युद्ध पीड़ितों के साथ एकजुटता के लिए, मानवाधिकार उच्चायुक्त की यूक्रेन यात्रा

संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त (OHCHR) वोल्कर टर्क ने यूक्रेन में ‘भयावह’ युद्ध के पीड़ितों के साथ एकजुटता व्यक्त करने के इरादे से रविवार को अपना चार-दिवसीय आधिकारिक दौरा आरम्भ किया है.
मानवाधिकार कार्यालय के प्रमुख ने यूक्रेन सरकार के निमंत्रण पर अपनी यात्रा शुरू की है.
वोल्कर टर्क ने यूक्रेन में मानवाधिकार निगरानी मिशन के प्रमुख के साथ रविवार को राजधानी कीयेव, और उसके नज़दीक स्थित बूचा व इरपिन में हालात का जायज़ा लिया.
People continue to be victimized by this terrible war, with freezing temperatures adding to hardships, especially of the most vulnerable – @volker_turk appeals for an end to senseless violence, as he visits Bucha & Irpin, north of Kyiv, at the start of 4-day mission to #Ukraine. https://t.co/OvewH6gtky
UNHumanRights
उन्होंने कहा कि वह यूक्रेन में इस भयावह युद्ध के भुक्तभोगियों के साथ एकुजटता व्यक्त करने के उद्देश्य से वहाँ आए हैं, जोकि 24 फ़रवरी को रूसी महासंघ के आक्रमण की वजह से शुरू हुआ था.
“मैं यहाँ एकजुट जताने के लिए हूँ, विशेष रूप से कठोर सर्दी के इन महीनों में.”
मानवाधिकार उच्चायुक्त ने सचेत किया कि भीषण सर्दी का यह मौसम, निर्बल लोगों के लिए बहुत कठिन है.
उन्होंने चिन्ता जताई कि लोगों को जमा देने वाली ठंड का सामना करना पड़ रहा है, कई बार बिजली आपूर्ति बाधित होती है, तापन व्यवस्था काम नहीं करती है, और लोगों को मालूम नहीं है कि सर्दी के मौसम का सामना किस तरह किया जाए.
मानवाधिकार मामलों के लिये शीर्ष यूएन अधिकारी ने बताया कि यूक्रेन में वर्ष 2014 के बाद से ही मानवाधिकार कार्यालय की उपस्थिति रही है.
इस क्रम में, मानवाधिकारों के लिए हालात की निगरानी की गई है और हनन मामलों के सिलसिले में जानकारी एकत्र की गई है.
वर्ष 2022 में यूक्रेन में हिंसक टकराव शुरू होने के बाद से इस कार्य में और तेज़ी आई है.
उच्चायुक्त टर्क ने कहा, “मैं आपकी मनोदशा को समझना चाहता हूँ, आपको यह सुनते हुए सोचना कि सैनिक आपके गाँव या शहर में घुस आए हैं, और फिर अचानक आप उन सैनिकों को देखते हैं, कि वे किस तरह सड़कों पर लोगों को जान से मार रहे हैं, निशाना लगाकर गोली चला रहे हैं, ताबड़तोड़ हत्याएँ हो रही हैं...बूचा में यही हुआ है.”
मानवाधिकार मामलों के प्रमुख ने क्षोभ प्रकट किया कि, “युद्ध बेतुका है. इस प्रकार से लोगों को मारा जाना बिलकुल अस्वीकार्य और विवेकहीन है.”
“जिन्होंने यह किया है, उनसे मैं यही अपील कर सकता हूं कि वे इसे करना रोकें. और कि वे अन्तरराष्ट्रीय मानव कल्याण, और अन्तरराष्ट्रीय मानवाधिकार क़ानून का सम्मान करें.”
मानवाधिकार उच्चायुक्त अपनी यात्रा के दौरान यूक्रेन के राष्ट्रीय और स्थानीय सरकारी अधिकारियों, नागरिक समाज के प्रतिनिधियों, भुक्तभोगी समूहों के प्रतिनिधियों से मुलाक़ात करेंगे.
इनमें लापता, बंधक बना लिए गए लोगों और युद्धबन्दियों के परिजन भी हैं.
उनका खारकीव, इज़ियूम जाने का भी कार्यक्रम है, जिसके बाद वह अपने मिशन के समापन पर 7 दिसम्बर को एक प्रैस वार्ता को सम्बोधित करेंगे.