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यूक्रेन में, ‘बेतुके, निराधार युद्ध’ को ख़त्म करने की अपील

संयुक्त राष्ट्र यूक्रेन में स्थानीय ग़ैर-सरकारी संगठनों के साथ मिलकर, निर्बल हालात वाले लोगों को ज़रूरी सहायता मुहैया कराने के लिए काम कर रहा है.
© OCHA/Matteo Minasi
संयुक्त राष्ट्र यूक्रेन में स्थानीय ग़ैर-सरकारी संगठनों के साथ मिलकर, निर्बल हालात वाले लोगों को ज़रूरी सहायता मुहैया कराने के लिए काम कर रहा है.

यूक्रेन में, ‘बेतुके, निराधार युद्ध’ को ख़त्म करने की अपील

शान्ति और सुरक्षा

संयुक्त राष्ट्र के राजनैतिक मामलों की प्रमुख रोज़मैरी डीकार्लो ने यूक्रेन में, निराधार युद्ध को ख़त्म किए जाने की अपील की है, जो इस सप्ताह 500 दिन तक जारी रहने का निशान पार कर गया है.

यूएन अवर महासचिव रोज़मैरी डीकार्लो ने सोमवार को, काला सागर अनाज निर्यात पहल की समयावधि समाप्त होने के सम्बन्ध में सुरक्षा परिषद को, नवीनतम स्थिति से अवगत कराया है. 

इस पहल के तहत यूक्रेन और रूस से, दुनिया के अनेक हिस्सों के लिए, अनाज और उर्वरक निर्यात सम्भव हो सका था.

उन्होंने आगाह करते हुए कहा, “युद्ध जितना लम्बा चलेगा, उसके परिणाम भी उतने ही भीषण होंगे, जिनमें टकराव का दायरा बढ़ जाने की सम्भावना भी शामिल है.”

“यूक्रेनी लोगों की ख़ातिर, और हमारे वैश्विक समुदाय की ख़ातिर, इस बेतुके, निराधार युद्ध को ख़त्म होना होगा.”

यूएन चार्टर का उल्लंघन

रोज़मैरी डीकार्लो ने फ़रवरी, 2022 में, यूक्रेन में रूस द्वारा पूर्ण स्तर का आक्रमण शुरू किए जाने के बाद, हुई भीषण तबाही का विवरण भी प्रस्तुत किया.

संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार उच्चायुक्त कार्यालय (OHCHR) के अनुसार अभी तक, 9 हज़ार 287 लोग मारे जा चुके हैं और 16 हज़ार, 300 से अधिक घायल हुए हैं. अलबत्ता, हताहतों की ये संख्या इससे कहीं अधिक होने की सम्भावना है.

ख़ासतौर से बच्चे बहुत बुरी तरह प्रभावित हैं और 537 बच्चों की मौत हुई है. 

वर्ष 2022 के दौरान, यूक्रेन ऐसा देश था जहाँ सबसे ज़्यादा बच्चे या तो मारे गए या अपंग हुए, और ऐसा देश भी जहाँ स्कूलों व अस्पतालों पर सबसे अधिक हमले हुए.

रोज़मैरी डीकार्लो ने कहा, “जैसाकि महासचिव ने बार-बार रेखांकित किया है कि यूक्रेन पर रूस का आक्रमण, यूएन चार्टर और अन्तरराष्ट्रीय क़ानून का खुला उल्लंघन है.”

परमाणु सुरक्षा चिन्ताएँ

रोज़मैरी डीकार्लो ने ज़ैपोरिझझिया परमाणु ऊर्जा संयंत्र की नाज़ुक स्थिति का भी ज़िक्र किया, जो युद्ध शुरू होने के आरम्भिक सप्ताहों से ही, रूस के नियंत्रण में रहा है.

इस संयंत्र में मौजूद, अन्तरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) के विशेषज्ञों ने हाल के दिनों में, वहाँ बहुत से विस्फोटों की आवाज़ें सुनी हैं, जोकि सम्भवतः उस संयंत्र से कुछ दूरी पर हुए.

रोज़मैरी डीकार्लो ने कहा, “वो विस्फोट, देश में सैन्य टकराव के दौरान, इस परमाणु संयंत्र के सामने दरपेश सुरक्षा जोख़िमों की याद दिलाते हैं.”

लाखों लोगों तक सहायता आपूर्ति

यूक्रेन में युद्ध जारी रहने के दौरान भी, संयुक्त राष्ट्र और उसके साझीदार संगठन, सहायता आपूर्ति जारी रखे हुए हैं, और इस वर्ष अभी तक देश में लगभग 50 लाख लोगों तक मदद पहुँचाई गई है.

रोज़मैरी डीकार्लो ने कहा कि मानवीय सहायता कर्मी, अब भी रूस के नियंत्रण वाले दोनेत्स्क, लूहांस्क, ख़ेरसॉन और ज़ैपोरिझझिया क्षेत्रों में नहीं पहुँच पा रहे हैं, जहाँ लगभग 37 लाख लोगों को सहायता की आवश्यकता है. रूस और यूक्रेन सरकारों के साथ सम्पर्क जारी है.

स्वदेश वापसी के लिए बेताब

इस बीच, लोगों का विस्थापन एक गम्भीर चिन्ता बना हुआ है. लगभग 63 लाख यूक्रेनी लोग, शरणार्थियों का जीवन जी रहे हैं, और लगभग 51 लाख लोग, देश के भीतर ही विस्थापित हुए हैं.

संयुक्त राष्ट्र के प्रवासन मामलों की एजेंसी – (IOM) का कहना है कि क़रीब साढ़े 47 लाख लोग, युद्ध शुरू होने के बाद से, अपने समुदायों में वापिस लौट चुके हैं, जिनमें लगभग 11 लाख शरणार्थी भी हैं.

बाक़ी बचे शरणार्थी और देश के भीतर ही विस्थापित हुए लोगों में से अधिकतर, अपने घरों को वापिस लौटना चाहते हैं, मगर असुरक्षा के कारण ऐसा सम्भव नहीं हो पा रहा है, क्योंकि यूक्रेन अब दुनिया में सबसे ज़्यादा विस्फोटकों की तैनाती वाला देश बन गया है.