वैश्विक परिप्रेक्ष्य मानव कहानियां
केनया के मोमबासा में बन्दरगाह पर नाव.

विशालतम पारिस्थितिकी तंत्र बचाने का अवसर: यूएन महासागर सम्मेलन से जुड़ी पाँच अहम बातें

© Unsplash/Prolific Ke
केनया के मोमबासा में बन्दरगाह पर नाव.

विशालतम पारिस्थितिकी तंत्र बचाने का अवसर: यूएन महासागर सम्मेलन से जुड़ी पाँच अहम बातें

जलवायु और पर्यावरण

महासागर, पृथ्वी के विशालतम पारिस्थितिकी तंत्र हैं, जो जलवायु को नियमित और अरबों लोगों को भोजन व आजीविका का स्रोत प्रदान करते हैं. मगर, उनका स्वास्थ्य ख़तरे में है. जून के अन्तिम सप्ताह में पुर्तगाल की राजधानी लिस्बन में दूसरा संयुक्त राष्ट्र महासागर सम्मेलन आयोजित हो रहा है, और यह एक ऐसा अहम अवसर है, जहाँ मानव जनित गतिविधियों से समुद्री जीवन को हुई क्षति पर मरहम लगाने के उपाय अपनाए जाने पर सहमति बन सकती है.

लिस्बन में 27 जून से एक जुलाई तक आयोजित हो रहे इस सम्मेलन में सदस्य देशों, ग़ैर-सरकारी संगठनों और विश्वविद्यालयों के अलावा उद्यमी भी हिस्सा लेंगे और यहाँ ‘ब्लू इकॉनॉमी’, यानि आर्थिक प्रगति के लिये समुद्री संसाधनों का टिकाऊ इस्तेमाल (नील अर्थव्यवस्था), विकसित करने के तौर-तरीक़ों पर चर्चा होगी.

महासागरों की देखरेख और उनका पोषण व संरक्षण सुनिश्चित करने के इरादे से आगामी सम्मेलन को अत्यन्त महत्वपूर्ण बताया गया है. 

1. समाधानों पर ध्यान केन्द्रित करने का समय

वर्ष 2017 में पहला सम्मेलन आयोजित हुआ था, जिसे महासागरों की समस्याओं पर विश्व का ध्यान आकृष्ट करने के नज़रिये से एक बेहद महत्वपूर्ण पड़ाव के रूप में देखा जाता है. 

महासागरों के लिये संयुक्त राष्ट्र महासचिव के विशेष दूत पीटर थॉमसन के अनुसार, लिस्बन उन समस्याओं के समाधान प्रदान करने पर ही लक्षित है. 

इस सम्मेलन के ज़रिये अन्तरराष्ट्रीय समुदाय को, ज़्यादा नवाचारी व विज्ञान-आधारित समाधान को अपनाने की ओर बढ़ने के लिये प्रेरित किया जाएगा, ताकि महासागरों का टिकाऊ प्रबन्धन किया जा सके. 

इन उपायों के तहत महासागर में बढ़ते अम्लीकरण, प्रदूषण, ग़ैरक़ानूनी ढंग से मछली पकड़े जाने और पर्यावासों व जैवविविधता को पहुँचने वाले नुक़सान से निपटने पर विमर्श होगा.

वर्ष 2022 के सम्मेलन के ज़रिये, ‘टिकाऊ विकास के लिये महासागर विज्ञान के दशक (2021-2030)’ के लिये महत्वाकांक्षा का स्तर भी निर्धारित किया जाएगा. 

यह यूएन दशक इस सम्मेलन की एक अहम थीम है और विभिन्न कार्यक्रमों के ज़रिये, एक अधिक स्वस्थ व सतत महासागर के लिये दूरदृष्टि पेश की जाएगी.

संयुक्त राष्ट्र ने महासागर सम्बन्धी 10 लक्ष्य निर्धारित किये हैं, जिन्हें टिकाऊ विकास के 2030 एजेण्डा के तहत इस दशक के अन्त तक प्राप्त करना है. 

इनमें प्रदूषण व अम्लीकरण घटाने व रोकथाम करने, पारिस्थितिकी तंत्रों की रक्षा करने, मछली पकड़े जाने को नियमित करने, और वैज्ञानिक ज्ञान को बढ़ाने समेत अन्य लक्ष्य है, जिन पर सम्मेलन के दौरान चर्चा होगी.

