गर्मी, सूखा और जंगली आगों के साथ, जुलाई अभी तक की सबसे गर्म जुलाई, WMO

संयुक्त राष्ट्र के विश्व मौसम विज्ञान संगठन (WMO) ने मंगलवार को कहा है कि हाल ही में बीता जुलाई महीना, अत्यधिक चरम गर्मी, सूखा और जंगली आगों के साथ, दुनिया के अनेक हिस्सों में, रिकॉर्ड में दर्ज सर्वाधिक गर्म जुलाई महीनों में से एक रहा है.
विश्व मौसम संगठन के अनुसार पूरे योरोप क्षेत्र में तापमान, 1991-2020 की तुलना में औसतन 0.4 डिग्री सेल्सियस ज़्यादा रहा, जबकि दक्षिण-पूर्वी और पश्चिमी योरोप औसत से ज़्यादा गर्म क्षेत्रों मे रहा, क्योंकि वहाँ मध्य जुलाई में सघन गर्मी-लू देखी गई.
We just had 3rd warmest July on record, according to WMO's friends at @CopernicusECMWF #Heatwave and drought in large parts of Europe, impacting health, agriculture, ecosystemsLowest Antarctic sea ice on record for month of JulyMore👉https://t.co/vFdWSRQZ1e#StateofClimate pic.twitter.com/FzGCjOGr2R
WMO
विश्व मौसम संगठन की प्रवक्ता क्लेयर न्यूलिस का कहना है, “ये गर्मी ला नीना प्रभाव के बावजूद पड़ी, जिससे कुछ ठण्डा प्रभाव होने की सम्भावना थी.”
“हमने ऐसा कुछ ही स्थानों पर देखा, वैश्विक स्तर पर नहीं.”
प्रवक्ता ने बताया कि गत जुलाई का महीना, रिकॉर्ड पर अभी तक का सबसे गर्म जुलाई महीना रहा है, जोकि जुलाई 2019 की तुलना में कुछ कम गर्म तो रहा, मगर जुलाई 2016 की तुलना में ज़्यादा गर्म, मगर अन्तर बहुत ही मामूली रहा है.
पुर्तगाल, फ्रांस का पश्चिमी हिस्सा और आयरलैण्ड में गर्मी रिकॉर्ड उँचाई पर रही, जबकि इंगलैण्ड में तापमान बिल्कुल पहली बार 40 डिग्री सेल्सियस तक पहुँचा.
वेल्स और स्कॉटलैण्ड में भी, राष्ट्रीय स्तर पर अभी तक के दैनिक तापमान का सर्वाधिक उच्च रहने के रिकॉर्ड टूटा.
स्पेन में भी जुलाई महीना अभी तक का सबसे गर्म जुलाई महीना रहा जहाँ औसत राष्ट्रीय तापमान 25.6 डिग्री सेल्सियस रहा.
वहाँ 8 से 26 जुलाई को चली लू बहुत गर्म व सघन रही जोकि रिकॉर्ड पर सबसे लम्बा समय था.
विश्व मौसम संगठन ने योरोपीय आयोग की कॉपरनिकस जललवायु परिवर्तन सेवा के आँकड़ों के हवाले से पुष्टि की है कि योरोप में ये जुलाई महीना, अभी तक का छठा सबसे गर्म जुलाई महीना रहा है.
इसी बीच, हॉर्न ऑफ़ अफ़्रीका और भारत के दक्षिणी हिस्सों तक, और मध्य एशिया से लेकर ऑस्ट्रेलिया के अधिकतर भागों तक, तापमान औसत से कम रहा.
कुछ ऐसा ही वातावरण आइसलैण्ड से लेकर पूरे स्कैण्डिनेविया से होकर बाल्टिक देशों और कैस्पियन सागर तक देखा गया.
उससे भी ज़्यादा जियॉर्जिया और तुर्कीये के अधिकतर हिस्से, तापमान, आमतौर पर औसत से कम रहा.
जुलाई महीने में अण्टार्कटिक सागर में भी अभी तक की सबसे कम बर्फ़ देखी गई, जोकि औसत से पूरे 7 प्रतिशत कम थी.
आर्कटिक सागर में बर्फ़ औसत से चार प्रतिशत कम थी, जोकि सैटेलाइट रिकॉर्ड के अनुसार, जुलाई महीने में लगातार 12वीं बार सबसे कम थी.
विश्व मौसम संगठन की प्रवक्ता क्लेयर न्यूलिस ने बताया कि हिमनदों (Glaciers) ने बहुत ही क्रूर गर्मी देखी है.
विश्व मौसम संगठन के महासचिव पैटेरी टालस ने गर्मी की चरम स्थिति के दौरान, 18 जुलाई को कहा था, “इस तरह की गर्मी और लू, अब नई सामान्य स्थित बन चुकी है.”