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फ़लस्तीनी राष्ट्रपति महमूद अब्बास, यूएन महासभा को सम्बोधित करते हुए (21 सितम्बर 2023)

UNGA78: ‘जघन्य क़ब्ज़ा’ अधिक समय तक नहीं चलेगा, महमूद अब्बास

UN Photo/Cia Pak
फ़लस्तीनी राष्ट्रपति महमूद अब्बास, यूएन महासभा को सम्बोधित करते हुए (21 सितम्बर 2023)

UNGA78: ‘जघन्य क़ब्ज़ा’ अधिक समय तक नहीं चलेगा, महमूद अब्बास

यूएन मामले

फ़लस्तीनी राष्ट्रपति महमूद अब्बास ने संयुक्त राष्ट्र महासभा को सम्बोधित करते हुए कहा है कि जो लोग ये सोचते हैं कि फ़लस्तीनी लोगों को उनके वाजिब और राष्ट्रीय अधिकारों का आनन्द लेने के लिए पूर्ण अनुमति दिए बिना, मध्य पूर्व क्षेत्र में शान्ति क़ायम हो सकती है, वो भूल कर रहे हैं.

उन्होंने यूएन महासभा के 78वें सत्र की उच्च स्तरीय जनरल डिबेट में शिरकत करते हुए कहा कि वो अपने लोगों की आकांक्षाएँ अपने साथ लेकर यहाँ पहुँचे हैं, जो मुक्ति और स्वतंत्रता के लिए संघर्षरत हैं, वो यूएन महासभा को 75 वर्ष पहले नकबा द्वारा उत्पन्न त्रासदी की याद दिलाने के लिए भी आए हैं, जिसके भीषण प्रभावों को, फ़लस्तीनी क्षेत्रों पर इसराइली क़ब्ज़ा, और भी दर्दनाक बनाना जारी रखे हुए है.

राष्ट्रपति महमूद अब्बास ने कहा, “एक ऐसा क़ब्ज़ा जो आपके इरादे को चुनौती देता है, अन्तरराष्ट्रीय क़ानून और अन्तरराष्ट्रीय वैधता के सिद्धान्त का हनन करता है, साथ ही ये क़ब्ज़ा, ऐतिहासिक, भौगोलिक और ज़मीन पर, जनसांख्यिकी वास्तविकता को बदलने की दौड़ में भी शामिल है. इसका मक़सद क़ब्ज़े को जारी रखना और रंगभेद का विस्तार करना है.”

लोगों के विरुद्ध हमले

फ़लस्तीनी नेता ने इसराइल की “नस्लवादी दक्षिणपंथी” सरकार द्वारा लगातार किए जाने वाले हमलों की तरफ़ ध्यान दिलाया, जिनमें लोगों का अपहरण, उनके घरों का विध्वंस, संसाधनों की चोरी और शहीदों के शव, उनके परिवारों को सौंपने से इनकार किया जाना शामिल है.

उन्होंने कहा कि ये हमले, येरुशेलेम शहर, और इस पवित्र स्थल के ऐतिहासिक और क़ानूनी दर्जे का हनन करना भी जारी रखे हए हैं.

महमूद अब्बास ने कहा, “क़ाबिज़ ताक़त, अल-अक्सा मस्जिद के नीचे और उसके आसपास एक सुरंग भी खोद रही है, जिससे इस इमारत के या इसके कुछ हिस्सों के ढह जाने का जोखिम उत्पन्न हो गया है. अगर ऐसा हुआ तो इससे भयंकर परिणामों वाला विस्फोट हो जाएगा.”

उन्होंने कहा, “हमने राजनैतिक टकराव को एक धार्मिक टकराव में तब्दील करने के विरुद्ध बार-बार आगाह किया है, जिसकी पूरी ज़िम्मेदारी इसराइल पर है.”

अन्तरराष्ट्रीय सम्मेलन की पुकार

फ़लस्तीनी राष्ट्रपति महमूद अब्बास ने, इसराइली नीतियों के कारण ठप पड़ी शान्ति प्रक्रिया के सन्दर्भ में, यूएन महासभा से एक अन्तरराष्ट्रीय शान्ति सम्मेलन बुलाए जाने का आग्रह किया, जिसमें मध्य पूर्व में शान्ति हासिल करने की इच्छा रखने वाले तमाम देश शिरकत करें.

उन्होंने कहा कि ये शान्ति सम्मेलन, दो राष्ट्रों की स्थापना के समाधान और स्थिति को और अधिक गम्भीर रूप में ख़राब होने से रोकने का शायद अन्तिम अवसर हो.

महमूद अब्बास ने यूएन महासचिव से भी, फ़लस्तीनी लोगों को संरक्षण व सुरक्षा मुहैया कराने वाले प्रस्तावों का क्रियान्वयन सुनिश्चित करने का आग्रह किया.

फ़लस्तीन राष्ट्र को मान्यता

फ़लस्तीनी राष्ट्रपति ने उन देशों से फ़लस्तीन को एक राष्ट्र के रूप में मान्यता दिए जाने का आग्रह किया, जिन्होंने अभी तक ऐसा नहीं किया है. 

उन्होंने साथ ही, फ़लस्तीनी राष्ट्र को संयुक्त राष्ट्र में पूर्ण सदस्य के रूप में प्रवेश दिए जाने का भी आग्रर किया.

क़ब्ज़ा अधिक समय तक नहीं चलेगा

महमूद अब्बास ने अपने सम्बोधन के अन्त मे कहा कि इसराइलियों के लिए उनका सन्देश ये है कि “ये जघन्य क़ब्ज़ा, जो हम पर थोपा हुआ है, उनकी तमाम महत्वाकांक्षाओं और भ्रमों के बावजूद, अधिक समय तक नहीं चलेगा.”

उन्होंने कहा, “फ़लस्तीनी जन अपनी ज़मीन पर क़ायम रहेंगे, जहाँ वो हज़ारों वर्षों से रहते आए हैं, पीढ़ी दर पीढ़ी... वो अपनी ज़मीन नहीं छोड़ सकते, और अगर किसी को वहाँ से हटना है तो वो है क़ाबिज़ ताक़त.” 

सम्बोधन की पूर्ण प्रति यहाँ उपलब्ध है