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अफ़ग़ानिस्तान: भूकम्प के बार-बार झटके, 'मुश्किलों का पहाड़'

अफ़ग़ानिस्तान के हेरात प्रान्त के ज़िन्दा जान ज़िले में, अक्टूबर 2023 में आए भूकम्प से भारी तबाही हुई है. ये पूरा गाँव उजड़ गया.
© UNICEF/Khayyam
अफ़ग़ानिस्तान के हेरात प्रान्त के ज़िन्दा जान ज़िले में, अक्टूबर 2023 में आए भूकम्प से भारी तबाही हुई है. ये पूरा गाँव उजड़ गया.

अफ़ग़ानिस्तान: भूकम्प के बार-बार झटके, 'मुश्किलों का पहाड़'

मानवीय सहायता

अफ़ग़ानिस्तान के पश्चिमी हिस्से में, रविवार, 15 अक्टूबर को एक और शक्तिशाली भूकम्प आया जोकि 7 अक्टूबर के बाद से चौथा विनाशकारी झटका था, जिसने पहले से ही भारी तबाही का सामना कर रहे परिवारों की मुश्किलों में और वृद्धि कर दी.

यूएन एजेंसियों का कहना है कि इस इलाक़े के लोगों के पास जीवित रहने का बहुत कम सामान बचा है, जबकि सर्दियाँ बिल्कुल नज़दीक हैं.

एजेंसियों ने बताया है कि 6.3 की तीव्रता वाले इस भूकम्प ने, रविवार को, पूर्वोत्तर नगर – हेरात में सुबह तबाही की दस्तक दी.

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संयुक्त राष्ट्र के आपदा राहत समन्वय कार्यालय – OCHA के अनुसार, इस नवीन भूकम्प में, सोमवार शाम तक मिली ख़बरों के अनुसार, दो लोगों की मौत हुई थी और 150 से अधिक घायल हुए हैं.

अफ़ग़ानिस्तान में, अक्टूबर में आए भूकम्पों में भी अभी तक लगभग 1500 लोगों की मौत हो चुकी है और 2000 से अधिक घायल हुए हैं.

समय के विरुद्ध दौड़

अफ़ग़ानिस्तान में संयुक्त राष्ट्र के कार्यवाहक मानवीय सहायता समन्वयक डेनियल पीटर ऐंडरेस ने भूकम्प के बाद की स्थिति को, मानवीय सहायता एजेंसियों के लिए समय के विरुद्ध दौड़ क़रार दिया. क्योंकि सर्दियों से पहले पर्याप्त सहायता उपलब्ध कराना, बहुत विशाल कार्य है.

डेनियल ने वीडियो लिंक के ज़रिए, न्यूयॉर्क में पत्रकारों को बताया, “इन भूकम्पों ने, अफ़ग़ानिस्तान के कुछ निर्बलतम समुदायों पर क़हर बरपाया है. ये समुदाय पहले ही दशकों से युद्ध जैसे हालात का सामना कर रहे हैं और वहाँ विकास भी बहुत कम है.”

“प्रभावित समुदायों के पास, इस तरह के अनेक और एक साथ आने वाले भूकम्प झटकों का सामना करने की क्षमता नहीं है, विशेष रूप में सर्दी का मौसम इतने नज़दीक होते हुए. बहुत से परिवारों के पास सीमित खाद्य सामग्रियाँ उपलब्ध हैं और उनकी सम्पूर्ण क्षमता भी बहुत सीमित है.”

डेनियल पीटर ऐंडरेस ने बताया कि रात का तापमान बहुत नीचे चला गया है और जिन लोगों के घर इस भूकम्प में क्षतिग्रस्त हो गए हैं, उनमें से बहुत से लोगों को बाहर खुले स्थानों पर सोना पड़ रहा है क्योंकि उन्हें ये डर है कि उनके बचे-खुचे घर कहीं उनके ऊपर ही नहीं गिर पड़ें.

आरम्भिक सहायता योजना

उन्होंने बताया कि स्थानीय समुदाय और सहायता संगठन, ज़रूरतमन्द लोगों की, खाद्य और अन्य सामग्रियों के ज़रिए मदद कर रहे हैं, जिनमें टैंट, कम्बल और गर्माहट रखने का सामान शामिल है. अलबत्ता, अभी अधिक सहायता की ज़रूरत है.

अफ़ग़ानिस्तान में मानवीय सहायता समुदाय ने पुनर्बहाली के लिए आरम्भिक योजना बनाई है जिसमें एक लाख 14 हज़ार ऐसे लोगों तक सहायता पहुँचाई जाएगी जिनके घर पूरी तरह से या आंशिक रूप में क्षतिग्रस्त हुए हैं.

डेनियल पीटर ऐंडरेस ने कहा कि इस संकट की प्रतिक्रिया सहायता को, वर्ष 2023 की अफ़ग़ानिस्तान की सहायता योजना में मिलाया जाएगा, जो स्वयं अभी बहुत कम वित्तपोषित है.

जर्जर क्षेत्र

संयुक्त राष्ट्र के विश्व खाद्य कार्यक्रम (WFP) ने सोमवार को कहा है कि इन शक्तिशाली भूकमापों ने, अफ़ग़ानिस्तान के लोगों की “कठिनाई के पहाड़ में” और इज़ाफ़ा कर दिया है.

अफ़ग़ानिस्तान में यूएन एजेंसी के एक प्रवक्ता फ़िलिपे क्रॉप्फ़ का कहना है, “ऐसे बहुत से समुदाय हैं जो पहले से ही, ख़ुद के लिए भरपेट भोजन का प्रबन्ध नहीं कर पा रहे हैं और इस तरह का हर एक संकट, उन्हें तकलीफ़ों के एक नए गर्त में धकेल देता है.”

उन्होंने बीते सप्ताह आए प्रथम भूकम्प से प्रभावित इलाक़ों का दौरा किया है. उन्होंने कहा कि ये स्थिति, देश में 40 वर्षों से लगातार जारी युद्धक हालात के बीच उत्पन्न हुई है, जिसमें उच्च स्तर की खाद्य असुरक्षा, पाँच साल से सूखा पड़ने या सूखे जैसे हालात हैं. और दो वर्ष पहले, आर्थिक विघटन ने, बहुत से लोगों की आजीविकाएँ और रोज़गार ध्वस्त कर दिए.

OCHA के अनुसार, इन भूकम्पों में अभी तक लगभग 43 हज़ार लोग यानि क़रीब 7,165 लोग प्रत्यक्ष रूप में प्रभावित हुए हैं. 3,300 से अधिक घर क्षतिग्रस्त हुए हैं, जिनमें से 2,100 घरों को गम्भीर क्षति पहुँची है.