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ग़ाज़ा युद्ध में सर्वोच्च बलिदान करने वाले, 101 यूएन स्टाफ़ का स्मरण और सम्मान

ग़ाज़ा युद्ध में मारे गए 101 यूएन स्टाफ़ के स्मरण व सम्मान में, दुनिया भर के, यूए कार्यालयों में, 13 नवम्बर को, यूएन ध्वज आधे झुकाए गए और एक मिनट का शोक मौन रखा गया.
© UNRWA/Fadi El Tayyar
ग़ाज़ा युद्ध में मारे गए 101 यूएन स्टाफ़ के स्मरण व सम्मान में, दुनिया भर के, यूए कार्यालयों में, 13 नवम्बर को, यूएन ध्वज आधे झुकाए गए और एक मिनट का शोक मौन रखा गया.

ग़ाज़ा युद्ध में सर्वोच्च बलिदान करने वाले, 101 यूएन स्टाफ़ का स्मरण और सम्मान

यूएन मामले

संयुक्त राष्ट्र के दुनिया भर में स्थित कार्यालयों ने, ग़ाज़ा में मौजूदा युद्ध में मारे गए 101 यूएन स्टाफ़ की सम्मान में, सोमवार को, यूएन ध्वज आधा झुकाया है और उनकी याद में शोक मौन भी रखा गया है. संयुक्त राष्ट्र के 78 वर्ष के इतिहास में, किसी एक संकट में सर्वोच्च बलिदान करने वाले यूएन सहयोगियों की ये सबसे बड़ी संख्या है.

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अपना सर्वोच्च बलिदान करने वाले ये यूएन कर्मी, फ़लस्तीनी शरणार्थियों के लिए यूएन सहायता एजेंसी - UNRWA के लिए काम करते थे और पिछले एक महीने के दौरान भीषण बमबारी और ग़ाज़ा की पूर्ण नाकाबन्दी के बीच भी, इलाक़े के लगभग 22 लाख लोगों को जीवन रक्षक सहायता उपलब्ध करा रहे थे.

अपने जीवन की क़ुरबानी देने वाले इन यूएन सहयोगियों में स्कूल प्रधानाचार्य, अध्यापक, एक प्रसव विशेषज्ञ सहित स्वास्थ्यकर्मी, इंजीनियर, सहायक स्टाफ़ और मनोवैज्ञानिक शामिल थे.

ग़ाज़ा पट्टी में UNRWA के निदेशक टॉम व्हाइट ने रफ़ाह से बताया है, "ग़ाज़ा में एजेंसी का स्टाफ़, पूरे विश्व में, यूएन ध्वज को झुकाए जाने की सराहना करता है. अलबत्ता, ग़ाज़ा में हमें यूएन ध्वज को, इस बात के संकेत के रूप में पूर्ण व उच्च उड़ान पर रखना है कि हम अब भी मुस्तैद हैं और ग़ाज़ा के लोगों की सेवा कर रहे हैं."

शोक मौन

विश्व भर में तमाम यूएन अधिकारियों व कर्मचारियों ने, अपने दिवंगत सहयोगियों की याद में, अपने-अपने ड्यूटी केन्द्रों पर, एक मिनट का शोक मौन भी रखा, और यूएन ध्वज को आधा झुकाया गया.

जिनीवा में यूएन कार्यालय की नहानिदेशक तातियाना वलोवाया ने इस अवसर पर कहा, इन यूएन सहयोगियों सर्वोच्च बलिदान की ये संख्या, इस विश्व संगठन के इतिहास में, इतनी छोटी सी अवधि में मारे गए सहायता कर्मियों की अब तक की सबसे बड़ी संख्या है.

उन्होंने कहा, "हमारे हज़ारों सहयोगी, दुनिया के बेहद जोखिम वाले इलाकों में यूएन ध्वज के तहत काम करना जारी रखे हुए हैं. आइए, हम उनकी गतिविधियों, उनके काम, उनके समर्पण को श्रद्धांजलि अर्पित करें."

'एक रहबर मशाल'

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के महानिदेशक डॉक्टर टैड्रॉस ऐडहेनॉम घेबरेयेसस ने, जिनीवा में इस मौक़े पर कहा कि UNRWA के सहकर्मी, "संयुक्त राष्ट्र की भावना का प्रतिनिधित्व करते हैं, जो अत्यावश्यक मानवीय सहायता व समर्थन मुहैया कराने के लिए, युद्धग्रस्त क्षेत्रों में अग्रिम मोर्चों पर मुस्तैद हैं."

