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कोरियाई युद्धविराम की 70वीं वर्षगाँठ, संवाद फिर शुरू करने की पुकार

संयुक्त राष्ट्र के कोरिया के एकीकरण और पुनर्वास आयोग के सदस्य, एक गाँव का दौरा करते हुए.
UN Photo/Gordenker
संयुक्त राष्ट्र के कोरिया के एकीकरण और पुनर्वास आयोग के सदस्य, एक गाँव का दौरा करते हुए.

कोरियाई युद्धविराम की 70वीं वर्षगाँठ, संवाद फिर शुरू करने की पुकार

शान्ति और सुरक्षा

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने कोरियाई प्रायद्वीप में राजनय में बढ़ोत्तरी करने की ज़रूरत को रेखांकित करते हुए, दोनों देशों से एक टिकाऊ शान्ति की ख़ातिर बातचीत फिर शुरू करने का आग्रह किया है.

यूएन प्रमुख का यह सन्देश, कोरियाई युद्ध के विराम समझौते की 70वीं वर्षगाँठ के अवसर पर आया है. 

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उस समझौते के ज़रिए, दक्षिण कोरिया और उत्तर कोरिया के दरम्यान युद्धक गतिविधियों को विराम लगा था और एक असैन्य क्षेत्र स्थापित किया गया था, जोकि लगभग 240 किलोमीटर लम्बा और 4 किलोमीटर चौड़ा था, जिसे तटस्थ क्षेत्र कहा गया.

मगर वो टकराव, आधिकारिक रूप में कभी भी समाप्त नहीं हुआ क्योंकि कोरिया लोकतांत्रिक जन गणराज्य (उत्तर कोरिया) और कोरिया गणराज्य (दक्षिण कोरिया) के बीच, कभी भी एक औपचारिक शान्ति सन्धि पर सहमति नहीं बन सकी.

विभाजित प्रायद्वीप

यूएन महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने ध्यान दिलाते हुए कहा कि कोरिया प्रायद्वीप अब भी विभाजित बना हुआ है और बढ़ते भूराजनैतिक तनावों, बढ़ते परमाणु जोखिमों और अन्तरराष्ट्रीय मानकों के लिए कम होते सम्मान के बीच, युद्ध भड़कने का ख़तरा भी बढ़ रहा है.

उन्होंने कहा, “हमें शान्ति की ख़ातिर राजनय को बढ़ाने की ज़रूरत है.” 

यूएन प्रमुख ने सम्बन्धित पक्षों से नियमित कूटनैतिक सम्पर्क फिर शुरू करने और संवाद के लिए रचनात्मक माहौल बनाने का आग्रह किया.

“हमारा लक्ष्य स्पष्ट है: टिकाऊ शान्ति और कोरिया प्रायद्वीप को सम्पूर्ण और पुष्टि योग्य परमाणु मुक्त क्षेत्र बनाना.”

यूएन एक मुस्तैद साझीदार

यूएन महासचिव ने ज़ोर देकर कहा कि संयुक्त राष्ट्र आपका एक मुस्तैद साझीदार है क्योंकि ये संगठन, एक ऐसे कोरियाई प्रायद्वीप के सपने को साकार करने के लिए सक्रिय है, जिसमें सभी पक्ष व जन शान्ति, ख़ुशहाली, और मानवाधिकारों का आनन्द ले सकें.

उन्होंने कहा कि वो कोविड-19 महामारी के बाद के हालात में, उत्तर कोरिया की राजधानी प्योंगयैंग में, यूएन कर्मचारियों और अन्तरराष्ट्रीय समुदाय की वापसी के लिए आशान्वित हैं.

यूएन प्रमुख ने कहा, “ये सामूहिक वापसी, लोगों को बेहतर तरीक़े से समर्थन देने, सम्बन्ध मज़बूत करने, और संवाद चैनलों को मज़बूत करने में महत्वपूर्ण योगदान करेगी.”