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अफ़ग़ानिस्तान: विनाशकारी भूकम्प के बाद सहायता के लिये यूएन एजेंसियाँ सक्रिय

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की टीमें, अफ़ग़ानिस्तान में 22 जून को आए विनाशकारी भूकम्प से प्रभावित लोगों की मदद करने में, स्थानीय स्वास्थ्यकर्मियों की सहायता करते हुए.
WHO Afghanistan
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की टीमें, अफ़ग़ानिस्तान में 22 जून को आए विनाशकारी भूकम्प से प्रभावित लोगों की मदद करने में, स्थानीय स्वास्थ्यकर्मियों की सहायता करते हुए.

अफ़ग़ानिस्तान: विनाशकारी भूकम्प के बाद सहायता के लिये यूएन एजेंसियाँ सक्रिय

जलवायु और पर्यावरण

संयुक्त राष्ट्र और उसके साझीदार संगठन, अफ़ग़ानिस्तान में बुधवार तड़के आए विनाशकारी भूकम्प के बाद, सहायता कार्यों में सक्रिय हो गए हैं. इस भूकम्प ने देश के कम से कम दो प्रान्तों - पक्तिका और ख़ोस्त को प्रभावित किया है. संयुक्त राष्ट्र बाल कोष – UNICEF ने कहा है कि अफ़ग़ानिस्तान में बुधवार सुबह तड़के एक विनाशकारी भूकम्प ने पक्तिका प्रान्त के अनेक इलाक़ों को दहलाकर रख दिया, जिसके परिणामस्वरूप सैकड़ों लोग हताहत हुए हैं, जिनमें बहुत से बच्चे भी हैं.

मीडिया ख़बरों के अनुसार, कम से कम 1000 लोगों की मौत हुई है और ये संख्या बढ़ने की आशंका है.

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संयुक्त राष्ट्र का मानवीय सहायता संयोजन कार्यालय - OCHA (ओचा) ने बताया है कि 5.9 की तीव्रता वाला ये भूकम्प देश के मध्य क्षेत्र में आधी रात के तुरन्त बाद लगभग 1.30 बजे आया.

पक्तिका प्रान्त के गायान, बरमाला, नाका और ज़िरूक इलाक़े बुरी तरह प्रभावित हुए हैं और भूकम्प का असर ख़ोस्त प्रान्त के स्पिरा ज़िले में भी महसूस किया गया है.

ओसा के अनुसार भूकम्प 10 किलोमीटर की गहराई पर पंजीकृत किया गया ौर उसके झटके राजधानी काबुल, इस्लामाबाद (पाकिस्तान) और भारत में भी महसूस किये गए.

सहायता प्राथमिकताएँ

ओचा ने बताया है कि अफ़ग़ान रक्षा मंत्रालय, सहायता प्रयासों की अगुवाई कर रहा है और घायलों को इलाज के लिये सुविधायुक्त स्थानों पर पहुँचाने के लिये, पाँच हैलीकॉप्टर भेजे गए हैं.

एक चिकित्सा दल, गायान ज़िले में भी भेजा गया है.

संयुक्त राष्ट्र और उसकी साझीदार एजेंसियों की तरफ़ से, आपदा राहत कार्यों का संयोजन ओचा कर रहा है, और दोनों प्रान्तों में सहायता टीमें तैनात कर दी गई हैं.

विश्व खाद्य कार्यक्रम (WFP) भी अपने 239 ट्रकों वाले क़ाफ़िले को रवाना करने के लिये, आँकड़े व जानकारी एकत्र कर रहा है. ये क़ाफ़िला देश के तमाम 34 प्रान्तों में, खाद्य वितरण केन्द्रों पर सामान पहुँचाता है.

यूएन खाद्य एजेंसी ने कहा है कि अफ़ग़ानिस्तान उसके सर्वाधिक तत्काल आपदाओं में शामिल है, जहाँ घोर प्रान्त में, लगभग 20 हज़ार लोगों के लिये अकाल जैसे हालात बताए गए हैं.

ताज़ा आँकड़ों के अनुसार, देश की लगभग आधी आबादी, यानि क़रीब दो करोड़ लोगों के पास अपना पेट भरने के लिये पर्याप्त खाद्य सामग्री नहीं है.

यूनीसेफ़ भी सक्रिय

यूनीसेफ़ ने भी घायलों को चिकित्सा सहायता मुहैया कराने के लिये, अनेक सचल स्वास्थ्य और पोषण टीमें घटनास्थलों पर भेजी हैं.

अफ़ग़ानिस्तान में यूनीसेफ़ के प्रतिनिधि डॉक्टर मोहम्मद अयोया ने एक वक्तव्य में कहा है, “हमें विनाश के दायरे और सघनता के बारे में अभी ज़्यादा जानकारी नहीं है, मगर हमारा अनुमान है कि सैकड़ों लोग मारे गए हैं, जिनमें अनेक महिलाएँ और बच्चे भी हैं.”

“अनेक अन्य लोग घायल हुए हैं और बहुत से घर या ता क्षतिग्रस्त हुए हैं या ध्वस्त हो गए हैं. ये संख्या, बढ़ने की आशंका है.”

यूनीसेफ़ ने हताहतों व प्रभावितों के परिजन के साथ गहरी शोक सम्वेदना व्यक्त की है और घायलों के जल्द स्वस्थ होने की कामना भी की है.

अफ़ग़ानिस्तान में सत्ता पर क़ाबिज़ अधिकारियों ने यूनीसेफ़ और अन्य यूएन टीमों की सहायता का अनुरोध किया है जो स्थिति का आकलन करने और प्रभावित समुदायों की ज़रूरतों का अन्दाज़ा लगाने के प्रयासों में शामिल हो रही हैं.

यूनीसेफ़ अति महत्वपूर्ण सहायता सामग्री भी मुहैया करा रहा है जिसमें किचन उपकरण, स्वच्छता सामान, साबुन, डिटर्जेण्ट, तौलिया, स्वच्छता पैड, पानी की बाल्टियाँ, गर्म कपड़े, जूते, कम्बल, टैण्ट वग़ैरा शामिल हैं.

यूनीसेफ़ प्रतिनिधि ने कहा है, “इस कठिन घड़ी में हम, प्रभावित बच्चों और परिवारों के साथ एकजुटता के साथ मौजूद हैं.”