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कॉप28: ‘मानवता का भाग्य अधर में’, आपात कार्रवाई की पुकार

दुबई में, यूएन जलवायु सम्मेलन कॉप28 सम्मेलन में, इंडोनेशियाई पवेलियन का एक दृश्य. (दिसम्बर 2023)
COP28/Walaa Alshaer
दुबई में, यूएन जलवायु सम्मेलन कॉप28 सम्मेलन में, इंडोनेशियाई पवेलियन का एक दृश्य. (दिसम्बर 2023)

कॉप28: ‘मानवता का भाग्य अधर में’, आपात कार्रवाई की पुकार

जलवायु और पर्यावरण

पृथ्वी के अति महत्वपूर्ण चिन्ह विफल हो रहे हैं और इस ग्रह को विघटन व आपदा से बचाना है तो, हमें... सहयोग व राजनैतिक इच्छाशक्ति की दरकार है. ये बात, यूएन प्रमुख एंतोनियो गुटेरेश ने, दुबई में चल रहे वार्षिक यूएन जलवायु सम्मेलन कॉप28 के दूसरे दिन शुक्रवार को कही, जब उन्होंने इसमें शिरकत कर रहे विश्व नेताओं को, वास्तविक वैश्विक जलवायु नेतृत्व का प्रदर्शन करने की चुनौती भी दी.

संयुक्त राष्ट्र प्रमुख ने वैश्विक जलवायु कार्रवाई सम्मेलन के उच्च-स्तरीय उदघाटन पर यह भावपूर्ण अपील की. इसमें विश्व नेता गण और देशों व सरकारों के मुखिया, अगले दो दिनों के लिए, दुबई के प्रतिष्ठित ऐक्सपो सिटी के अल वाहा थिएटर में मुख्य मंच पर होंगे.

महासचिव ने आगाह करते हुए कहा कि "मानवता का भाग्य अधर में लटका हुआ है", विश्व नेताओं को जलवायु आपदा को समाप्त करने के लिए अभी कार्रवाई करनी होगी.

उन्होंने कहा, "यह एक ऐसी बीमारी है जिसे केवल आप यानि, वैश्विक नेता ही ठीक कर सकते हैं," 

उन्होंने नेताओं से जीवाश्म ईंधन पर दुनिया की निर्भरता को ख़त्म करने और जलवायु न्याय के लिए लम्बे समय से लंबित वादे को पूरा करने का आहवान किया.

एंतोनियो गुटेरेश ने कॉप28 के प्रथन दिन गुरुवार को प्राप्त सफलता का भी स्वागत किया, जब प्रतिनिधियों ने दुनिया के सबसे कमज़ोर देशों को, जलवायु आपदा के विनाशकारी प्रभावों का सामना करने में मदद करने के लिए, ‘हानि और क्षति’ निधि शुरू किए जाने पर एक समझौते पर सहमति व्यक्त की.

विभिन्न देशों से आए, आदिवासी समुदायों के सदस्यों ने भी यूएन जलवायु सम्मेलन में शिरकत की है.
COP28/Anthony Fleyhan

आयोजन स्थल में चहल-पहल

जलवायु वार्ता का स्थल ऐक्सपो सिटी, कॉप8 के दूसरे दिन शुक्रवार को, कड़ी सुरक्षा के बीच गतिविधियों से गुलज़ार नज़र आया जिसमें, दुनिया के नेताओं ने कार्रवाई सम्मेलन में शिरकत करने लिए पहुँचना शुरू कर दिया है.

ऐसी उम्मीद है कि अगले दो दिनों में 160 से अधिक देशों के नेतागण, जलवायु संकट से निपटने के लिए अपने दृष्टिकोण को रेखांकित करेंगे, जिनमें ब्राज़ील, ब्रिटेन, फ्रांस, तुर्कीये और भारत शामिल हैं.

