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फ़लस्तीनी चुनावों की घोषणा का स्वागत, एकता की दिशा में 'एक महत्वपूर्ण क़दम'

पश्चिमी तट के हैब्रॉन शहर में, एक फ़लस्तीनी व्यक्ति.
UNRWA/Marwan Baghdadi
पश्चिमी तट के हैब्रॉन शहर में, एक फ़लस्तीनी व्यक्ति.

फ़लस्तीनी चुनावों की घोषणा का स्वागत, एकता की दिशा में 'एक महत्वपूर्ण क़दम'

शान्ति और सुरक्षा

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने फ़लस्तीनी राष्ट्रपति महमूद अब्बास द्वारा संसदीय और राष्ट्रपति पद के लिये चुनाव कराने की घोषणा का स्वागत किया है. पिछले क़रीब 15 वर्षों में, इन प्रथम पूर्ण चुनावों के लिये प्रक्रिया मई 2021 में शुरू होनी है.

यूएन प्रमुख एंतोनियो गुटेरेश की तरफ़ से शनिवार को जारी एक वक्तव्य में कहा गया है, “इसराइल द्वारा क़ब्ज़ा किये हुए – फ़लस्तीनी क्षेत्र, पूर्वी येरुशेलम सहित पश्चिमी तट और ग़ाज़ा में चुनाव कराया जाना फ़लस्तीनी एकता की दिशा में एक महत्वपूर्ण क़दम होगा.”

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“उन चुनावों से राष्ट्रीय संस्थानों को एक नई वैधता मिलेगी जिसमें फ़लस्तीन में लोकतान्त्रिक तरीक़े से चुनी गई संसद और सरकार शामिल होंगी.”

फ़लस्तीनी प्राधिकरण के नियन्त्रण वाले तमाम इलाक़ों में पिछली बार चुनाव, वर्ष 2006 में हुए थे.

याद रहे कि इसराइल द्वारा क़ब्ज़ा किये हुए पश्चिमी तट में फ़लस्तीनी प्रशासन का सीमित स्वशासन है, जबकि ग़ाज़ा में, चरमपंथी संगठन हमास का शासन है, और इसराइल ने अनेक वर्षों से ग़ाज़ा की नाकेबन्दी कर रखी है.

साथ ही, पूर्वी येरूशेलम पर इसराइल का नियन्त्रण है.

वर्ष 2007 में, विधायी चुनावों के लिये हुए मतदान में हमास ने जीत हासिल की थी, और उसके एक वर्ष बाद, हमास ने प्रतिद्वन्द्वी फ़तह को हटाकर, ग़ाज़ा पर सैन्य नियन्त्रण स्थापित कर लिया था.

पूरे पश्चिमी तट में, फ़तह संगठन का बहुमत व समर्थन रहा है जिसके कारण हमास और फ़तह के बीच गहरी खाई बन गई है.

मीडिया ख़बरों के अनुसार, इसराइल के साथ शान्तिवार्ताओं में आए ठहराव, और हाल के समय में, इसराइल व चार अरब देशों के बीच, हुए कूटनैतिक समझौतों के मद्देनज़र, फ़लस्तीनी नेताओं पर, राजनैतिक व क्षेत्रीय स्तर पर मतभेद दूर करने के लिये दबाव बढ़ता रहा है. 

शान्ति वार्ता की फिर शुरुआत

यूएन प्रमुख ने कहा है कि उन्हें उम्मीद है कि मई में होने वाले संसदीय चुनाव, और जुलाई में, राष्ट्रपति पद के लिये होने वाले मतदान से, दो राष्ट्रों वाले एक ऐसे समाधान की तरफ़ शान्ति वार्ता फिर से शुरू करने में मदद मिलेगी जो, वर्ष 1967 से पहले की सीमाओं के आधार पर, और संयुक्त राष्ट्र के प्रासंगिक प्रस्तावों, द्विपक्षीय समझौतों और अन्तरराष्ट्रीय क़ानून के आ अनुरूप हो.

यूएन महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने कहा कि फ़लस्तीनियों को, उनके पूर्ण लोकतान्त्रिक अधिकारों का प्रयोग करने के योग्य बनाने के प्रयासों में, संयुक्त राष्ट्र हमेशा उनकी मदद करने के लिये तैयार है.

उन्होंने फ़लस्तीनी अधिकारियों का ये भी आहवान किया कि वो पूरी चुनावी प्रक्रिया में, महिलाओं की राजनैतिक भागीदारी को सम्भव बनाने, और

मीडिया ख़बरों के अनुसार, फ़लस्तीनी राष्ट्रपति महमूद अब्बास द्वारा शुक्रवार को जारी आदेश में, चुनाव समिति और तमाम सरकारी संस्थाओं को पूरे फ़लस्तीनी क्षेत्र में, चुनाव प्रक्रिया शुरू करने को कहा गया है.

ग़ाज़ा में, हमास ने भी इस घोषणा के सन्दर्भ में सकारात्मक प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए, चुनाव निष्पक्ष और ऐसा मतदान कराने का आहवान किया है जो “किसी तरह के प्रतिबन्धों और दबावों के बिना” हो.