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यूएन प्रमुख की अफ़्रीका यात्रा: लीबिया में राजनैतिक गतिरोध ख़त्म करने का आग्रह

लीबिया की राजधानी त्रिपोली का एक दृश्य
UNSMIL/Abel Kavanagh
लीबिया की राजधानी त्रिपोली का एक दृश्य

यूएन प्रमुख की अफ़्रीका यात्रा: लीबिया में राजनैतिक गतिरोध ख़त्म करने का आग्रह

शान्ति और सुरक्षा

संयुक्त राष्ट्र प्रमुख एंतोनियो गुटेरेश ने शुक्रवार को, इथियोपिया की राजधानी अदिस अबाबा में, अफ़्रीकी संघ की एक उच्चस्तरीय बैठक में शिरकत करते हुए कहा है कि, लीबिया में मौजूदा राजनैतिक गतिरोध को ख़त्म करने से, देश में अनेक तरह के संकटों को हल करने में बहुप्रतीक्षित प्रगति हो सकती है.

महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने कहा, “इस समय जिस चीज़ की अत्यधिक ज़रूरत है वो है लम्बे समय से चले आ रहे मौजूदा राजनैतिक गतिरोध को तोड़ने और अनेक मोर्चों पर बढ़त हासिल करने की.”

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उन्होंने कहा कि देश में चुनाव कराने और सुरक्षा, राष्ट्रीय मेल-मिलाप और मानवाधिकारों के क्षेत्रों में हासिल की गई बढ़त को आगे बढ़ाने की बेतहाशा ज़रूरत है.

उन्होंने साथ ही ये भी कहा कि संयुक्त राष्ट्र, लीबिया के नेतृत्व में, लीबियाई नेतृत्व वाले समाधानों के लिए संकल्पबद्ध है.

कार्रवाई के लिए प्राथमिकता क्षेत्र

यूएन प्रमुख ने ध्यान दिलाते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र, अतीत की ग़लतफ़हमियों पर पार पाने के लिए पूरी तरह से संकल्पबद्ध है. उन्होंने साथ ही, कार्रवाई के लिए प्राथमिकता वाले कुछ क्षेत्र भी गिनाए.

उन्होंने कहा, “हमारे सामने केवल एक ही एजेंडा और लक्ष्य है: लीबियाई लोगों को शान्ति में जीवन जीने, स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनावों में मतदान करने, और देश की ख़ुशहाली में हिस्सेदारी करने का अधिकार सुनिश्चित करना.”

चुनौतियाँ बहुत विशाल हैं. जनवरी 2023 में संयुक्त राष्ट्र की एक मानवाधिकार तथ्यान्वेषी जाँच में – न्यायेतर हत्याओं, प्रताड़ना, लोगों को मनमाने तरीक़े से बन्दी बनाए जाने, जबरन गुमशुदगियाँ, मानव तस्करी, आन्तरिक विस्थापन और बड़ी संख्या में लोगों को दफ़नाए जाने के स्थलों के मामले सामने आए हैं.

वर्ष 2011 में तत्कालीन शासक मुअम्मार गद्दाफ़ी को सत्ता से हटाए जाने के बाद से, तेल समृद्ध देश लीबिया, अनेक तरह के संकटों और प्रतिद्वन्द्वी सरकारों की बीच टकरावों में जकड़ा हुआ है.

इनमें एक तरफ़ है यूएन मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय समझौते वाली सरकार, जिसका मुख्यालय राजधानी त्रिपोली में है, और दूसरी तरफ़ है तथाकथित लीबियाई राष्ट्रीय सेना, जिसका आधार पूर्व में है.

‘चुनावों का कोई विकल्प नहीं’

दिसम्बर 2021 में, क़ानूनी विवादों और अन्य चुनौतियों ने, राष्ट्रपति पद और संसद के लिए ऐतिहासिक चुनावों को रद्द करने के लिए विवश कर दिया था.

यूएन महासचिव ने कहा कि इस महत्वपूर्ण मुद्दे पर ध्यान देने के लिए, उनके विशेष प्रतिनिधि ने फ़रवरी के अन्त तक, चुनावों के लिए एक संवैधानिक आधार पर सहमति बनाने की ख़ातिर, लीबियाई पक्षों व अन्तरराष्ट्रीय साझीदारों के साथ सम्पर्क साधा है.

