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दारफ़ूर: अन्तरराष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय ने हिंसा के बढ़ते मामलों की शुरू की जाँच

उत्तर दारफ़ूर के उम बारु में सूडानी महिलाएँ. (फ़ाइल)
UNAMID/Hamid Abdulsalam
उत्तर दारफ़ूर के उम बारु में सूडानी महिलाएँ. (फ़ाइल)

दारफ़ूर: अन्तरराष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय ने हिंसा के बढ़ते मामलों की शुरू की जाँच

शान्ति और सुरक्षा

अन्तरराष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय (ICC) के मुख्य अभियोजक करीम ख़ान ने दारफ़ूर क्षेत्र में युद्ध अपराधों और मानवता के विरुद्ध अपराधों के आरोपों की जाँच कराए जाने की बात कही है. बताया गया है कि सूडान के अर्द्धसैनिक बल (RSF) और उसके सहयोगी गुट द्वारा कथित रूप से जातीय मसालित समुदाय के 87 सदस्यों की हत्या किए जाने की घटना भी जाँच के दायरे में है. 

मुख्य अभियोजक ने गुरूवार को सुरक्षा परिषद को बताया कि वर्ष 2005 में दारफ़ूर में हालात को आपराधिक कोर्ट के संज्ञान में लाए जाने के सिलसिले में पारित प्रस्ताव 1593, के तहत उनके कार्यालय का शासनादेश (mandate) स्पष्ट है. 

उन्होंने कहा कि हमारे न्यायाधिकार क्षेत्र में घटित अपराधों के सिलसिले में, जनसंहार, मानवता के विरुद्ध अपराधों और युद्धापराधों, और इन अपराधों को अंजाम देने वाले किसी भी व्यक्ति की जाँच की जाएगी. 

मुख्य अभियोजक ने कहा कि आईसीसी के स्वतंत्र न्यायाधीशों के आकलन के आधार पर निष्पक्ष और स्वतंत्र अदालती कार्रवाई के ज़रिये दोषियों की जवाबदेही तय करने में कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी.

करीम ख़ान ने सुरक्षा परिषद के 15 सदस्य देशों से यूएन चार्टर के सिद्धान्तों, आईसीसी की रोम संविदा के तहत तयशुदा दायित्वों और सुरक्षा परिषद की शक्ति व अधिकारों पर एक साथ आने का आग्रह किया. 

सुरक्षा परिषद ने वर्ष 2005 में निर्धारित किया था कि दारफ़ूर और सूडान मे हिंसा, अन्तरराष्ट्रीय शान्ति व सुरक्षा के लिए एक ख़तरा है.

उन्होंने कहा कि ये ना केवल सूडान में अंजाम दिए गए कृत्यों पर लागू होती है, बल्कि सूडान के बाहर से दारफ़ूर में अपराधों में मदद करने, उकसाने और निर्देशित करने वाले व्यक्तियों की भी जाँच की जा सकती है.

अन्तरराष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय के मुख्य अभियोजक करीम ख़ान सुरक्षा परिषद में सदस्य देशों को सम्बोधित कर रहे हैं.
UN Photo/Eskinder Debebe
अन्तरराष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय के मुख्य अभियोजक करीम ख़ान सुरक्षा परिषद में सदस्य देशों को सम्बोधित कर रहे हैं.

स्पष्ट निर्देश 

मुख्य अभियोजक करीम ख़ान ने कहा कि उन्होंने अपने कार्यालय को स्पष्ट निर्देश जारी किए हैं कि बच्चों के विरुद्ध और यौन व लिंग-आधारित हिंसा के अपराधों को प्राथमिकता दी जानी होगी.

साथ ही, एक सुरक्षित ऑनलाइन पोर्टल तैयार किए जाने की भी घोषणा की गईहै, जहाँ अपराधों व अधिकार हनन के मामलों में जानकारी भेजी जा सकेगी.

आईसीसी अभियोजक ने सूडान में युद्धरत पक्षों से अन्तरराष्ट्रीय मानव कल्याण क़ानूनों के तहत अपने तय दायित्वों का निर्वहन करने और आमजन की रक्षा करने का आग्रह किया है.

उन्होंने प्रस्ताव 1593 के आधार पर एक अपडेट भी साझा किया, जोकि दारफ़ूर में जंजावीड मिलिशिया के वरिष्ठ नेता अली मुहम्मद अली अब्द-अल-रहमान पर मुक़दमे की कार्रवाई में प्रगति से जुड़ा था.

इसके अलावा, पूर्व राष्ट्रपति ओमर अल बशीर और पूर्व मंत्रियों, अहमद मुहम्मद हारुन और अब्देल रहीम मुहम्मद हुसैन पर युद्ध अपराधों और मानवता के विरुद्ध अपराधों से जुड़े मामलों पर भी जानकारी दी गई.