पारिस्थितिकी तंत्र

इस पर्यावरण अनुकूल दृष्टिकोण ने, कृत्रिम उर्वरक का उपयोग ख़त्म कर दिया और मछली व झींगा, दोनों की जीवन दर में सुधार किया है.
© UNEP/Nathanial Brown

इंडोनेशिया: डूबते तटों को बचाने के लिये मैन्ग्रोव बहाली

इंडोनेशिया के समुदाय, समुद्र और तीव्र तूफ़ानों के ख़िलाफ़ सहनसक्षमता बनाने के लिये, मैन्ग्रोव संरक्षण की ओर रुख़ कर रहे हैं.

यूएन महासचिव ने कैबो वर्डे में महासागर दौड़ शिखर बैठक में प्रतिभागियों को सम्बोधित किया.
UN Photo/Mark Garten

महासागरों की रक्षा के लिए, यूएन प्रमुख ने लगाई मज़बूत पैरोकार बनने की पुकार

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने कैबो वर्डे की अपनी यात्रा के अन्तिम दिन सोमवार को, मिंडेलो में आयोजित ‘महासागर दौड़ शिखर सम्मेलन’ (Ocean Race Summit) को सम्बोधित करते हुए ध्यान दिलाया कि महासागरों के लिए आपात स्थिति का अन्त करना एक ऐसी दौड़ है, जिसे हमें हर हाल में जीतना होगा. यूएन प्रमुख ने ज़ोर देकर कहा कि एकजुट होकर काम करने से, इस दौड़ को जीता जा सकता है.

जलवायु परिवर्तन के कारण दुनिया भर में जैव-विविधता ख़तरे में है.
Unsplash/Zdeněk Macháček

पारिस्थितिकी तंत्र की बहाली के अग्रणी प्रयासों को संयुक्त राष्ट्र सम्मान

संयुक्त राष्ट्र ने, विश्व की दस पहलों को ग्रह पर प्राकृतिक आवासों का क्षरण रोकने और उलटने में उनकी भूमिका के लिये मान्यता दी है, जो कुल मिलाकर 6 करोड़ 80 लाख हैक्टेयर से अधिक भूमि व तटरेखाओं को पुनर्बहाल करने के प्रयासों में लगे हैं.

बोलिविया के लगूना कोलोराडा में फ़्लैमिन्गोज़.
Unsplash/Tobias Jelskov

‘प्रकृति के बिना, हमारे पास कुछ भी नहीं’: यूएन जैवविविधता सम्मेलन - कॉप15 में यूएन प्रमुख की चेतावनी

जैवविविधता पर संयुक्त राष्ट्र का महत्वपूर्ण सम्मेलन (कॉप15) मंगलवार को कैनेडा के माँट्रियाल शहर में आरम्भ हुआ है, जहाँ वार्ताकार मानवीय गतिविधियों के कारण प्रकृति के चिन्ताजनक विध्वंस पर लगाम कसने के लिये नए लक्ष्य स्थापित करने पर ध्यान केन्द्रित करेंगे.यूएन प्रमुख ने जैवविविधता की रक्षा के लिये तीन अहम उपायों पर बल देते हुए आगाह किया है कि प्रकृति के बिना, मानवता के पास कुछ भी नहीं है.

केनया के मोमबासा में बन्दरगाह पर नाव.
© Unsplash/Prolific Ke

विशालतम पारिस्थितिकी तंत्र बचाने का अवसर: यूएन महासागर सम्मेलन से जुड़ी पाँच अहम बातें

महासागर, पृथ्वी के विशालतम पारिस्थितिकी तंत्र हैं, जो जलवायु को नियमित और अरबों लोगों को भोजन व आजीविका का स्रोत प्रदान करते हैं. मगर, उनका स्वास्थ्य ख़तरे में है. जून के अन्तिम सप्ताह में पुर्तगाल की राजधानी लिस्बन में दूसरा संयुक्त राष्ट्र महासागर सम्मेलन आयोजित हो रहा है, और यह एक ऐसा अहम अवसर है, जहाँ मानव जनित गतिविधियों से समुद्री जीवन को हुई क्षति पर मरहम लगाने के उपाय अपनाए जाने पर सहमति बन सकती है.

