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यूक्रेन: मानवाधिकार उल्लंघनों पर यूएन आयोग की रिपोर्ट, जवाबदेही तय किये जाने पर बल

यूक्रेन के बूचा में एक सामूहिक क़ब्र के पास एक यूएन कर्मचारी. पृष्ठभूमि में मानवीय राहत मामलों में संयोजन के लिये यूएन अवर महासचिव मार्टिन ग्रिफ़िथ्स.
© UNOCHA/Saviano Abreu
यूक्रेन के बूचा में एक सामूहिक क़ब्र के पास एक यूएन कर्मचारी. पृष्ठभूमि में मानवीय राहत मामलों में संयोजन के लिये यूएन अवर महासचिव मार्टिन ग्रिफ़िथ्स.

यूक्रेन: मानवाधिकार उल्लंघनों पर यूएन आयोग की रिपोर्ट, जवाबदेही तय किये जाने पर बल

मानवाधिकार

यूक्रेन के लिये गठित स्वतंत्र जाँच आयोग ने मंगलवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा में अपनी पहली लिखित रिपोर्ट प्रस्तुत की है. रिपोर्ट का निष्कर्ष है कि यह विश्वास करने के लिये तार्किक आधार मौजूद हैं कि यूक्रेन में युद्ध के दौरान विविध प्रकार के युद्ध अपराधों, और अन्तरराष्ट्रीय मानवाधिकार क़ानून व मानव कल्याण क़ानून का उल्लंघन किया गया है.

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संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद ने मार्च 2022 में इस आयोग की स्थापना की थी, जिसके बाद पिछले महीने के अन्त में, जिनीवा में शुरुआती रिपोर्ट को पेश किया गया था.

आयोग ने यूएन महासभा को बताया कि मानवाधिकार उल्लंघन के जिन मामलों की शिनाख़्त की गई है, उनकी गम्भीरता को ध्यान में रखते हुए, जवाबदेही तय किये जाने की सख़्त ज़रूरत है.

स्वतंत्र कमीशन के प्रमुख एरिक मोसे ने कहा, “इन उल्लंघनों का यूक्रेन में नागरिक आबादी पर भीषण असर हुआ है. हज़ारों लोगों की ज़िन्दगी ख़त्म हो गई है. बुनियादी ढाँचे की भयावह बर्बादी हुई है.”

आयोग ने उन हमलों के सिलसिले में जानकारी जुटाई हैं, जहाँ आबादी वाले इलाक़ों में विस्फोटक हथियारों का ताबड़तोड़ इस्तेमाल किया गया है.  

ये इलाक़े रूसी सैन्य बलों के हमलों की जद में थे, और आयोग के अनुसार रूसी सैनिकों ने जान बचाकर भागने की कोशिश कर रहे आम नागरिकों पर भी हमले किये.

ऐसे मामलों के सम्बन्ध में भी जानकारी मिली हैं, जहाँ दोनों पक्ष, आम लोगों या नागरिक प्रतिष्ठानों की रक्षा सुनिश्चित करने में विफल रहे हैं.

आयोग ने बताया कि युद्धपराधों समेत मानवाधिकार उल्लंधन के अधिकांश मामलों के लिये रूसी सैन्य बल ज़िम्मेदार हैं.

मगर, यूक्रेनी सैन्य बलों ने भी कुछ मामलों में अन्तरराष्ट्रीय मानव कल्याण क़ानून का उल्लंघन किया है, और इनमें से दो घटनाओं को युद्ध अपराध की श्रेणी में रखा जा सकता है.

कमीशन प्रमुख एरिक मोसे ने यूएन न्यूज़ के साथ इण्टरव्यू में कहा कि कमीशन के कार्य के पहले चरण में, प्राथमिक तथ्य जुटाने, विशेष रूप से गवाही दर्ज किये जान पर ज़ोर दिया गया है.

कमीशन ने अपनी रिपोर्ट में रूसी सैन्य बलों के नियंत्रण वाले इलाक़ों में बिना सुनवाई के ही लोगों को जान से मार दिये जाने, ग़ैरक़ानूनी ढँग से बन्दी बनाये जाने, यातना दिये जाने, बुरा बर्ताव किये जाने, बलात्कार और यौन हिंसा के अन्य मामलों पर जानकारी जुटाई है.

आयोग के प्रमुख से सवाल कि गया कि अनेक रूसी नागरिक मानते हैं कि उनके सैन्य बलों ने युद्ध के दौरान मानवाधिकार हनन के मामलों को अंजाम नहीं दिया है, तो उन्होंने कहा कि इस रिपोर्ट में जो भी कुछ भी है, वह उनके द्वारा देखा गया सच है.

काला सागर अनाज निर्यात पहल के तहत, पहला वाणिज्यिक जहाज़, सामग्री लेकर रवाना होते हुए.
© UNOCHA/Levent Kulu
काला सागर अनाज निर्यात पहल के तहत, पहला वाणिज्यिक जहाज़, सामग्री लेकर रवाना होते हुए.

अनाज पहल से सहारा

खाद्य एवं कृषि संगठन (FAO) ने मंगलवार को 18 करोड़ डॉलर की धनराशि का आग्रह किया है ताकि यूक्रेन में खाद्य भण्डारण क्षमता, परीक्षण और प्रमाणीकरण प्रक्रिया को मज़बूती प्रदान की जा सके. सीमा पार खाद्य निर्यात के लिये इसे अहम बताया गया है.

अब तक, यूएन एजेंसी ने सात करोड़ 97 लाख डॉलर की लामबन्दी की है, मगर 10 करोड़ डॉलर की अब भी आवश्यकता है, जिसके ज़रिये सर्दी के मौसम में ग्रामीण इलाक़ों में परिवारों के लिये समर्थन सुनिश्चित किया जाएगा.

बताया गया है कि यूक्रेन ने 2022-23 के दौरान अभी तक एक करोड़ 29 लाख टन फलियों, आटे समेत अन्य खाद्य सामग्री का निर्यात किया है, जोकि पिछले वर्ष की तुलना में दो करोड़ टन अधिक है.

इसमें से 78 लाख टन अनाज व अन्य खाद्य वस्तुओं का निर्यात, काला सागर अनाज पहल के तहत किया गया है, जिसे यूएन व साझेदार संगठनों ने लागू किया है.

इसके ज़रिये, अनेक देशों में भोजन व उर्वरक की आपूर्ति सुनिश्चित की जा रही है, जिसमें विशाल ज़रूरतों वाले विकासशील देशों का विशेष रूप से ध्यान रखा गया है.