लिस्बन में युवजन की भूमिका भी नज़र रहेगी, और नवाचारी, विज्ञान-आधारित समाधानों पर काम कर रहे युवा उद्यमी, सम्वाद का एक अहम हिस्सा होंगे.

24 से 26 जून तक, वे एक युवजन व नवाचारी फ़ोरम में शिरकत करेंगे, जोकि युवा उद्यमियों व नवाचारी समाधानों पर काम कर रहे युवजन को मदद करने का एक मंच है. 

लाल सागर में प्रवाल भित्ति और तैरती मछलियाँ.
© Ocean Image Bank/Brook Peters
लाल सागर में प्रवाल भित्ति और तैरती मछलियाँ.

इस क्रम में, उनकी विचारों, परियोजनाओं और प्रयासों का दायरा बढ़ाने के लिये पेशेवर प्रशिक्षण मुहैया कराया जाता है, और निवेशकों, निजी सैक्टर और सरकारी अधिकारियों के साथ उन्हें जोड़ा जाता है.

फ़ोरम में "Innovathon," का भी आयोजन होगा, जिसमें पाँच प्रतिभागियों की टीम, मिलकर महासागार सम्बन्धी एक समाधान तैयार करेंगी.

2. दाँव पर बहुत कुछ लगा है

महासागर हम सभी को ऑक्सीजन, भोजन व आजीविका प्रदान करते हैं. वे अकल्पनीय जैवविविधता को पोषित करते हैं और प्रत्यक्ष रूप से भोजन व ऊर्जा स्रोतों के ज़रिये मानव कल्याण को सहारा देते हैं. 

एक जीवन स्रोत होने के अलावा, महासागर जलवायु को स्थिर करते हैं और ग्रीनहाउस गैसों को सोखते हैं. संयुक्त राष्ट्र के आँकड़ों के अनुसार, निचले तटीय इलाक़ों में 68 करोड़ लोग रह रहे हैं, और वर्ष 2050 तक उनकी संख्या बढ़कर एक अरब हो जाने की सम्भावना है.

इसके अतिरिक्त, नवीनतम विश्लेषण दर्शाते हैं कि चार करोड़ लोगों के पास इस दशक के अन्त तक, महासागर-आधारित उद्योगों में रोज़गार होगा.

3. केनया और पुर्तगाल पर नज़र

महासागर सम्मेलन, पुर्तगाल की राजधानी लिस्बन में हो रहा है और केनया इसका सह-मेज़बान है, जहाँ 65 फ़ीसदी तटीय आबादी ग्रामीण इलाक़ों में रहती है और मुख्य रूप से कृषि, खनन और मछली पकड़ने पर मुख्य तौर से निर्भर है. 

केनया में स्थानीय मछुआरे अपने भोजन व आजीविका के लिये मछली पर निर्भर हैं.
© UNDP/Amunga Eshuchi
केनया में स्थानीय मछुआरे अपने भोजन व आजीविका के लिये मछली पर निर्भर हैं.

संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP) के Young Champion of the Earth की विजेता न्ज़ाम्बी माटी नैरोबी में रहती हैं और Gjenge Makers की संस्थापक है, जोकि रिसायकल किये गए प्लास्टिक कचरे से सस्ती निर्माण सामग्री का उत्पादन करती हैं.

न्ज़ाम्बी माटी प्लास्टिक कचरा महासागर से उठाती हैं और फिर से ईंटों में बदल देती हैं. उन्होंने बताया कि इस काम के फलस्वरूप उनके लिये 113 युवाओं और महिलाओं को रोज़गार देना सम्भव हुआ है, जिन्होंने आपस में मिलकर तीन लाख ईंटों का उत्पादन किया है. 

यूनेप पुरस्कार विजेता ने बताया कि उनकी आजीविका, समुद्र से प्राप्त होती है, और इसलिये महासागर उनके लिये जीवन है. 

पुर्तगाल में भी महासागरों के साथ गहरा लगाव है, और महासागर देश के इतिहास, संस्कृति, भौतिक भूदृश्य, और अर्थव्यवस्था से बहुत अधिक जुड़े हुए हैं, यह योरोपीय संघ में सबसे बड़ी तटीय रेखा वाला देश है और इसकी अटलाण्टिक बेसिन में भी एक अहम भूमिका है. 

4. महासागर और वैश्विक जलवायु में अटूट सम्बन्ध

महासागर और वैश्विक जलवायु एक दूसरे को अनेक प्रकार से प्रभावित करते हैं. जैसे-जैसे जलवायु संकट से मानवता के अस्तित्व के लिये ख़तरा उत्पन्न हो रहा है, वैज्ञानिक कुछ अहम मापदण्डों पर नज़दीकी नज़र रख रहे हैं.

