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ग़ाज़ा: मानवीय विराम के लिए संयुक्त राष्ट्र के साथ समन्वय ज़रूरी

दक्षिणी ग़ाज़ा पट्टी की ख़ान यूनिस सिटी में बच्चे पानी भर रहे हैं.
© UNICEF/Eyad El Baba
दक्षिणी ग़ाज़ा पट्टी की ख़ान यूनिस सिटी में बच्चे पानी भर रहे हैं.

ग़ाज़ा: मानवीय विराम के लिए संयुक्त राष्ट्र के साथ समन्वय ज़रूरी

शान्ति और सुरक्षा

संयुक्त राष्ट्र प्रमुख एंतोनियो गुटेरेश के प्रवक्ता स्तेफ़ान दुजैरिक ने गुरूवार को न्यूयॉर्क में, नियमित प्रैस वार्ता में कहा है कि फ़लस्तीनी क्षेत्र ग़ाज़ा में, युद्ध में अल्पकालीन विराम की किसी भी योजना को, संयुक्त राष्ट्र के साथ समनव्य और सभी पक्षों द्वारा सहमति से ही लागू किया जाना होगा.

प्रवक्ता स्तेफ़ान दुजैरिक, अमेरिकी राष्ट्रपति कार्यालय - व्हाइट हाउस की इस घोषणा के बाद, पत्रकारों के सवालों के जवाब दे रहे थे कि, इसराइल, ग़ाज़ा के उत्तरी इलाक़े में, सैन्य अभियानों में, हर दिन चार घंटे का मानवीय विराम लागू करने पर सहमत हो गया है.

पक्षों की सहमति आवश्यक

प्रवक्ता ने कहा, "युद्ध में इस तरह का विराम कैसे होगा, और मानवीय सहायता उद्देश्यों में ये कैसे काम करेगा, इस सब के लिए, संयुक्त राष्ट्र के साथ समन्वय करना होगा, विशेष रूप से, इस विराम के समय और स्थानों के बारे में."

"और स्वभाविक रूप से, इसे मानवीय उद्देश्यों के लिए सुरक्षित तरीक़े से अंजाम देने के लिए, इस पर युद्ध से सम्बन्धित तमाम पक्षों की सहमति होना अत्यावश्यक है, ताकि ये सही तरीक़े से लागू हो सके."

ग़ाज़ा से निकासी

इस बीच, मानवीय सहायता कर्मियों ने ख़बर दी है कि ग़ाज़ा के उत्तरी क्षेत्र से, लोगों का, दक्षिणी इलाक़े के लिए निकलना जारी है. अधिकतर लोग, सघन युद्धक गतिविधियों के बीच, पैदल ही इस रास्ते पर निकल रहे हैं. बुधवार को भी, लगभग 50 हज़ार लोग उत्तरी क्षेत्र से रवाना हुए.

सड़क पर और उसके आसपास झड़पें और गोलाबारी होने की ख़बरें मिल रही हैं, जिनसे, वहाँ से निकलने वाले लोगों की ज़िन्दगियाँ ख़तरें में पड़ रही हैं. सड़क पर कुछ शव देखे जाने की भी ख़बरें हैं.

उत्तरी ग़ाज़ा में बाक़ी बचे लाखों लोगों के लिए, अति गम्भीर मानवीय स्थिति उत्पन्न हो गई है और उन्हें जीवित रहने के लिए, मामूली मात्रा में भी पानी और भोजन हासिल करने के लिए, संघर्ष करना पड़ रहा है.

सहायता सामग्री की धीमी पहुँच

प्रवक्ता स्तेफ़ान दुजैरिक ने, मिस्र की रफ़ाह सीमा चौकी के ज़रिए, ग़ाज़ा में और अधिक सहायता सामग्री पहुँचाने के प्रयासों के बारे में भी जानकारी दी. ग़ौरतलब है कि ग़ाज़ा में पहुँचने के लिए, रफ़ाह चौकी ही एक मात्र प्रवेश मार्ग है.

प्रवक्ता ने बताया कि बुधवार को 106 ट्रकों का क़ाफ़िला, ग़ाज़ा पहुँचा जिनमें मुख्य रूप से भोजन, दवाएँ, स्वास्थ्य सामग्री, बोतलबन्द पानी और स्वच्छता सामान भरा हुआ था.

संयुक्त राष्ट्र और उसकी सहायता एजेंसियों की तरफ़ से, सहायता सामग्री की आपूर्ति 21 अक्टूबर को शुरू हुई थी, और अब तक 756 ट्रक ये आपूर्ति कर चुके हैं. "अलबत्ता, ग़ाज़ा के लोगों की ज़रूरतों को देखते हुए, ये सहायता सामग्री बहुत कम है, और अब भी ईंधन नहीं पहुँच रहा है."

उसका एक परिणाम ये हुआ कि ग़ाज़ा सिटी के अल क़ुद्स अस्पताल को, बुधवार अपनी अति अहम सेवाएँ रोकनी पड़ीं.

संयुक्त राष्ट्र प्रमुख एंतोनियो गुटेरेश के प्रवक्ता स्तेफ़ान दुजैरिक.
UN Photo/Jean-Marc Ferré

दिवंगत यूएन कर्मियों को सम्मान

यूएन प्रवक्ता स्तेफ़ान दुजैरिक ने ये भी घोषणा की कि, फ़लस्तीनी शरणार्थियों के लिए यूएन सहायता एजेंसी - UNRWA के उन 99 सहयोगियों के सम्मान में, सोमवार को, न्यूयॉर्क स्थित यूएन मुख्यालय में, संगठन का ध्वज आधा झुकाया जाएगा, जिन्होंने, अभी तक इसराइली बमबारी और युद्ध में, अपना सर्वोच्च क़ुरबान कर दिया है.

दुनिया भर में स्थित यूएन कार्यालयों से भी ऐसा ही करने और एक मिनट का मौन रखने के लिए कहा गया है.