सुरक्षा परिषद के पाँच नए अस्थाई सदस्यों का चुनाव
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में अस्थाई सदस्यता के लिये पाँच नए देश – इक्वाडोर, जापान, माल्टा, मोज़ाम्बीक़ और स्विट्ज़रलैण्ड – निर्वाचित हुए हैं. यूएन महासभा में गुरूवार को मतदान के ज़रिये इन देशों का चुनाव हुआ है.
पाँचों नव-निर्वाचित देश जनवरी 2023 में दो साल के लिये सुरक्षा परिषद की सदस्यता ग्रहण करेंगे. संयुक्त राष्ट्र के इस महत्वपूर्ण अंग का दायित्व विश्व शान्ति व सुरक्षा क़ायम रखना है.
यूएन महासभा के अध्यक्ष अब्दुल्ला शाहिद ने नतीजों की जानकारी देते हुए हर निर्वाचित देश के नाम की घोषणा की, जिसका प्रतिनिधियों ने स्वागत किया.
सुरक्षा परिषद में सदस्यता के लिये हर साल पाँच नए अस्थाई सदस्य चुने जाते हैं. सुरक्षा परिषद के कुल सदस्यों की संख्या 15 है जिनमें पाँच स्थाई सदस्य हैं – चीन, फ़्रांस, रूस, ब्रिटेन और अमेरिका.
स्थाई सदस्य देशों के पास वीटो अधिकार के इस्तेमाल करने का विकल्प होता है.
पाँचों नव-निर्वाचित सदस्य देश, अन्य अस्थाई सदस्यों अल्बानिया, ब्राज़ील, गेबॉन, घाना और संयुक्त अरब अमीरात के साथ सुरक्षा परिषद का हिस्सा बनेंगे.
वे भारत, आयरलैण्ड, केनया, मैक्सिको और नॉर्वे का स्थान लेंगे, जिनका कार्यकाल दिसम्बर 2022 में समाप्त हो रहा है.
यूएन महासभा में 193 सदस्य देश हैं, जोकि हर साल, दो वर्षीय कार्यकाल के लिये 10 अस्थाई सदस्यों का चुनाव करते हैं.
परिषद में अपनी जगह बनाने के लिये, हर देश को दो-तिहाई बहुमत, यानि 128 मतों की आवश्यकता होती है.
अस्थाई सदस्यों के चुनाव में भौगोलिक प्रतिनिधित्व को भी ध्यान में रखा जाता है.
इस वर्ष, तीन क्षेत्रीय समूहों से पाँच सीटों के लिये चुनाव हुआ: अफ़्रीकी और एशिया-प्रशान्त देशों के लिये दो, लातिन अमेरिका व कैरीबियाई के लिये एक और पश्चिमी योरोप व अन्य देशों के लिये दो सीटें.
मतदान प्रक्रिया
कुल मिलाकर, 192 सदस्य देशों ने चुनाव प्रक्रिया में हिस्सा लिया.
पाँचों नव-निर्वाचित अस्थाई सदस्य देशों ने मोटे तौर पर बिना किसी मुक़ाबले के चुनाव में हिस्सा लिया. अफ़्रीका और एशिया-प्रशान्त समूह में मोज़ाम्बीक़ को 192 मत प्राप्त हुए, और वो पहली बार सुरक्षा परिषद का सदस्य बनेगा.
जापान को 184 और मंगोलिया को तीन वोट मिले.
लातिन अमेरिका व कैरीबियाई क्षेत्र से एकमात्र उम्मीदवार, इक्वाडोर को 190 मत मिले, जबकि दो देशों ने मतदान में हिस्सा नहीं लिया.
स्विट्ज़रलैण्ड के लिये भी सुरक्षा परिषद में सदस्यता पहली बार होगी. उसे मतदान में 187 वोट मिले, जबकि माल्टा को 185 मत प्राप्त हुए और दो देशों ने मतदान में हिस्सा नहीं लिया.