यूएन प्रमुख का यूक्रेन दौरा: युद्ध है एक अस्वीकार्य ‘बुराई’, न्याय की पुकार
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने गुरूवार को यूक्रेन में उन स्थलों का दौरा किया है, जहाँ युद्धपराध को अंजाम दिये जाने का सन्देह है. यूएन प्रमुख ने आम नागरिकों के विरुद्ध 'दुष्टतापूर्ण' कृत्यों की निन्दा करते हुए, ऐसी घटनाओं की आपराधिक जवाबदेही तय किये जाने का आग्रह किया है.
यूक्रेन पर रूसी आक्रमण होने के 9 सप्ताह बाद यूएन के शीर्षतम अधिकारी ने राजधानी कीयेफ़ के बाहरी इलाक़ों – बोरोड्यान्का, बूचा और इरपिन की यात्रा की है.
महासचिव गुटेरेश ने रूस से अन्तरराष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय द्वारा की जा रही जाँच में सहयोग को स्वीकृति देने का आग्रह किया है.
यूएन प्रमुख ने बूचा में कहा, “जब हम इन भयावह स्थलों को देखते हैं, तो मुझे महसूस होता है कि एक विस्तृत जाँच और जवाबदेही कितनी आवश्यक है.”
बूचा वो इलाक़ा है जहाँ अप्रैल महीने में रूसी सैनिकों की वापसी के बाद, रास्तों व सड़कों और मैदानों में लोगों के शव पड़े देखे गए थे, जिसके बाद दुनिया भर में रोष भड़क उठा था.
“मैं अन्तरराष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय का पूरी तरह समर्थन करता हूँ, और मैं रूसी महासंघ से अपील करता हूँ कि अन्तरराष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय के साथ सहयोग करना स्वीकार किया जाए.”
‘बेतुकी’ हिंसा
कीयेफ़ के पश्चिमोत्तर में स्थित बोरोड्यान्का में ध्वस्त इमारतों का सर्वेक्षण करने के बाद, यूएन प्रमुख ने इस युद्ध को बेतुका क़रार दिया.
“मुझे जो महसूस होता है, मुझे कहना होगा. मैंने अपने परिवार को इनमें से एक घर में देखा, जोकि अब ध्वस्त और अंधकारमय है.”
“मैं अपनी पोतियों को यहाँ घबराहट में भागते हुए देखता हूँ, जो उस परिवार का हिस्सा हैं जिनकी मौत हो गई. इसलिये युद्ध 21वीं सदी में बेतुकापन है. युद्ध एक बुराई है.”
यूएन प्रमुख ने इरपिन में ध्वस्त हो गए इरिपन्स्की लिपकी आवासीय परिसर का भी दौरा किया, जहाँ उन्होंने क्षोभ व्यक्त करते हुए कहा कि यहाँ भयावह हालात जो कुछ दर्शाते हैं, वो दुर्भाग्यवश हमेशा सच होता है.
“आम नागरिकों को सदैव सबसे बड़ी क़ीमत चुकानी पड़ती है.”
इसी महीने, संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त ने कहा था कि क़्रबों और बूचा की सड़कों पर मृत आम नागरिकों के शवों को देखकर वह व्यथित हैं.
उन्होंने सचेत किया था कि यहाँ और अन्य इलाक़ों से प्राप्त जानकारी से गम्भीर और व्यथित कर देने वाले सवाल खड़े होते हैं, और युद्ध अपराधों व अन्तरराष्ट्रीय मानवाधिकार व मानवीय क़ानून के हनन के मामलों की आशंका है.

न्याय की पुकार
अन्तरराष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय (ICC) के मुख्य अभियोजक करीम ख़ान ने यूक्रेन में अत्याचार पीड़ितों के लिये न्याय की पुकार का समर्थन किया है.
उन्होंने कहा कि सत्य की तलाश में वह रूस या यूक्रेन, किसी के पक्ष में खड़े नहीं होंगे.
आईसीसी के शीर्ष अधिकारी ने न्यूयॉर्क में सुरक्षा परिषद के बाहर पत्रकारों को जानकारी देते हुए कहा, “यह वास्तव में बात करने का समय नहीं है, यह कार्रवाई का समय है.”
“अन्तरराष्ट्रीय क़ानून एक उदासीन दर्शक नहीं हो सकता, यह गतिहीन नहीं हो सकता, इसे तत्परता के साथ सक्रिय होने, रक्षा करने और जवाबदेही पर ज़ोर देने की आवश्यकता है.”
“क़ानून हमसे ऊपर है, और यदि क़ानून हमसे ऊपर नहीं है, तो हमसे नीचे कुछ भी नहीं है, रसातल के सिवा.”
आईसीसी अभियोजक करीम ख़ान ने यूक्रेन में युद्धपराधों और मानवता के विरुद्ध सम्भावित अपराधों के मामलों में 43 सदस्य देशों की अनुरोध पर जाँच शुरू की है.