भूकम्प-प्रभावित पूर्वी अफ़ग़ानिस्तान में जीवन रक्षक सहायता की आपूर्ति
संयुक्त राष्ट्र मानवीय राहतकर्मी और साझीदार संगठन, पूर्वी अफ़ग़ानिस्तान के भूकम्प-प्रभावित इलाक़ों में सर्वाधिक निर्बल समुदायों तक आपात जीवनरक्षक सहायता पहुँचाना जारी रखने के लिये निरन्तर प्रयासरत हैं.
मानवीय राहत अभियान ने शुक्रवार को गति पकड़ी और शरणार्थी मामलों के लिये संयुक्त राष्ट्र एजेंसी (UNHCR) ने पक्तिका और ख़ोस्त प्रान्तों के लिये राहत सामग्री की खेप रवाना की है.
Wednesday's deadly earthquake in Afghanistan was the worst to hit the country in 20 years.@UNHCRAfg is on the ground delivering lifesaving assistance to the people affected.Additional support is now deployed from Kabul. https://t.co/7wAKWSImyO pic.twitter.com/QbMeHqI8nZ
Refugees
भूकम्प का सबसे अधिक इन्हीं दो प्रान्तों पर हुआ है, जहाँ बुधवार सुबह आए भूकम्प से हज़ारों घर बर्बाद या ध्वस्त हो गए हैं. रिक्टर पैमाने पर भूकम्प की तीव्रता 5.9 आंकी गई है.
अब तक प्राप्त आँकड़ों के अनुसार कम से कम एक हज़ार 36 लोगों की मौत हुई है और एक हज़ार 643 लोग घायल हुए हैं. देश में पिछले दो दशकों में इस अब तक का सबसे भीषण भूकम्प बताया जा रहा है.
अफ़ग़ानिस्तान में संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (UNICEF) के प्रतिनिधि मोहम्मद अयोया के अनुसार, “कम से कम 121 बच्चों की मौत हुई है और 67 बच्चे घायल हुए हैं.”
“हताहत होने वाले लोगों की कुल संख्या की अभी पुष्टि नहीं हो पाई है. सत्यापन कार्य जारी है और हमें आने वाले घण्टों और दिनों में इस संख्या के और बढ़ने की आशंका है.”
प्रभावितों के लिये शरण
काबुल से प्रभावित इलाक़ों में पहुँचने वाली अति-आवश्यक सामग्री में टैण्ट, कम्बल, बाल्टी, प्लास्टिक शीट, रसोई का सामान और सौर लैम्प हैं.
इनके ज़रिये पक्तिका प्रान्त के बरमाल, ज़ेरोक, नीका और गियान ज़िलों और ख़ोस्त प्रान्त के स्पेरा ज़िले में, भूकम्प में जीवित बचने वाले चार हज़ार से अधिक लोगों तक सहायता पहुँचाई जाएगी.
यूएन शरणार्थी एजेंसी ने सर्वाधिक ज़रूरतमन्दों तक राहत वितरित करने के लिये, गियान, बरमाल और स्पेरा ज़िलों में अपने आपूर्ति केन्द्र स्थापित किये हैं, ताकि प्रभावित समुदायों को मानवीय सहायता प्रदान की जा सके.
हाल के दिनों में इस क्षेत्र में भारी बारिश हुई है, जिससे हालात और भी विकट हो गए हैं.
यूएन बाल कोष ने भी जीवनरक्षक आपूर्ति ज़रूरतमन्दों के लिये रवाना की है, जिसमें 500 प्राथमिक चिकित्सा किट के अलावा हैज़ा की उपचार सामग्री है, ताकि जलजनित बीमारियों के ख़तरे को टाला जा सके.
तत्काल सहायता की दरकार
यूएन शरणार्थी एजेंसी की प्रवक्ता शाबिया मण्टू ने जिनीवा में पत्रकारों को जानकारी देते हुए बताया कि, “प्रभावित इलाक़ों में मानवीय आपदा को टालने के लिये तत्काल और अधिक समर्थन मुहैया कराये जाने की ज़रूरत है.”
उन्होंने कहा कि देश पिछले चार दशकों से हिंसक टकराव व अस्थिरता से जूझ रहा है, लाखों लोग भरपेट भोजन कर पाने में असमर्थ हैं, और बड़ी संख्या में लोग भुखमरी के जोखिम का सामना कर रहे हैं.
“भूख की मार, आर्थिक संकट, विकास सहायता के अभाव और सरकारी तंत्र में 10 महीने पहले आए बदलाव के असर के कारण, दो करोड़ 40 लाख अफ़ग़ान नागरिकों को पहले से ही मानवीय सहायता की आवश्यकता थी”
देश भर में क़रीब 35 लाख लोग हिंसा व टकराव के कारण विस्थापित हुए हैं, और 15 लाख से अधिक लोगों को जलवायु व्यवधानों के कारण अपना घर छोड़ने के लिये मजबूर होना पड़ा है.