इंडोनेशिया: डूबते तटों को बचाने के लिये मैन्ग्रोव बहाली
इंडोनेशिया के समुदाय, समुद्र और तीव्र तूफ़ानों के ख़िलाफ़ सहनसक्षमता बनाने के लिये, मैन्ग्रोव संरक्षण की ओर रुख़ कर रहे हैं.
इंडोनेशिया के समुदाय, समुद्र और तीव्र तूफ़ानों के ख़िलाफ़ सहनसक्षमता बनाने के लिये, मैन्ग्रोव संरक्षण की ओर रुख़ कर रहे हैं.
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने कैबो वर्डे की अपनी यात्रा के अन्तिम दिन सोमवार को, मिंडेलो में आयोजित ‘महासागर दौड़ शिखर सम्मेलन’ (Ocean Race Summit) को सम्बोधित करते हुए ध्यान दिलाया कि महासागरों के लिए आपात स्थिति का अन्त करना एक ऐसी दौड़ है, जिसे हमें हर हाल में जीतना होगा. यूएन प्रमुख ने ज़ोर देकर कहा कि एकजुट होकर काम करने से, इस दौड़ को जीता जा सकता है.
संयुक्त राष्ट्र ने, विश्व की दस पहलों को ग्रह पर प्राकृतिक आवासों का क्षरण रोकने और उलटने में उनकी भूमिका के लिये मान्यता दी है, जो कुल मिलाकर 6 करोड़ 80 लाख हैक्टेयर से अधिक भूमि व तटरेखाओं को पुनर्बहाल करने के प्रयासों में लगे हैं.
जैवविविधता पर संयुक्त राष्ट्र का महत्वपूर्ण सम्मेलन (कॉप15) मंगलवार को कैनेडा के माँट्रियाल शहर में आरम्भ हुआ है, जहाँ वार्ताकार मानवीय गतिविधियों के कारण प्रकृति के चिन्ताजनक विध्वंस पर लगाम कसने के लिये नए लक्ष्य स्थापित करने पर ध्यान केन्द्रित करेंगे.यूएन प्रमुख ने जैवविविधता की रक्षा के लिये तीन अहम उपायों पर बल देते हुए आगाह किया है कि प्रकृति के बिना, मानवता के पास कुछ भी नहीं है.
महासागर, पृथ्वी के विशालतम पारिस्थितिकी तंत्र हैं, जो जलवायु को नियमित और अरबों लोगों को भोजन व आजीविका का स्रोत प्रदान करते हैं. मगर, उनका स्वास्थ्य ख़तरे में है. जून के अन्तिम सप्ताह में पुर्तगाल की राजधानी लिस्बन में दूसरा संयुक्त राष्ट्र महासागर सम्मेलन आयोजित हो रहा है, और यह एक ऐसा अहम अवसर है, जहाँ मानव जनित गतिविधियों से समुद्री जीवन को हुई क्षति पर मरहम लगाने के उपाय अपनाए जाने पर सहमति बन सकती है.
मरुस्थलीकरण से निपटने के लिये संयुक्त राष्ट्र सन्धि (UNCCD) की एक नई रिपोर्ट के अनुसार, सूखा प्रबन्धन के विषय में, मानवता एक दोराहे पर खड़ी है, और सूखे की घटनाओं में कमी लाने के लिये जल्द से जल्द रोकथाम उपाय किये जाने की आवश्यकता है.
संयुक्त राष्ट्र के खाद्य एवं कृषि संगठन (FAO) की एक नई रिपोर्ट दर्शाती है कि पिछले एक दशक में, मृदा, भूमि और जल संसाधनों पर दबाव लगातार बढ़ा है और अब स्थिति एक नाज़ुक पड़ाव पर पहुँच गई है. रिपोर्ट के मुताबिक़, मौजूदा हालात, पारिस्थितिकी तंत्रों की सेहत के नज़रिये से चिन्ताजनक हैं, जिससे बढ़ती विश्व आबादी की खाद्य सुरक्षा के लिये ख़तरा उत्पन्न हो सकता है.
संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP) ने वर्ष 2021 के लिये ‘चैम्पियंस ऑफ़ द अर्थ’ पुरस्कार विजेताओं के नामों की घोषणा की है. पर्यावरण के क्षेत्र में संयुक्त राष्ट्र की ओर से दिये जाने वाले इस सर्वोच्च सम्मान से नवाज़े जाने वालों में, एक कैरीबियाई देश की प्रधानमंत्री, एक महिला वैज्ञानिक, आदिवासी महिलाओं के एक समूह और एक महिला उद्यमी शामिल हैं.
8 अक्टूबर को जिनीवा में मानवाधिकार परिषद सभागार का करतल ध्वनि से गूंजना, एक असाधारण अनुभव था. यह, दशकों से पर्यावरण संरक्षण और अधिकार कार्यकर्ताओं द्वारा किये जा रहे अथक प्रयासों के फलीभूत होने का अवसर था.
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने बुधवार, 13 अक्टूबर, को ‘अन्तरराष्ट्रीय आपदा जोखिम न्यूनीकरण दिवस’ के अवसर पर जारी अपने सन्देश में, प्राकृतिक आपदाओं के ख़तरों का सामना कर रहे विकासशील देशों की रक्षा के लिये वैश्विक एकजुटता की पुकार लगाई है.