इससे पहले, यूएन महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने सोमवार शाम को सभी पक्षों के नाम युद्धविराम की अपील जारी की थी. 

साथ ही, उन्होंने 7 अक्टूबर को आतंकी हमले के दौरान बन्धक बनाए गए लोगों की तत्काल, बिना किसी शर्त के रिहाई करने और फ़लस्तीनी चरमरपंथियों पर यौन हिंसा को अंजाम देने के आरोपों की जाँच कराए जाने का आग्रह किया. 

महासचिव गुटेरेश ने कहा कि ग़ाज़ा में व्यापक स्तर पर निरन्तर भीषण बमबारी हो रही है और इन परिस्थितियों में कारगर ढंग से मानवीय सहायता पहुँचाना सम्भव नहीं है.

यूएन के शीर्षतम अधिकारी ने ग़ाज़ा में विशाल पैमाने पर हुए विध्वंस और हताहत आम नागरिकों के स्तर पर गहरी चिन्ता व्यक्त की, और इसे महासचिव के तौर पर उनके कार्यकाल के दौरान अभूतपूर्व क़रार दिया.

उन्होंने कहा कि ग़ाज़ा में मानवीय सहायता के प्रवाह को बढ़ाने के लिए कुछ क़दम उठाए गए हैं, मगर जीवनरक्षक मदद, अब भी ज़रूरी स्तर पर लोगों तक नहीं पहुँच रही है.

महासचिव के अनुसार, भुखमरी की लम्बी छाया, बीमारी, कुपोषण और अन्य स्वास्थ्य ख़तरों के साथ ग़ाज़ा के लोगों का पीछा कर रही है.