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इसराइली-फ़लस्तीनी हिंसा में ‘ख़तरनाक’ वृद्धि के बीच, सभी पक्षों से तनाव घटाने की पुकार

एक फ़लस्तीनी व्यक्ति ग़ाज़ा में, अल-दराज नामक एक क्लीनिक के सामने, अपने पुत्र के साथ. इस इलाक़े में मई 2021 में इसराइली बमबारी हुई थी.
© UNICEF/Eyad El Baba
एक फ़लस्तीनी व्यक्ति ग़ाज़ा में, अल-दराज नामक एक क्लीनिक के सामने, अपने पुत्र के साथ. इस इलाक़े में मई 2021 में इसराइली बमबारी हुई थी.

इसराइली-फ़लस्तीनी हिंसा में ‘ख़तरनाक’ वृद्धि के बीच, सभी पक्षों से तनाव घटाने की पुकार

शान्ति और सुरक्षा

मध्य पूर्व शान्ति प्रक्रिया के लिए संयुक्त राष्ट्र के विशेष समन्वयक (UNSCO) टोर वैनेसलैंड ने समवार को सुरक्षा परिषद में आगाह करते हुए कहा है कि इसराइली-फ़लस्तीनी दोनों पक्षों को, तेज़ होती हिंसा पर तत्काल क़ाबू पाना होगा और दो राष्ट्रों की स्थापना के समाधान की दिशा में आगे बढ़ने के लिए काम करना होगा.

टोर वैनेसलैंड ने सुरक्षा परिषद में कहा, “हम हिंसा में उछाल देख रहे हैं, जिसमें कुछ घटनाएँ तो पिछले लगभग 20 वर्षों में सबसे ज़्यादा घातक हैं. अगर हम मौजूदा अस्थिरता का समाधान निकालने में नाकाम रहते हैं, तो निकट भविष्य में क्या होने वाला है, हम उसके ख़तरनाक संकेत देख चुके हैं.”

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उन्होंने चिन्ता व्यक्त करते हुए कहा कि धरातल पर होने वाले घटनाक्रम, एक नकारात्मक रुझान के साथ जारी हैं, जो तेज़ होने के साथ-साथ सघन भी हो रहे हैं.

उन्होंने कहा कि इकतरफ़ा कार्रवाइयाँ, दोनों पक्षों को एक दूसरे से और भी दूर कर रही हैं, जिससे तनाव बदतर हो रहे हैं, और संघर्ष को बढ़ावा मिल रहा है. वर्ष 2023 के दौरान अभी तक मौतों की रिकॉर्ड संख्या दर्ज की जा चुकी है.

घातक घटनाक्रम

टोर वैनेसलैंड ने कहा कि उन्होंने जनवरी 2023 में जब सुरक्षा परिषद को सम्बोधित किया था, उसके बाद से, 40 फ़लस्तीनियों और 10 इसराइलियों की मौत हो चुकी है.

उन्होंने कहा, “मैं विशेष रूप से इस पर अत्यन्त गम्भीर रूप से चिन्तित हूँ कि बच्चों को लगातार हिंसा का निशाना बनाया जा रहा है, वो ख़ुद भी हिंसक घटनाओं में शामिल रहे हैं.”

उन्होंने कहा, “बच्चे कभी भी हिंसा का निशाना नहीं होने चाहिए, ना ही उनका प्रयोग हिंसा में किया जाए, और ना ही उन्हें किसी भी तरह से नुक़सान पहुँचना चाहिए.”

टोर वैनेसलैंड ने कहा कि काफ़ी बड़ी संख्या में फ़लस्तीनी लोग, इसराइली सुरक्षा बलों के तलाश व गिरफ़्तारी अभियानों और सशस्त्र फ़लस्तीनियों के साथ झड़पों में हताहत हुए हैं, जिनमें कुछ घटनाएँ पश्चिमी तट में भी हुईं.

प्रगति का नुस्ख़ा

टोर वैनेसलैंड ने आगाह करते हुए कहा, “तनाव घटाने के लिए तत्काल प्रयास किए जाने की ज़रूरत है, मगर केवल शान्ति बहाल कर देना ही, अपने आप में, प्रगति का नुस्ख़ा नहीं है.”

उन्होंने साथ ही ज़ोर देकर कहा कि संयुक्त राष्ट्र क्षेत्र में तनाव घटाने के लिए, अपने क्षेत्रीय और अन्तरराष्ट्रीय साझीदारों के साथ मिलकर तमाम पक्षों के साथ सघन सम्पर्क में है.

विशेष समन्वयक ने कहा कि दोनों पक्षों की इकतरफ़ा कार्रवाइयों को टालने, नकारात्मक रुझानों का सामना करने की ख़ातिर ठोस क़दम उठाने, और निकट भविष्य में फ़लस्तीनी प्राधिकरण को मज़बूत करने के लिए, ज़िम्मेदार नेतृत्व दिखाए जाने की तत्काल दरकार है.

इस सन्दर्भ में उन्होंने पक्षों से, ऐसे सुरक्षा प्रयास करने और राजनैतिक क़दम उठाने का आहवान किया, जो हिंसा के मौजूदा रुझान को रोक सकें और संघर्ष को समाप्त करने व दो राष्ट्रों के एक टिकाऊ समाधान के लिए, उम्मीद बहाल करें.

फ़लस्तीनी बच्चे अपनी खिड़की से बाहर क्षतिग्रस्त इमारतों को देखते हुए.
© UNICEF/Eyad El Baba

टोर वैनेसलैंड ने कहा कि अप्रैल में मुसलमानों का पवित्र रमदान महीना और यहूदियों का पासओवर धार्मिक अनुष्ठान पड़ रहे हैं, दोनों सम्प्रदायों के इन धार्मिक अनुष्ठानों के दौरान शान्ति क़ायम रखने के लिए प्रयासों की सख़्त ज़रूरत है.

उन्होंने कहा, “और अधिक हिंसा होने से रोकना तत्काल प्राथमिकता है, जिसके लिए ना केवल समन्वित सुरक्षा उपायों की दरकार है, बल्कि बहुत ज़्यादा राजनैतिक प्रयासों की भी आवश्यकता है.”

टोर वैनेसलैंड ने दोनों पक्षों से ऐसे किसी भी तरह के इकरफ़ा क़दमों से बचने की पुकार लगाई जिनसे स्थिति के, किसी भी तरह भड़कने का डर हो.

मायूसी व हताशा का मुक़ाम

निकट पूर्व क्षेत्र में फ़लस्तीनी शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र की राहत और कामकाज एजेंसी – UNRWA की उप महाआयुक्त लेनी स्टेनसेथ ने सुरक्षा परिषद की इस खुली बैठक में कहा कि “मायूसी और हताशा के मुक़ाम” पर पहुँचने वाले फ़लस्तीनियों की संख्या बढ़ती जा रही है.

उन्होंने कहा कि पहले से ही ख़राब हालात, कोविड-19 महामारी और खाद्य पदार्थों की बढ़ती क़ीमतों जैसे वैश्विक संकटों के कारण और भी बदतर हो रहे हैं, जिनके कारण बहुत से लोग निर्धनता में धकेले जा रहे हैं.

“हम लगभग ये अनुमान लगा सकते हैं कि आने वाले सप्ताहों के दौरान, पश्चिमी तट में और ज़्यादा हिंसा होने वाली है.”

उन्होंने इसी सन्दर्भ में, तनाव घटाने की पुकार दोहराई, “हिंसा का ये चक्र रोका जाना होगा, इससे पहले कि बहुत देर हो जाए.”