संयुक्त अरब अमीरात का सबसे बड़ा शहर दुबई, अपने बेहद गर्म मौसम के लिए प्रसिद्ध है, अलबत्ता दिसम्बर महीना, आमतौर पर अपेक्षाकृत सुखद समय होता है. सैकड़ों पत्रकार, फ़ोटोग्राफ़र और सिविल सोसायटी के प्रतिनिधि, चिलचिलाती धूप से राहत पाने के लिए, ऐक्सपो सिटी के छायादार स्थानों में जगह की तलाश करते नज़र आए.

आदिवासी जन, जलवायु परिवर्तन के प्रभावों की अग्रिम पंक्ति में हैं और उनके प्रतिनिधि इस जलवायु सम्मेलन में बहुत सक्रिय व मुखर हैं. 

शुक्रवार को ही, इससे पहले यूएन न्यूज़ की मुलाक़ात जैकब जॉन्स से हुई, जो कहते हैं कि वह आदिवासी ज्ञान के साथ, जलवायु नीति को सूचित करने के लिए काम कर रहे हैं.

उनका कहना है, "हम सम्मेलन में भाग लेने वालों और बातचीत करने वाली टीमों के दिलों और दिमाग़ों को बदलने के लिए यहाँ आए हैं ताकि हम एक स्वस्थ, रहने योग्य भविष्य के साथ एकजुटता से रह सकें," 

जैकब जॉन्स होपी और अकिमेल ओ’ओधम हैं, और संयुक्त राज्य अमेरिका स्थित आदिवासी ज्ञान के संरक्षण प्रतिनिधिमंडल के एक सदस्य हैं.

जैकब जॉन्स कहते हैं, “हम वास्तविक जलवायु कार्रवाई देखना चाहते हैं... हम जलवायु न्याय और हानि एवं क्षति कोष में धन आते देखना चाहते हैं. हम चाहते हैं कि ये सभी धनराशि, उन आदिवासी लोगों के लिए उपलब्ध हो जो आसन्न जलवायु पतन, भूमि हानि और चरम मौसम की घटनाओं से पीड़ित हैं.”

आपदा में एकजुट

यूएन महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने, कार्रवाई सम्मेलन में अपनी टिप्पणी में, अंटार्कटिका और नेपाल की अपनी हालिया यात्राओं को याद करते हुए बताया कि कैसे उन्होंने बर्फ़ और हिमनदों के पिघलने के पैमाने और सीमा को प्रत्यक्ष रूप से देखा.

एंतोनियो गुटेरेश ने कहा, "ये दोनों स्थान दूर-दूर हैं, लेकिन संकट में एकजुट हैं."

अलबत्ता, उन्होंने आगाह किया कि यह हमारी जलवायु को घुटनों पर लाने वाली बीमारी का केवल एक लक्षण है.

संयुक्त राष्ट्र प्रमुख ने, जारी जलवायु अराजकता की चिन्ताजनक तस्वीर पेश करते हुए कहा कि वैश्विक तापन के कारण, बजट बिगड़ रहा है, खाद्य पदार्थों की क़ीमतें बढ़ रही हैं, ऊर्जा बाज़ार में उछाल आ रहा है और जीवन-यापन की लागत का संकट उत्पन्न हो रहा है.

"हम पेरिस समझौते के लक्ष्यों से मीलों दूर हैं - और 1.5-डिग्री की सीमा के लिए आधी रात से कुछ ही मिनट दूर हैं."

खोने के लिए समय नहीं है

एंतोनियो गुटेरेश ने ज़ोर दिया कि दुबई सम्मेलन की सफलता, तथाकथित 'वैश्विक आकलन' के नतीजे पर निर्भर करेगी - जहाँ देश, वैश्विक तापमान वृद्धि को रोकने पर प्रगति का, पहली बार आकलन करेंगे. यह आकलन, दुनिया को तापमान, वित्त और अनुकूलन लक्ष्य हासिल करने की राह पर ला सकता है.