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यूक्रेन: लोगों की पीड़ा को नए 'सामान्य हालात' बनने से रोकना होगा, OHCHR प्रमुख

यूक्रेन के बूचा में हिंसा के दौरान ध्वस्त वाहनों के पास से कुछ बच्चे गुज़र रहे हैं.
© OHCHR/Anthony Headley
यूक्रेन के बूचा में हिंसा के दौरान ध्वस्त वाहनों के पास से कुछ बच्चे गुज़र रहे हैं.

यूक्रेन: लोगों की पीड़ा को नए 'सामान्य हालात' बनने से रोकना होगा, OHCHR प्रमुख

मानवाधिकार

संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार उच्चायुक्त वोल्कर टर्क (OHCHR) ने अपने यूक्रेन दौरे के समापन पर क्षोभ व्यक्त किया है कि देश में लाखों लोग, गहन पीड़ा का अनुभव कर रहे हैं, और इस स्थिति को, नए 'सामान्य हालात' में तब्दील होने देने से रोका जाना होगा.

मानवाधिकार उच्चायुक्त ने अपना चार-दिवसीय यूक्रेन दौरा पूरा करने पर, बुधवार को राजधानी कीयव में बताया कि उन्होंने इज़ियुम में स्तब्ध कर देने वाली क्षति व तबाही देखी है.

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कीयव के उत्तर में स्थित बूचा की सड़कों पर, मार्च में रूसी सैन्य बलों की वापसी के बाद बड़ी संख्या में शव दिखाई देने के बाद अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर तीखी प्रतिक्रिया हुई थी.  

मानवाधिकार उच्चायुक्त वोल्कर टर्क ने कहा कि स्थानीय लोगों को जो सदमा पहुँचा, उसे महसूस किया जा सकता है.

‘चिंताजनक भविष्य’

वोल्कर टर्क ने लम्बी, कठोर सर्दी के मौसम में फँसे लोगों के स्वास्थ्य कल्याण के प्रति आशंका जताई और क्षोभ व्यक्त किया कि यूक्रेन में युद्ध के मानवाधिकारों के लिये विनाशकारी नतीजे हुए हैं.

“भविष्य के लिये अनुमान बेहद चिंताजनक है.” उन्होंने बताया कि मानवाधिकार कार्यालय को हर युद्धापराध के मामलों की जानकारी प्राप्त हो रही है.

“न्यायेतर हत्याओं, यातना, मनमाने ढंग से लोगों को हिरासत में रखने, जबरन गुमशुदगी और महिलाओं, लड़कियों व पुरुषों के प्रति यौन हिंसा के मामलों में जानकारी का उभरना जारी है.”

मानवाधिकार प्रमुख ने अपनी आधिकारिक यात्रा के समापन पर आम लोगों को जान से मार दिये जाने के मामलों पर एक नई रिपोर्ट भी जारी की है, जो यूक्रेन में मानवाधिकार निगरानी मिशन ने तैयार की है.

'इरादतन' हत्याएँ

रिपोर्ट में यूक्रेन के तीन उत्तरी क्षेत्रों  – कीयव, चेरनिहीव और सूमी में 441 लोगों को मारे जाने के विषय में जानकारी जुटाई गई है, जोकि इस वर्ष अप्रैल के आरम्भ होने तक रूसी सैन्य बलों के नियंत्रण में थे.

यूक्रेन में यूएन मानवाधिकार निगरानी मिशन अन्य इलाक़ों में ऐसी अन्य घटनाओं में आरोपों की जाँच के लिये साक्ष्य जुटा रहा है. यूक्रेनी  सेना द्वारा ख़ारकीव और ख़ेरसॉन को अपने नियंत्रण में लिये जाने के बाद वहाँ भी ऐसे मामलों की पड़ताल की जा रही है.

यूएन मानवाधिकार उच्चायुक्त ने कहा कि कुछ लोगों को जलाने के लिये लकड़ी काटते समय, ख़रीदारी करते हुए, मार दिया गया.

उन्होंने कहा कि रिपोर्ट में बिना सुनवाई के ही मौत की सज़ा दिये जाने के मामलों का उल्लेख किया गया है, और ऐसे संकेत हैं कि वे इरादतन हत्या के युद्धापराध हैं.  

यूएन कार्यालय प्रमुख ने युद्धबन्दियों के मुद्दे पर ज़ोर देकर कहा कि उनके साथ सदैव मानवीय आधार पर बर्ताव किया जाना होगा.

उन्होंने सचेत किया कि युद्धपराध को अंजाम दिये जाने का सन्देह होने पर ही अन्तरराष्ट्रीय क़ानून उन पर मुक़दमा चलाए जाने की अनुमति देता है.  

यूएन मानवाधिकार उच्चायुक्त वोल्कर टर्क ने बूचा का दौरा किया.
© OHCHR/Anthony Headley
यूएन मानवाधिकार उच्चायुक्त वोल्कर टर्क ने बूचा का दौरा किया.

बढ़ती आवश्यकताएँ

24 फ़रवरी 2022 को यूक्रेन पर रूसी सैन्य बलों के आक्रमण के बाद, एक करोड़ 77 लाख लोगों को मानवीय सहायता की आवश्यकता है और 93 लाख लोगों को भोजन व आजीविका सम्बन्धी मदद की ज़रूरत होगी.

संयुक्त राष्ट्र के शीर्ष मानवाधिकार अधिकारी के अनुसार, देश की आबादी का एक तिहाई हिस्सा अपने घर छोड़कर जाने के लिये मजबूर हुआ है, 79 लाख लोगों ने देश छोड़ दिया है, जबकि 65 लाख लोग देश की सीमाओं के भीतर ही विस्थापित हुए हैं.

विस्थापितों में अधिकाँश महिलाएँ व बच्चे हैं.

यूएन मानवाधिकार उच्चायुक्त कार्यालय ने 24 फ़रवरी से 4 दिसम्बर तक, यूक्रेन में 17 हज़ार 181 लोगों के हताहत होने की जानकारी जुटाई है, जिनमें छह हज़ार 702 लोगों की मौतें, और 10 हज़ार 479 घायल लोग शामिल हैं.

वोल्कर टर्क ने ज़ोर देकर कहा कि इस क्रूरता को रोकने का सर्वाधिक कारगर उपाय, यूएन चार्टर और अन्तरराष्ट्रीय क़ानून के तहत इस बेतुके युद्ध का अन्त करना है.