ग़ाज़ा युद्ध में सर्वोच्च बलिदान करने वाले यूएन स्टाफ़ की याद में, यूएन मुख्यालय में एक मिनट का शोक मौन. (13 नवम्बर 2023).
UN Photo/Eskinder Debebe

डॉक्टर टैड्रॉस ने WHO कर्मियों से कहा, "शान्ति, न्याय और अन्य लोगों की बेहतरी के लिए उनका बेमिसाल समर्पण, हमारे साझा मिशन की महत्ता की पथप्रदर्शक मशाल और उसकी महत्ता का अनुस्मारक है."

यूएन महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने, न्यूयॉर्क स्थित मुख्यालय में एक मिनट के शोक मौन का नेतृत्व किया, जो आर्थिक व सामाजिक परिषद (ECOSOC) के परिसर में आयोजित किया गया.

एंतोनियो गुटेरेश के साथ-साथ, दुनिया भर से आए रैज़िडैंट कोऑर्डिनेटर्स ने भी इस शोक मौन में शिरकत की, जिनकी इस सप्ताह बैठक हो रही है. इस शोक मौन में उप महासचिव आमिना जे मोहम्मद और यूएन महासभा अध्यक्ष डेनिस फ़्रांसिस ने भी शिरकत की.

इस बीच, यूएस स्टाफ़ यूनियन ने भी, सचिवालय लॉबी में एक शोक सभा का आयोजन किया और दिवंगत सहयोगियों के नाम, बुलन्द आवाज़ में पढ़े.

यूएन स्टाफ़ यूनियन के प्रथम उपाध्यक्ष फ़्रांसिसको ब्रिटो ने इस शोक सभा में, 'मृतकों के शाश्वत शक्ति व शान्ति में अनन्त विश्राम की कामना की".

इस शोक सभा में बहुत से स्टाफ़ सदस्यों ने भी शिरकत की जिनमें से कुछ सदस्यों ने तख़्तियाँ भी प्रदर्शित कीं जिन पर लिखा था - 'संरक्षण की ज़िम्मेदारी,' 'हत्याएँ रोकें,' 'आम लोगों की रक्षा करें.' तख़्तियों पर कुछ अन्य अपीलें भी शामिल थीं.

यूएन ध्वज का झुकाया जाना

यूएन सचिवालय में, शोक सभा प्रातः क़रीब 7.30 बजे शुरू हुई जब यूएन ध्वज सामान्य रूप से फ़हराए जाने के बाद, पूरे दिन के लिए आधा झुका दिया गया.

आमतौर पर, संयुक्त राष्ट्र के सभी 193 देशों और दो पर्यवेक्षक देशों - फ़लस्तीन और वेटिकन सिटी - के ध्वज, सोमवार से शुक्रवार तक हर रोज़ सुबह फ़हराए जाते हैं और दोपहर बाद उतार लिए जाते हैं.

पर्यवेक्षक देश - फ़लस्तीन के स्थाई पर्यवेक्षक रियाद मंसूर ने भी सचिवालय के प्रांगण में आयोजित इस सादे समारोह में शिरकत की और कहा कि इस भाव प्रदर्शन से, UNRWA के स्टाफ़ सदस्यों और तमाम फ़लस्तीनी शहीदों को सम्मान मिला है जो इस बर्बर युद्ध में मारे गए हैं, और उनमें हज़ारों बच्चे भी हैं.

रियाद मंसूर ने ग़ाज़ा में तत्काल एक मानवीय युद्ध विराम लागू किए जाने के साथ-साथ सहायता सामग्री, दवाओं और पानी से भरे, सैकड़ों ट्रकों को ग़ाज़ा में दाख़िल होने की अनुमति दिए जाने की ज़रूरत पर ज़ोर दिया

उन्होंने कहा, "और हम चाहते हैं कि ग़ाज़ा में विशाल आबादी को बेदख़ल किए जाने के, मानवता के विरुद्ध अपराध को रोकना चाहते हैं... फ़लस्तीनी लोगों को ग़ाज़ा पट्टी में ही रहने दिया जाए. यह हमारी मातृभूमि है."

उन्होंने कहा, "हम एक और नाकबा से नहीं गुज़रना चाहते हैं. हम अपनी मातृभूमि में ही रहना चाहते हैं और ग़ाज़ा पट्टी का पुनर्निर्माण करना चाहते हैं."

रियाद मंसूर ने फ़लस्तीनी क्षेत्रों पर, इसराइली क़ब्ज़े को ख़त्म करने के लिए, "किसी राजनैतिक क्षितिज" के लिए आशा भी व्यक्त की, "ताकि फ़लस्तीनी लोग, हमारे स्वतंत्र देश में आज़ादी और गरिमा के साथ जीवन जी सकें, जिसमें पवित्र येरूशेलम, हमारे देश की राजधानी हो."