यूक्रेन: 'विवेकहीन युद्ध' पर विराम लगाने के लिये, दोगुने प्रयासों की पुकार

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने गुरूवार को सुरक्षा परिषद में विदेश मंत्रियों की एक बैठक को सम्बोधित करते हुए कहा है कि यूक्रेन में युद्ध का अन्त होने के फ़िलहाल कोई आसार नज़र नहीं आ रहे हैं. उन्होंने कहा कि इसके मद्देनज़र, सदस्य देशों को तनाव और ज़्यादा भड़कने से रोकने और लड़ाई पर विराम लगाने के लिये अपने प्रयास बढ़ाने होंगे.
रूस ने 24 फ़रवरी को यूक्रेन पर आक्रमण किया था और यह हिंसक युद्ध अब अपने सातवें महीने में प्रवेश कर चुका है.
मगर, इस संघर्ष से विश्व भर में भोजन, ऊर्जा व वित्तीय संकट भी उत्पन्न हुआ है, जिसने बड़ी संख्या में लोगों को अत्यधिक निर्धनता व भूख के गर्त में धकेला है.
Today, the @UN Security Council gathered for a high-level meeting on the maintenance of peace and security of #Ukraine. To learn more about high-level meetings held this past year, follow #UNSCAD's Monthly Newsletter 📢 : https://t.co/2O4CCzxgte pic.twitter.com/QlOLpAQX4L
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साथ ही, परमाणु तबाही के घटित होने की आशंका भी बढ़ रही है.
महासचिव ने ध्यान दिलाया, “जैसेकि मैंने आरम्भ से ही कहा है, इस बेतुके युद्ध में भयावह नुक़सान करने की असीमित सम्भावना है – यूक्रेन और दुनिया भर में.”
“यूक्रेन में पीड़ा का अन्त करने का केवल एक ही रास्ता है – और वो युद्ध को समाप्त करने से ही होगा.”
यूएन महासचिव ने बुधवार को यूक्रेन और रूस के बीच 250 से अधिक युद्धबन्दियों की अदला-बदली किये जाने की ख़बर को स्वागत योग्य बताया.
उन्होंने दोनों पक्षों के प्रयासों की सराहना करते हुए उम्मीद जताई कि इससे आने वाले दिनों में और अदला-बदली का रास्ता खुलेगा. इस विषय में, उन्होंने समझौते को सम्भव बनाने के लिये तुर्कीये और सऊदी अरब का आभार व्यक्त किया है.
गुरूवार को सुरक्षा परिषद में यह बैठक, यूएन महासभा के वार्षिक सत्र में उच्चस्तरीय जनरल डिबेट के दौरान आयोजित की गई, जिसमें सुरक्षा परिषद के 15 सदस्य देशों, यूक्रेन और योरोपीय संघ के विदेश मंत्रियों ने हिस्सा लिया.
यूएन के शीर्षतम अधिकारी ने क्षोभ व्यक्त किया कि यूक्रेन में युद्ध के कारण बयान से बाहर पीड़ा और तबाही हुई है.
उन्होंने चिन्ता जताई कि नवीनतम घटनाक्रम, परमाणु विनाश की आशंका समेत केवल भय और रक्तपात के अन्तहीन चक्र की ओर ही ले जाएगा.
हिंसा में अब तक हज़ारों आम नागरिक हताहत हुए हैं, जिनमें सैकड़ों बच्चे हैं जबकि एक करोड़ 40 लाख लोग अपना घर छोड़ने जाने के लिये मजबूर हुए हैं.
“हर दिन, औसतन पाँच बच्चे या तो मारे जा रहे हैं या घायल हो रहे हैं. यूक्रेन में लगभग हर बच्चे पर, युद्ध के दुस्वप्न का घाव है, हिंसा से लेकर परिवार से दूर हो जाने तक.”
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त कार्यालय (OHCHR) ने क्रूरतापूर्ण घटनाओं व ख़बरों की एक फ़ेहरिस्त तैयार की है.
इनमें आम नागरिकों व युद्धबन्दियों की बिना सुनवाई के हत्या कर दिये जाने, यौन हिंसा, यातना व अन्य अमानवीय बर्ताव के मामले दर्ज किये गए हैं.
यूएन प्रमुख ने इज़यूम शहर में सामूहिक क़ब्रों से प्राप्त जानकारी को बेहद व्यथित कर देने वाली बताया है.
जुलाई महीने में ओलेनिवका में एक हिरासत केन्द्र में एक घातक विस्फोट की पड़ताल के लिये एक दल गठित किया गया है, और जल्द ही उन्हें तैनात किये जाने की सम्भावना है.
इस बीच, संयुक्त राष्ट्र ने ज़रूरतमन्दों तक मानवीय राहत पहुँचाने के लिये अपने प्रयास जारी रखे हैं, जिसे सम्भव बनाने के लिये यूएन महासचिव ने सीधे तौर पर यूक्रेन व रूस के राष्ट्रपति से बातचीत की थी.
यूएन और साझीदार संगठनों ने अब तक एक करोड़ 30 लाख लोगों तक मानवीय सहायता पहुँचाई है.
तुर्कीये के सहयोग से संयुक्त राष्ट्र ने जुलाई महीने में एक महत्वपूर्ण समझौते को मूर्त रूप दिया, जिससे काला सागर के ज़रिये अनाज व उर्वरक की आपूर्ति का मार्ग प्रशस्त हुआ.
उसके बाद से अब तक, क़रीब 30 देशों में 43 लाख मीट्रिक टन खाद्य सामग्री रवाना की गई है. इनमें विश्व खाद्य कार्यक्रम द्वारा अफ़ग़ानिस्तान, हॉर्न ऑफ़ अफ़्रीका और यमन में संचालित राहत अभियान भी हैं.
अन्तरराष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय के मुख्य अभियोजक करीम ख़ान ने भी सुरक्षा परिषद को जनसंहार, युद्धापराधों और मानवता के विरुद्ध अपराध के आरोपों की पड़ताल के सिलसिले में अवगत कराया.
उन्होंने कहा कि यूक्रेन में युद्ध शुरू होने के कुछ ही सप्ताह बाद, आईसीसी ने अपनी जाँच आरम्भ कर दी थी. कर्मचारी फ़िलहाल फ़ोरेंसिक जाँच समेत अपने कार्य में जुटे हैं और उन्होंने मई से देश में अपनी उपस्थिति बनाई हुई है.
मुख्य अभियोजक के अनुसार, इस कार्य के ज़रिये, एक तस्वीर उभरेगी. “और फ़िलहाल अब तक हमने जो तस्वीर देखी है, वो निसन्देह परेशान कर देने वाली है.”
उन्होंने बताया कि वो तीन बार यूक्रेन की यात्रा कर चुके हैं और तबाही व विध्वंस देखने के बाद उनका संकल्प और ज़्यादा मज़बूत हुआ है.
आईसीसी अभियोजक के अनुसार ये मानने का तर्कसंगत आधार है कि आपराधिक न्यायालय के न्याय अधिकार क्षेत्र के तहत, अपराधों को अंजाम दिया गया है.