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नवीकरणीय ऊर्जा के एक प्रमुख साधन सौर ऊर्जा पैनलों में, अति महत्वपूर्ण खनिजों का प्रयोग होता है.

COP28: हरित ऊर्जा परिवर्तन के लिए, अनिवार्य खनिजों के प्रबन्धन पैनल की समीक्षा

© UNICEF/Frank Dejongh
नवीकरणीय ऊर्जा के एक प्रमुख साधन सौर ऊर्जा पैनलों में, अति महत्वपूर्ण खनिजों का प्रयोग होता है.

COP28: हरित ऊर्जा परिवर्तन के लिए, अनिवार्य खनिजों के प्रबन्धन पैनल की समीक्षा

जलवायु और पर्यावरण

संयुक्त राष्ट्र प्रमुख एंतोनियो गुटेरेश ने, एक ऐसा पैनल गठित करने की अपनी योजना की घोषणा की है जो, जीवाश्म ईंधन से नवीकरणीय ऊर्जा की तरफ़ बढ़त को न्यायसंगत, टिकाऊ और सभी देशों के लिए लाभदायक बनाया जाना सुनिश्चित करेगा.

यूए प्रमुख ने यह घोषणा, शनिवार को, दुबई में चल रहे यूएन जलवायु सम्मेलन कॉप28 में, विकासशील देशों के एक सम्मेलन को सम्बोधन में की.

कॉप28 सम्मेलन, संयुक्त अरब अमीरात के दुबई शहर में, 30 नवम्बर को शुरू होकर, 12 दिसम्बर तक चलेगा.

एंतोनियो गुटेरेश, जीवाश्म ईंधन का प्रयोग बन्द किए जाने के ज़ोरदार हिमायती रहे हैं. उन्होंने विकासशील देशों के संगठन जी-77 के नेताओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि ऊर्जा परिवर्तन के लिए अति महत्वपूर्ण खनिजों की उपलब्धता और सुलभता, पेरिस जलवायु सम्मेलन के लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए बहुत अहम है.

जी-77 इस समूह में चीन भी शामिल है.

यूएन प्रमुख ने कहा है, "कॉप28 में देशों को ये संकल्प करना होगा कि वो नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता को तीन गुना बढ़ाएँ, ऊर्जा कुशलता दोगुनी करें, और वर्ष 2030 तक, सर्वजन के लिए स्वच्छ ऊर्जा उपलब्ध कराएँ."

उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि जीवाश्म ईंधन के प्रयोग को बन्द करने के लिए एक ऐसे रोडमैप पर अमल किया जाए दो समतामूलक हो और 1.5 डिग्री सैल्सियस की समय सीमा से भी मेल खाता हो.

एंतोनियो गुटेरेश ने कहा कि इसलिए, "हमें जीवाश्म ईंधन के प्रयोग से नवीकरणीय ऊर्जा की तरफ़, एक न्यायसंगत, समान और समतामूलक परिवर्तन की आवश्यकता है... इस कमरे में मौजूदगी वाले कुछ देशों की निर्भरता, इसी पर टिकी है."

एक बेशक़ीमती अवसर

हरित ऊर्जा फैलाव, उपभोक्ता उत्पादों के धनी देशों के लिए, अपनी अर्थव्यवस्थाओं को परिवर्तित करने और विविधतापूर्ण बनाने का एक अवसर है.

अलबत्ता, इन संसाधनों के प्रबन्धन के बारे में वैश्विक दिशा-निर्देशों का नहीं होना, भूराजनैतिक जोखिमों के साथ-साथ पर्यावरणीय और सामाजिक चुनौतियों को भड़का सकता है, जिनमें जल, जैवविविधता, स्वास्थ्य और आदिवासीजन के अधिकारों पर प्रभाव शामिल हैं.

यूएन प्रमुख ने कहा, "स्वच्छ ऊर्जा क्रान्ति के लिए, वायु मशीनों से लेकर सौर ऊर्जा पैनलों और बैटरी उत्पादन तक, अति महत्वपूपर्ण खनिजों का खनन, टिकाऊ, समतामूलक और न्यायसंगत रूप में किया जाना बहुत ज़रूरी है."

उन्होंने कहा कि ताम्बा, लिथियम और कोबाल्ट जैसे खनिजों की मांग में, वर्ष 2030 तक लगभग चार गुना वृद्धि होने की सम्भावना है.

एंतोनियो गुटेरेश ने कहा कि हम अतीत की इन ग़लतियों को नहीं दोहरा सकते जिनमें विकासशील देशों का व्यवस्थागत शोषण हुआ.

अति महत्वपूर्ण ऊर्जा परिवर्तन खनिजों पर इस प्रस्तावित पैनल में, देशों की सरकारों, अन्तरराष्ट्रीय संगठनों, उद्योग जगत, और सिविल सोसायटी के प्रतिनिधि शामिल होंगे जो, आने वाले वर्षों के दौरान, खनन उद्योगों में सामान्य और स्वैच्छिक सिद्धान्त तैयार करेंगे, जिनमें सततता और न्याय का ख़याल रखा जाएगा.

'सुई पर दबाव बनाए रखें'

यूएन महासभा अध्यक्ष डेनिस फ़्रांसिस ने, सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए, अक्षय ऊर्जा की तरफ़ बढ़त और सहनशीलता निर्माण की पुकारों की अगुवाई करने के लिए, जी-77 समूह और चीन की सराहना की.

उन्होंने कहा, "उन्होंने जलवायु वित्त पर बहस की अगुवाई की है - जिसमें अन्तरराष्ट्रीय वित्तीय वास्तुकला में सुधार पर ज़ोर देना भी शामिल है, जिसमें विकासशील देशों को, अस्थिर ऋण स्तरों की अधिकता के बिना ही, विकास वित्त पोषण तक बेहतर पहुँच होगी"

महासभा अध्यक्ष ने बुनियादी ढाँचे, परिवहन, पर्यटन और ऊर्जा के सम्बन्ध में स्थिरता की गतिशीलता पर ध्यान देने के लिए, अप्रैल 2024 में 'स्थिरता सप्ताह' आयोजित करने के अपने इरादे का भी ज़िक्र किया.

उन्होंने विकासशील देशों के नेताओं को, COP28 में लिए गए निर्णयों के प्रभावों को बुनियाद बनाकर आगे बढ़ने की ख़ातिर,  उस 'सप्ताह' के लिए न्यूयॉर्क आने के लिए आमंत्रित किया. 

उन्होंने कहा, "हमें इन क्षेत्रों पर काम जारी रखना चाहिए, जो आधुनिक अर्थव्यवस्थाओं के लिए बहुत आवश्यक हैं, जो अब भी वायुमंडलीय उत्सर्जन में सबसे बड़े योगदानकर्ताओं में से कुछ हैं."