वैश्विक परिप्रेक्ष्य मानव कहानियां

यूएनएचसीआर

संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी की वैश्विक प्रवक्ता, शाबिया मंटू.
UN Photo/Jean Marc Ferré

UNHCR: काराबाख़ क्षेत्र से शरणार्थियों के पलायन पर चिन्ता

संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी (UNHCR) ने मंगलवार को, काराबाख़ इलाक़े में हाल के संघर्ष के कारण भारी संख्या में नागरिकों के आर्मीनिया पलायन करने की घटना पर चिन्ता जताई है.

अफ़ग़ानिस्तान के कालीन बाफ़न इलाक़े में कालीन बुनती महिलाएँ.
© UNHCR/Caroline Gluck

अफ़ग़ानिस्तान: महिला कालीन बुनकरों की आजीविका को आर्थिक सहारा

अफ़ग़ानिस्तान में संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी संगठन (UNHCR), आन्तरिक रूप से विस्थापित लोगों या देश वापिस लौटने वाले शरणार्थियों को रोज़गार व आजीविका के विकल्प देने के लिए कालीन बुनने की प्रथा को फिर से जीवन्त करने के प्रयासों में लगा है. इसके लिए कालीन बुनकर क्षेत्रों में बुनाई एवं प्रसंस्करण केन्द्र स्थापित किए जा रहे हैं, जिससे पूर्व शरणार्थी और विस्थापित अफ़ग़ान महिलाओं को नए सिरे से रोज़गार व बेहतर कामकाजी परिस्थितियाँ हासिल होंगी,

बारिश के कारण शरणार्थी शिविरों तक पहुँचना चुनौतीपूर्ण हो गया है.
© UNOCHA/Iramaku Vundru Wilfred

सूडान: आन्तरिक रूप से विस्थापित लोगों की सहायता के लिए प्रयास

सूडान में कई महीनों से चल रहे संघर्ष के कारण, अब 30 लाख से अधिक लोग देश की सीमाओं के भीतर विस्थापित हो चुके हैं. व्हाइट नाइल राज्य में, बारिश के कारण शिविरों तक पहुँच चुनौतीपूर्ण बनी हुई है. संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी (UNHCR) और साझेदार संगठन, विस्थापित परिवारों को सहायता प्रदान करने की पुरज़ोर कोशिशें कर रहे हैं. एक वीडियो रिपोर्ट...

ज़म मुआन वुंग को 9 वर्ष की उम्र में, म्याँमार स्थित अपना घर छोड़कर जाने के लिए मजबूर होना पड़ा था.
UNHCR India

अपने घरों से दूर जबरन विस्थापितों को, भारत में मिला एक घरौंदा

संय़ुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी का भारत कार्यालय, सरकार के साथ मिलकर शरणार्थियों तक सहायता पहुँचाने के लिए प्रतिबद्ध है, ताकि विस्थापित हुए लोगों के लिए एक गरिमामय जीवन सुनिश्चित किया जा सके. यूएन एजेंसी ने इस वर्ष शरणार्थी दिवस पर, शरणार्थियों की सहनसक्षमता और हार ना मानने के उनके जज़्बे को दर्शाने के लिए सोशल मीडिया के ज़रिये उनके अनुभवों को साझा किया है. इन्हीं में से कुछ शरणार्थियों पर एक नज़र... 

काँगो लोकतांत्रिक गणराज्य (DRC) में कुछ विस्थापित जन.
© UNHCR/Hélène Caux

UNHCR: जबरन विस्थापितों की संख्या रिकार्ड ऊँचाई पर, ठोस कार्रवाई की पुकार

संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी (UNHCR) ने बुधवार को कहा है कि विभिन्न संघर्षों और जलवायु-प्रेरित उथल-पुथल के बीच, यूक्रेन में पूर्ण पैमाने के युद्ध के कारण, वर्ष 2022 में पहले से कहीं अधिक लोग अपने घरों से विस्थापित हुए हैं. ऐसे में, इस वैश्विक संकट से निपटने के लिए तात्कालिक, सामूहिक कार्रवाई की आवश्यकता और भी बढ़ गई है. 