केनया में सूखे से प्रभावित इलाक़े में एक महिला अपने बच्चे के साथ.
© UNICEF/Oloo

सूखे का संकट: बेहतर प्रबन्धन और सहनक्षमता विकास पर बल

मरुस्थलीकरण से निपटने के लिये संयुक्त राष्ट्र सन्धि (UNCCD) की एक नई रिपोर्ट के अनुसार, सूखा प्रबन्धन के विषय में, मानवता एक दोराहे पर खड़ी है, और सूखे की घटनाओं में कमी लाने के लिये जल्द से जल्द रोकथाम उपाय किये जाने की आवश्यकता है.  

मध्य मैडागास्कर में एक बच्ची एक कृत्रिम तालाब से पानी भर कर ला रही है.
OCHA/Viviane Rakotoarivony

भूमि और जल संसाधनों पर बढ़ता दबाव, खाद्य सुरक्षा के लिये हालात जोखिम भरे

संयुक्त राष्ट्र के खाद्य एवं कृषि संगठन (FAO) की एक नई रिपोर्ट दर्शाती है कि पिछले एक दशक में, मृदा, भूमि और जल संसाधनों पर दबाव लगातार बढ़ा है और अब स्थिति एक नाज़ुक पड़ाव पर पहुँच गई है. रिपोर्ट के मुताबिक़, मौजूदा हालात, पारिस्थितिकी तंत्रों की सेहत के नज़रिये से चिन्ताजनक हैं, जिससे बढ़ती विश्व आबादी की खाद्य सुरक्षा के लिये ख़तरा उत्पन्न हो सकता है.

यूएन पर्यावरण एजेंसी ने 2021 के लिये ‘चैम्पियन्स ऑफ़ द अर्थ’ पुरस्कार विजेताओं की घोषणा की है.
UNEP

रूपान्तरकारी बदलाव के वाहक – 2021 ‘चैम्पियंस ऑफ़ द अर्थ’ विजेताओं की घोषणा

संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP) ने वर्ष 2021 के लिये ‘चैम्पियंस ऑफ़ द अर्थ’ पुरस्कार विजेताओं के नामों की घोषणा की है. पर्यावरण के क्षेत्र में संयुक्त राष्ट्र की ओर से दिये जाने वाले इस सर्वोच्च सम्मान से नवाज़े जाने वालों में, एक कैरीबियाई देश की प्रधानमंत्री, एक महिला वैज्ञानिक, आदिवासी महिलाओं के एक समूह और एक महिला उद्यमी शामिल हैं. 

पिछले साल बुरुण्डी के गटुम्बा क्षेत्र में बाढ़ से 50 हज़ार से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं.
© UNICEF/Karel Prinsloo

स्वच्छ और स्वस्थ पर्यावरण का अधिकार: छह अहम बातें

8 अक्टूबर को जिनीवा में मानवाधिकार परिषद सभागार का करतल ध्वनि से गूंजना, एक असाधारण अनुभव था. यह, दशकों से पर्यावरण संरक्षण और अधिकार कार्यकर्ताओं द्वारा किये जा रहे अथक प्रयासों के फलीभूत होने का अवसर था.  

बांग्लादेश में बाढ़ से तटीय इलाक़ों की रक्षा के लिये प्रयास किये जा रहे हैं.
IMF/K. M. Asad

आपदाओं से रक्षा में, विकासशील देशों के लिये अन्तरराष्ट्रीय सहयोग पर बल

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने बुधवार, 13 अक्टूबर, को ‘अन्तरराष्ट्रीय आपदा जोखिम न्यूनीकरण दिवस’ के अवसर पर जारी अपने सन्देश में, प्राकृतिक आपदाओं के ख़तरों का सामना कर रहे विकासशील देशों की रक्षा के लिये वैश्विक एकजुटता की पुकार लगाई है.