UNHCR: काराबाख़ क्षेत्र से शरणार्थियों के पलायन पर चिन्ता
संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी (UNHCR) ने मंगलवार को, काराबाख़ इलाक़े में हाल के संघर्ष के कारण भारी संख्या में नागरिकों के आर्मीनिया पलायन करने की घटना पर चिन्ता जताई है.
प्राप्त जानकारी के अनुसार, वृद्धजन, महिलाओं व बच्चों समेत लगभग 19 हज़ार शरणार्थी, अज़रबैजान गणराज्य के काराबाख़ आर्थिक क्षेत्र को छोड़कर जा चुके हैं.
UNHCR की प्रवक्ता, शाबिया मंटू ने सभी पक्षों से नागरिकों की सुरक्षा करने व अन्तरराष्ट्रीय मानवता शरणार्थी क़ानून का सम्मान करते हुए, उन्हें सुरक्षित मार्ग प्रदान करने का आग्रह किया.
शाबिया मंटू ने जिनीवा में यूएन एजेंसी की प्रैस वार्ता में कहा कि सभी पक्ष “किसी भी ऐसी कार्रवाई से बचें, जिससे नागरिक जन विस्थापन के लिए मजूबर हों, और उनकी सुरक्षा व मानवाधिकार सुनिश्चित करें, ताकि किसी भी व्यक्ति को अपना घर छोड़कर भागने के लिए मजबूर न होना पड़े.”
पिछले तीन दशकों से क्षेत्र में आर्मीनिया और अज़रबैजान के बीच संघर्ष जारी था, लेकिन तीन साल पहले, छह हफ्तों की लड़ाई के बाद संघर्षविराम की घोषणा हुई. तत्पश्चात, आर्मीनिया, अज़रबैजान व रूस के बीच त्रिपक्षीय समझौते पर सहमति बनने के बाद, वहाँ कई हज़ार रूसी शान्तिरक्षक तैनात किए गए थे.
पिछले सप्ताह हिंसा फिर से भड़कने व आर्मीनिया में शरणार्थियों का पहला क़ाफ़िला पहुँचने के बाद, संयुक्त राष्ट्र महासचिव. एंतोनियो गुटेरेश ने अपने प्रवक्ता के ज़रिए यह अपील की थी कि राहतकर्मियों को ज़रूरतमन्द लोगों तक सहायता के लिए, पूर्ण पहुँच प्रदान की जाए.
तनाव कम करने की अपील
संयुक्त राष्ट्र प्रमुख ने ‘सख़्त’ शब्दों में तनाव कम करने व 2020 के युद्धविराम का ‘मज़बूती से’ पालन करने और अन्तरराष्ट्रीय मानवाधिकार क़ानून का सम्मान करने का आहवान किया.
यूएनएचसीआर की प्रवक्ता शाबिया मंटू ने यूएन महासचिव की अपील दोहराते हुए कहा कि "जटिल और बहुसांस्कृतिक" स्थिति के बीच, अन्तरराष्ट्रीय सुरक्षा की ज़रूरत वाले व्यक्तियों की शरण तक पहुँच बनाए रखनी होगी, ताकि "यह सुनिश्चित हो सके कि लोगों के साथ मानवीयता का व्यवहार हो, उनके अधिकारों की रक्षा व सम्मान किया जाए, और उनकी उस सुरक्षा तक पहुँच हो, जिसकी उन्हें आवश्यकता है.”
शाबिया मंटू ने कहा कि उन देशों को भी समर्थन की ज़रूरत है, जिनका रुख़ सुरक्षा की तलाश में शरणार्थी कर रहे हैं.
यूएनएचसीआर अधिकारी ने "क़ानूनी प्रवास के लिए विकल्प" प्रदान करने और "नियमित एवं सुरक्षित मार्गों के विस्तार" करने का भी आहवान किया, ताकि लोगों को अपने जीवन को जोखिम में नहीं डालना पड़े और राहत कार्रवाई पर अतिरिक्त दवाब न पड़े.”
अन्तरराष्ट्रीय एकजुटता का आहवान
उन्होंने दोहराया कि क्षेत्रीय प्रतिक्रिया के लिए अन्तरराष्ट्रीय एकजुटता और सभी देशों एवं हितधारकों द्वारा ठोस प्रयासों की आवश्यकता है.
शाबिया मंटू ने आर्मीनिया में ज़मीन पर तैनात यूएनएचसीआर की टीमों के बारे में बताया कि वे स्थिति की बारीक़ी से निगरानी कर रहे हैं.
शाबिया मंटू ने कहा कि लोग "तकलीफ़ों व थकावट से परेशान थे और उन्हें तत्काल मनोसामाजिक समर्थन की आवश्यकता थी."
उन्होंने कहा कि आर्मीनिया की सरकार राहत कार्रवाई का नेतृत्व कर रही है और जल्द ही अधिक समर्थन के लिए अन्तरराष्ट्रीय समुदाय से अपील करेगी.
संयुक्त राष्ट्र एजेंसी ने अपनी ओर से, ग़ैर-खाद्य वस्तुएँ, गद्दे और बिस्तर जैसी सहायता भी प्रदान की है.
उन्होंने कहा, “आश्रय स्थलों, गर्म कपड़ों और अन्य आवश्यक गैर-खाद्य वस्तुओं की भी आवश्यकता है. हम बढ़ती ज़रूरतों के जवाब में सहायता मुहैया कराने के लिए स्थानीय सरकार और भागीदारों के साथ अधिक सहायता जुटाने के प्रयास कर रहे हैं.”