यूएनएचसीआर उन लोगों की मदद कर रहा है, जो सूडान से भागकर चाड आ गए हैं.
© UNHCR/Colin Delfosse

सूडान: एक लाख से अधिक लोग देश छोड़कर जा चुके हैं - UNHCR

संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी (UNHCR) ने मंगलवार को कहा कि सूडान में मौजूदा असुरक्षित हालात से बचने के लिए, सुरक्षा की तलाश में, एक लाख से अधिक लोगों ने देश से निकलकर पड़ोसी देशों में शरण ली है.

तुर्की में भूकम्प से विस्थापित लोगों को गर्म भोजन वितरित करते स्वयंसेवक.
© UNOCHA/Matteo Minasi

सीरिया व तुर्कीये में भूकम्प के बाद यूएन राहत कार्रवाई जारी

संयुक्त राष्ट्र के अन्तर-एजेंसी मिशन ने, भूकम्प पीड़ितों की ज़रूरतों का आकलन करने और राहत सहायता के वितरण के लिए, सीरिया में इदलिब का दौरा किया. वहीं विश्व खाद्य कार्यक्रम (WFP) ने सीरिया और तुर्कीये में अपनी आपातकालीन सहायता तेज़ कर दी है. (वीडियो)

 

संयुक्त राष्ट्र द्वारा संचालित एक बस यूक्रेनी शरणार्थियों को, मोल्दोवा से रोमानिया ले जा रही है.
Victor Lacken/Lensman.eu

मोल्दोवा: सुरक्षा की लम्बी व घुमावदार राह

रूस द्वारा यूक्रेन पर आक्रमण के बाद भागने के लिये मजबूर हुए लगभग 7 लाख लोग, पड़ोसी देश मोल्दोवा से होकर गुज़रे हैं, जिससे देश के संसाधनों पर भारी दबाव पड़ा है. संयुक्त राष्ट्र की प्रवासन एजेंसी (IOM) इस अभूतपूर्व स्थिति से निपटने के लिये, सबसे सम्वेदनशील वर्ग व अधिकारियों की मदद कर रही है.

लिंग आधारित हिंसा पर आयोजित एक बैठक में भाग लेती रोहिंज्या शरणार्थी, हसीना बेगम और समुदायिक स्वयंसेवक. हसीना बेगम, कुतुपालोंग शरणार्थी शिविर में, महिलाओं के बीच जागरूकता बढ़ाने और हिंसा को रोकने के लिये काम करती हैं.
© UNHCR/Saikat Mojumder

बांग्लादेश: रोहिंज्या शिविरों में लिंग आधारित हिंसा से मुक़ाबला

बांगलादेश के भीड़-भरे रोहिंज्या शरणार्थी शिविरों में यूएन शरणार्थी एजेंसी (UNHCR) समर्थित कार्यक्रम के ज़रिये, युवा रोहिंज्या पुरुष और महिलाएँ, अपने साथियों के व्यवहार में बदलाव लाकर, लिंग आधारित हिंसा की रोकथाम के प्रयास कर रहे हैं, जिनके सकारात्मक परिणाम सामने आ रहे हैं.

यूएनएचसीआर ने मशहूर संगीतकार रिकी केज को सदभावना दूत नियुक्त किया है.
UNHCR/ Gaurav Menghaney

ग्रैमी पुरस्कार विजेता संगीतकार रिकी केज, यूएनएचसीआर सदभावना दूत नियुक्त

संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी - UNHCR ने भारत के बहु-ग्रैमी पुरस्कार विजेता संगीतकार, मानवतावादी और पर्यावरणविद रिकी केज को अपने नवीनतम राष्ट्रीय सदभावना दूत के रूप में नियुक्त करने की घोषणा की है. रिकी केज को भारत और विश्व स्तर पर शरणार्थियों की स्थिति को लेकर जागरूकता, समझ और करुणा फैलाने में मदद करने के लिये, UNHCR का यह सम्मान प्राप्त हुआ है.