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UNHCR: जबरन विस्थापितों की संख्या रिकार्ड ऊँचाई पर, ठोस कार्रवाई की पुकार

काँगो लोकतांत्रिक गणराज्य (DRC) में कुछ विस्थापित जन.
© UNHCR/Hélène Caux
काँगो लोकतांत्रिक गणराज्य (DRC) में कुछ विस्थापित जन.

UNHCR: जबरन विस्थापितों की संख्या रिकार्ड ऊँचाई पर, ठोस कार्रवाई की पुकार

प्रवासी और शरणार्थी

संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी (UNHCR) ने बुधवार को कहा है कि विभिन्न संघर्षों और जलवायु-प्रेरित उथल-पुथल के बीच, यूक्रेन में पूर्ण पैमाने के युद्ध के कारण, वर्ष 2022 में पहले से कहीं अधिक लोग अपने घरों से विस्थापित हुए हैं. ऐसे में, इस वैश्विक संकट से निपटने के लिए तात्कालिक, सामूहिक कार्रवाई की आवश्यकता और भी बढ़ गई है. 

एजेंसी की प्रमुख वार्षिक रिपोर्टGlobal Trends in Forced Displacement 2022 के अनुसार, 2022 के अन्त तक, युद्ध, उत्पीड़न, हिंसा और मानवाधिकार हनन के कारण विस्थापित हुए लोगों की संख्या, रिकॉर्ड 10 करोड़ 84 लाख तक पहुँच गई थी, जोकि उससे पिछले वर्ष की तुलना में एक करोड़ 91 लाख अधिक है. हालाँकि वर्ष 2021 में भी इसमें रिकॉर्ड वृद्धि दर्ज की गई थी.

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संयुक्त राष्ट्र की शरणार्थी एजेंसी के प्रमुख फ़िलिपो ग्रैंडी ने कहा, "ये आँकड़े दर्शाते हैं कि कुछ लोग संघर्ष शुरू करने में बहुत तेज़ होते हैं, लेकिन समाधान खोजने में बहुत धीमे." 

"इसका परिणाम होता है, तबाही, विस्थापन और उन लाखों लोगों के लिए पीड़ा, जिन्हें जबरन अपने घरों से उखाड़कर दूसरी जगह जाने को मजबूर कर दिया गया है."

विश्व स्तर पर कुल शरणार्थियों में से, 3 करोड़ 53 लाख ऐसे थे, जिन्होंने सुरक्षा के लिए अन्तरराष्ट्रीय सीमा पार की. वहीं इसका एक बड़ा हिस्सा, यानि 58 प्रतिशत, उन 6 करोड़ 25 लाख लोगों का है, जो संघर्ष एवं हिंसा के कारण आन्तरिक रूप से विस्थापित हुए.

वैश्विक संकट

यूक्रेन पर रूस का आक्रमण, 2022 में विस्थापन का सबसे बड़ा कारण रहा. 2021 के अन्त में, शरणार्थियों की संख्या 27 हज़ार 300 से बढ़कर 2022 के अन्त तक 57 लाख हो गई – जोकि द्वितीय विश्व युद्ध के बाद से, दुनिया के किसी भी भाग में विस्थापन की सबसे तेज़ दर है.

अफ़ग़ानिस्तान से निकलने वाले शरणार्थियों की संख्या, वर्ष के अन्त तक अनुमान से बहुत अधिक रही, ख़ासतौर पर इसलिए क्योंकि ईरान में शरण लेने वाले अफ़ग़ान लोगों की संशोधित संख्या सामने आई, जो पिछले वर्षों में वहाँ पहुँचे थे.

इसी तरह, रिपोर्ट में दिखाया गया है कि किस तरह कोलम्बिया और पेरू में संशोधन की वजह से, वेनेज़ुएला से आने वाले शरणार्थियों की संख्या में बढ़ोत्तरी दर्ज हुई. इससे पहले इन्हें "अन्तरराष्ट्रीय सुरक्षा की आवश्यकता वाले अन्य लोगों" के रूप में वर्गीकृत किया गया था.

तत्काल वित्त पोषण की ज़रूरत

आँकड़ों से यह भी स्पष्ट होता है दुनिया भर में विस्थापितों की मेज़बानी, निम्न और मध्यम आय वाले देश ही करते हैं, न कि अमीर देश.

यूएनएचसीआर ने कहा कि वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद में 46 न्यूनतम विकसित देशों का 1.3 प्रतिशत से भी कम हिस्सा है, फिर भी वे कुल शरणार्थियों की 20 प्रतिशत से अधिक संख्या की मेज़बानी करते हैं.

एजेंसी ने कहा कि विस्थापन एवं मेज़बानों की मदद के लिए, 2022 का वित्त पोषण अपर्याप्त रहा और इस वर्ष भी हालात जस के तस हैं.

'ज़िम्मेदारी बाँटने' की आवश्यकता"

फ़िलिपो ग्रैंडी ने कहा, "दुनिया भर के लोग, ज़रूरतमन्द लोगों की सुरक्षा और मदद के लिए, शरणार्थियों के प्रति असाधारण आतिथ्य भाव दिखाना जारी रखे हुए हैं. लेकिन अत्यधिक अन्तरराष्ट्रीय समर्थन व समानता से ज़िम्मेदारी बाँटने की ज़रूरत बढ़ती जा रही है, विशेष रूप से उन देशों के साथ, जो दुनिया के अधिकांश विस्थापित लोगों को आश्रय दिए हुए हैं.”

2022 के अन्त में, दुनिया भर में देशविहीन या अनिर्धारित राष्ट्रीयता के लगभग 44 लाख लोग थे, जो 2021 के अन्त के मुक़ाबले, दो प्रतिशत अधिक हैं.

यह वैश्विक रुझान रिपोर्ट, दूसरे विश्व शरणार्थी फ़ोरम के आयोजन से छह महीने पहले जारी की गई है. इस फ़ोरम में, विभिन्न हितधारक इकट्ठा होकर, पलायन के लिए मजबूर लोगों व उनके मेज़बानों के लिए नए समाधान खोजने के प्रयास करेंगे, और समस्या से निपटने हेतु वैश्विक एकजुटता पर बल देंगे.

2022 में जबरन विस्थापन का वैश्विक रुझान.
© UNHCR