विश्व मौसम विज्ञान संगठन की जलवायु परिवर्तन पर नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2013 से 2021 के दौरान, वैश्विक समुद्री जलस्तर में औसत वृद्धि की दर 4.5 मिलिमीटर प्रति वर्ष थी. इसकी वजह जमे हुए पानी की चादरों के पिघलने की दर में आई तेज़ी बताई गई है.  

माल्टा के तट के नज़दीक समुद्री संरक्षित क्षेत्र में मछलियों की विभिन्न प्रजातियाँ.
© FAO/Kurt Arrigo
माल्टा के तट के नज़दीक समुद्री संरक्षित क्षेत्र में मछलियों की विभिन्न प्रजातियाँ.

मानव गतिविधियों के कारण उत्पन्न होने वाली कार्बन डाइऑक्साइन का 23 फ़ीसदी, महासागर द्वारा सोखा जाता है. मगर इस प्रक्रिया में रासायनिक परिवर्तन होते हैं और इससे समुद्री जल में अम्ल की मात्रा बढ़ जाती है, जिससे समुद्री पर्यावरण के लिये जोखिम पैदा होता है. 

ज़ितनी अधिक मात्रा में समुद्री जल में अम्लीकरण बढ़ता है, उतना ही कार्बन डाइ ऑक्साइड सोखने की उसकी क्षमता कम हो जाती है.

5. आप किस प्रकार से सहायता कर सकते हैं?

विश्व नेताओं और निर्णय-निर्धारकों द्वारा की जाने वाली कार्रवाई के समानान्तर, एक सतत ‘नील अर्थव्यवस्था’ को बढ़ावा देने के लिये आम लोग भी अपना महत्वपूर्ण योगदान दे सकते हैं.

अपने दैनिक जीवन में आप इनमें से कुछ उपाय अपना सकते हैं:

1 - अगर आप मछली खाते हैं तो समुद्री भोजन की खपत में अपने आहार में विविधता लाएँ. हमेशा एक ही प्रजाति की मछली ना खाएँ. साथ ही शीर्ष भक्षकों (predators) को खाने से परहेज़ कीजिये और यह सुनिश्चित कीजिये कि जो कुछ भी आप खा रहे हैं, वो ज़िम्मेदार ढंग से, सतत स्रोतों से आ रहा है.

पुर्तगाल में एक लोकप्रिय तटीय इलाक़े में सफ़ाई अभियान.
UN News/Teresa Salema
पुर्तगाल में एक लोकप्रिय तटीय इलाक़े में सफ़ाई अभियान.

2 - प्लास्टिक प्रदूषण की रोकथाम करें. समुद्री प्रदूषण का 80 फ़ीसदी भूमि पर उत्पन्न होता है, और इसे समुद्र तक पहुँचने से रोकने में आप योगदान दे सकते हैं. 

इस क्रम में, फिर से इस्तेमाल किये जा सकने वाले उत्पादों का इस्तेमाल करने, एक बार इस्तेमाल के बाद फेंक दिये जाने वाले उत्पादों से बचने, और यह सुनिश्चित करने से है कि आप अपना कचरा उपयुक्त कूड़ेदान में फेंक रहे हैं. 

3 - समुद्री तट से कचरा हटाएँ, और वहाँ गन्दगी ना फैलाएँ. मगर, आप ये भी सोचें कि पर्यावरण पदचिन्ह घटाने के आपके प्रयासों से महासागर को अप्रत्यक्ष रूप से किस तरह मदद की जा सकती है.

समाधानों की पैरवी जारी रखें, फिर चाहे यह सड़क पर हो, निर्णय-निर्धारकों को पत्र लिखने हों, याचिकाओं पर हस्ताक्षर करने हों, या उन अभियानों को समर्थन देना हो, जिनका उद्देश्य राष्ट्रीय व वैश्विक स्तर पर नीति-निर्धारकों को प्रभावित करना होता है.  

यूएन न्यूज़ की टीम लिस्बन में महासागर सम्मेलन की कवरेज के लिये मौजूद होगी, और वहाँ से नवीन समाचार, और युवजन व विशेषज्ञों के साथ इण्टरव्यू व अन्य फ़ीचर सामग्री हमारी वैबसाइट पर उपलब्ध होगी.