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जेनिन शरणार्थी शिविर में इसराइली सैन्य अभियान पर गहरी चिन्ता

फ़लस्तीनी क्षेत्र पश्चिमी तट में, फ़लस्तीनी बस्तियों को इसराइली इलाक़ों से अलग करने वाली एक दीवार.
UN News/Shirin Yaseen
फ़लस्तीनी क्षेत्र पश्चिमी तट में, फ़लस्तीनी बस्तियों को इसराइली इलाक़ों से अलग करने वाली एक दीवार.

जेनिन शरणार्थी शिविर में इसराइली सैन्य अभियान पर गहरी चिन्ता

शान्ति और सुरक्षा

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने इसराइल के क़ब्ज़े वाले फ़लस्तीनी क्षेत्र पश्चिमी तट में स्थित जेनिन शरणार्थी शिविर में इसराइली सुरक्षा बलों के सैन्य अभियान पर गहरी चिन्ता व्यक्त की है. प्राप्त जानकारी के अनुसार, इसराइली सुरक्षाकर्मियों द्वारा घनी आबादी वाले शरणार्थी शिविर की घेराबन्दी किए जाने के बाद हथियारबन्द फ़लस्तीनियों के साथ उनकी भीषण झड़पें हुई हैं.

इससे पहले 19 जून को इसी शिविर में इसराइली सुरक्षाकर्मियों की कार्रवाई के दौरान चार फ़लस्तीनियों की मौत हो गई थी और 91 अन्य घायल हुए थे.

यूएन के शीर्षतम अधिकारी के उपप्रवक्ता फ़रहान हक़ ने सोमवार को एक वक्तव्य जारी किया, जिसमें उन्होंने जेनिन में हुए घटनाक्रम पर गहरी चिन्ता जताई है.

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यूएन प्रमुख ने ज़ोर देकर कहा है कि सैन्य कार्रवाई के दौरान अन्तरराष्ट्रीय मानव कल्याण क़ानून का पूर्ण रूप से सम्मान किया जाना होगा.

मध्य पूर्व शान्ति प्रक्रिया के लिए विशेष समन्वयक टॉर वैनेसलैंड ने क़ाबिज़ पश्चिमी तट में हालात को बेहद ख़तरनाक बताया है, जोकि उनके अनुसार पिछले कई महीनों से बढ़ रहे तनाव का नतीजा हैं. 

उन्होंने कहा कि इसराइली सुरक्षाकर्मियों की कार्रवाई में चरमपंथियों समेत आठ फ़लस्तीनियों की मौत हो गई, जबकि अनेक अन्य घायल हुए हैं.  

यूएन के विशेष समन्वयक ने कहा है कि नागरिक आबादी की सुरक्षाो हर हाल में सुनिश्चित की जानी होगी. 

उन्होंने कहा कि वह तनाव में कमी लाने के लिए सभी प्रासंगिक पक्षों के साथ सीधे सम्पर्क में हैं और जेनिन शरणार्थी शिविर में आवश्यक चिकित्सा व राहत सामग्री पहुँचाने के लिए प्रयासरत हैं.

बुनियादी ढाँचे को क्षति

फ़लस्तीनी शरणार्थियों के लिए यूएन राहत एवं कार्य एजेंसी (UNRWA) ने भी इसराइली सुरक्षा बलों के अभियान से शरणार्थी आबादी पर होने वाले असर के प्रति गहरी चिन्ता व्यक्त की है.

इस कार्रवाई के दौरान, शिविर में बुनियादी ढाँचे को भारी क्षति पहुँची है -- जल नैटवर्क को नुक़सान पहुँचा है और शिविर के बड़े हिस्सों में बिजली व जल सेवाएँ प्रभावित हुई हैं. 

इन हालात में शरणार्थी शिविर के निवासी अपने घरों से बाहर निकल पाने में असमर्थ हैं, जबकि उन्हें भोजन, पेयजल और बच्चों के लिए दूध पाउडर की आवश्यकता है.

जेनिन शिविर में यूएन एजेंसी के 90 कर्मचारी, चार स्कूलों व एक स्वास्थ्य क्लीनिक समेत 10 केन्द्र संचालित करते हैं, मगर भारी गोलीबारी के कारण वहाँ काम ठप है. 

यूएन एजेंसी ने घायलों के लिए जल्द से जल्द चिकित्सा सहायता पहुँचाने पर बल दिया है, और कहा है कि सभी पक्षों को हिंसा का रास्ता छोड़ना होगा, जिससे ख़तरनाक ढंग से अस्थिरता बढ़ती जा रही है.