एंतोनियो गुटेरेश ने कहा, “मैं लीबियाई लोगों की बढ़ती हताशाओं को समझता हूँ. चुनाव नहीं होने से आर्थिक असुरक्षा बदतर हो रही है, राजनैतिक अस्थिरता बढ़ रही है, जिससे एक नया संकट भड़कने का जोखिम उत्पन्न हो गया है, और देश के विभाजन की भी आशंका बलवती हो रही है.”

मगर, उन्होंने ये भी कहा कि जब तक कोई समझौता नहीं हो जाता, ऐसी स्थिति में, संयुक्त राष्ट्र को अपने अहम लीबियाई साझीदारों, अफ़्रीकी संघ और अन्तरराष्ट्रीय साझीदारों के साथ मिलकर, समाधान तलाश करने की दिशा में, वैकल्पिक प्रक्रिया प्रस्तावित करनी चाहिए और उन पर अमल के प्रयास करने चाहिए.

यूएन प्रमुख ने कहा, “चुनाव का कोई विकल्प नहीं है. एक वैध व एकजुट सरकार के गठन की तरफ़, चुनाव ही एक मात्र विश्वसनीय मार्ग हैं.”

एंतोनियो गुटेरेश ने कहा कि इस बीच, वर्ष 2020 में हुआ युद्धविराम समझौता अब भी प्रभावी है. उन्होंने सुरक्षा चुनौतियों पर पार पाने में हुई प्रगति की सराहना भी की.

यूएन महासचिव एंतोनियो गुटेरेश, लीबिया के मुद्दे पर अफ़्रीकी संघ की उच्च स्तरीय बैठक को सम्बोधित करते हुए.
© UNECA/Daniel Getachew

विदेशी लड़ाके हटें

उन्होंने कहा, “संयुक्त सैन्य आयोग की अगली प्राथमिकता, लीबिया से विदेशी लड़ाकों और भाड़े के सैनिकों को पूरी तरह से हटाने की होगी.”

उन्होंने ध्यान दिलाते हुए कहा कि विदेशी हस्तक्षेप ने, लीबिया को संघर्ष में धकेलने में ईंधन का काम किया है.

यूएन प्रमुख ने, सैन्य आयोग और लीबिया, सूडान, व निजेर के प्रतिनिधियों के दरम्यान हाल ही में काहिरा में हुई बैठक का स्वागत करते हुए कहा कि एक समन्वय और सूचना सहभाजन समिति के गठन का निर्णय, लीबिया में और वृहद क्षेत्र में ज़्यादा स्थिरता व शान्ति की दिशा में एक अहम क़दम है.

उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय मेलमिलाप की दिशा  प्रगति भी एक प्राथमिकता है. उन्होंने इस सन्दर्भ में एक समावेशी प्रक्रिया के लिए अफ़्रीकी संघ के जारी प्रयासों की तरफ़ भी ध्यान खींचा.

मानवाधिकार चिन्ताएँ

यूएन महासचिव ने गम्भीर मानवाधिकार चिन्ताओं का ज़िक्र करते हुए कहा कि प्रवासियों, शरणार्थियों, और शरण चाहने वालों को अब भी बहुत सी तकलीफ़ों का सामना करना पड़ रहा है जबकि इन मामलों के लिए ज़िम्मेदार तत्वों को दंडित नहीं किया जाता है.

ऐसे जिन हज़ारों लोगों ने भूमध्य सागर पार करने की कोशिश की, उन्हें लीबिया वापिस भेज दिया गया, जहाँ उन्हें अमानवीय और बहुत ही ख़राब परिस्थितियों में बन्दी बनाकर रखा गया, जहाँ बहुत सीमित मानवीय सहायता उपलब्ध थी, जबकि अन्य हज़ारों लोग लापता हैं.

उन्होंने सभी सम्बद्ध देशों से, अन्तरराष्ट्रीय शरणार्थी क़ानून की प्रतिष्ठा का सम्मान किए जाने की अपनी पुकार दोहराई, और सीरियाई अधिकारियों से, बन्दीकरण के बजाय, मानवाधिकारों पर आधारित विकल्प तलाश करने का आग्रह किया.

यूएन प्रमुख ने कहा, “संयुक्त राष्ट्र और अफ़्रीकी संघ, अपने अन्य क्षेत्रीय साझीदारों व संगठनों के साथ मिलकर, एक ज़्यादा शान्तिपूर्ण व समृद्ध भविष्य के लिए, लीबियाई लोगों की वैध आकांक्षाएँ पूरी करने में, उनका समर्थन करें.”