स्विटज़रलैण्ड: आतंकवाद विरोधी विधेयक से ख़तरनाक चलन शुरू होने का डर

संयुक्त राष्ट्र के पाँच मानवाधिकार विशेषज्ञों ने कहा है कि स्विट्ज़रलैण्ड में प्रस्तावित नया आतंकवाद विरोधी विधेयक दुनिया भर में राजनैतिक असहमति को दबाने के लिये एक नया व ख़तरनाक चलन शुरू कर सकता है. इन मानवाधिकार विशेषज्ञों ने कहा है कि ये प्रस्तावित विधेयक इस समय स्विस संसद में विचाराधीन है और सांसदों से इस विधेयक को नामंज़ूर करने का आग्रह किया गया है.
मानवाधिकार विशेषज्ञों के अनुसार इसमें आतंकवाद की परिभाषा का दायरा बढ़ाया गया है जिसमें कोई अपराध होने की सम्भावना या आशंका की ज़रूरत ही ख़त्म कर दी गई है.
Switzerland’s new “terrorism” definition sets a dangerous precedent worldwide, UN human rights experts warn. https://t.co/K1XdljQ5J3 pic.twitter.com/o6ajE8zcrx
UN_SPExperts
मानवाधिकार विशेषज्ञों ने स्विस सांसदों से इस विधेयक के पारित होकर क़ानून बनने से पहले कुछ क्षणों में फिर से इस के मसौदे पर ग़ौर करने की अपील की है.
यूएन मानवाधिकार विशेषज्ञों ने अन्तरराष्ट्रीय मानकों का हवाला देते हुए आतंकवाद को ऐसी गतिविधि या कार्रवाई के रूप में परिभाषित किया जिसमें किसी आबादी या सरकार को हिंसा के ज़रिये डराया या धमकाया जाता है जिसके कारण लोग हताहत होते हैं, या किसी का अपहरण किया जाता है.
इस विधेयक में ऐसे क़ानूनी कार्यकलापों को भी “आतंकवादी गतिविधि” क़रार दिया जा सकता है जो संवैधानिक व्यवस्था को बदलने या उसे प्रभावित करने के उद्देश्य से की जाएँ. मसलन, पत्रकारों, सिविल सोसायटी और राजनैतिक कार्यकर्ताओं की वैध गतिविधियाँ.
मानवाधिकार परिषद द्वारा नियुक्त इन सभी विशेषज्ञों ने कहा कि आतंकवाद की परिभाषा का दायरा बढ़ाकर किसी अहिंसक अभियान को भी उसमें शामिल करना स्विट्ज़रलैण्ड के मौजूदा क़ानूनों की सीमा से आगे जाता है और अन्तरराष्ट्रीय मानकों का उल्लंघन करता है.
उन्होंने कहा, “इस ज़रूरत से ज़्यादा परिभाषा से एक ख़तरनाक चलन शुरू हो जाएगा जिससे ऐसी सर्वाधिकारवादी सरकारों का रास्ता आसान हो जाएगा जो राजनैतिक असहमति को दबाने की मंशा रखती हों.
इस मंशा में प्रताड़ना व अन्य क्रूर, अमानवीय और असम्मानजनक व दण्ड का इस्तेमाल करने वाले तरीक़े भी शामिल हो सकते हैं.”
इस विधेयक के कुछ अन्य हिस्सों ने भी चिन्ताएँ बढ़ाई हैं, मसलन जिनमें संघीय पुलिस को किसी व्यक्ति या समूह को “सम्भावित या आशंकित आतंकवादी” क़रार दे देने और उनके ख़िलाफ़ रोकथाम वाले उपायों का इस्तेमाल करने का अत्यधिक अधिकार मिल जाना.
यूएन मानवाधिकार विशेषज्ञों ने इससे पहले स्विस सरकार को अपनी चिन्ताओं से अवगत कराने के लिये सन्देश भेजा था. इनमें इस विधेयक के मानवाधिकारों व आतंकवाद का मुक़ाबला करने के लिये प्रचलित अन्तरराष्ट्रीय आदर्श परम्पराओं व प्रणालियों से मेल नहीं खाने के बारे में चिन्ताएँ शामिल थीं. लेकिन स्विस सरकार ने विधेयक में इन विशेषज्ञों की किसी भी सलाह के अनुसार कोई बदलाव नहीं किया है.
इन मानवाधिकार विशेषज्ञों ने कहा है, “हम आतंकवाद द्वारा पेश गम्भीर सुरक्षा ख़तरों को समझते हैं, लेकिन हमें बड़े अफ़सोस के साथ कहना पड़ रहा है कि स्विस सरकार ने हमारी तकनीकी सहायता व विशेषज्ञता से लाभ उठाने के अवसर को नज़रअन्दाज़ कर दिया है."
"इनमें मानवाधिकारों का सम्मान करते हुए भी असरदार रोकथाम उपाय शामिल हो सकते हैं.”
मानवाधिकार विशेषज्ञों ने स्विस सांसदों का आहवान किया है कि वो मानवाधिकारों के लिये अपने देश की मज़बूत प्रतिबद्धताओं की परम्पराओं को ध्यान में रखें.
उनसे ये भी आग्रह किया गया है कि वो एक ऐसे विधेयक को नामंज़ूर कर दें जो स्विट्ज़रलैण्ड की मज़बूत मानवाधिकार विरासत पर कोई गम्भीर धब्बा बनने वाला है.
यूएन मानवाधिकार विशेषज्ञों की भूमिका
ये पाँचों मानवाधिकार विशेषज्ञ संयुक्त राष्ट्र के विशेष रैपोर्टेयर हैं जिन्हें किसी ख़ास देश में मानवाधिकार स्थिति या दुनिया भर में किसी मानवाधिकार मुद्दे पर नज़र रखने का काम सौंपा जाता है.
ये मानवाधिकार विशेषज्ञ संयुक्त राष्ट्र के कर्मचारी नहीं होते हैं, और ना ही उनके कामकाज के लिये, संगठन से उन्हें कोई वेतन दिया जाता है.