75वाँ सत्र: जापान कोविड-19 पर जवाबी कार्रवाई की अगुवाई के लिये है तैयार

जापान के प्रधानमन्त्री योशीहीदे सूगा ने महासभा के 75वें सत्र को सम्बोधित करते हुए पुनर्बहाली, स्वास्थ्य और आर्थिक विकास के बीच नज़दीकी सम्बन्ध को रेखांकित किया है. उन्होंने भरोसा दिलाया है कि वैश्विक महामारी कोविड-19 और उससे उपजे व्यवधानों के ख़िलाफ़ वैश्विक जवाबी कार्रवाई में जापान अग्रणी भूमिका निभाने के लिये तैयार है.
प्रधानमन्त्री योशीहीदे सूगा ने जनरल डिबेट के लिये पहले से रिकार्ड किये गए अपने वीडियो सन्देश में कहा कि इस संकट से निपटने के दौरान जापान के लिये मानव सुरक्षा का सिद्धान्त मार्गदर्शक है.
उनके मुताबिक सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज की दिशा में प्रयासों के तहत किसी को भी पीछे नहीं छोड़ने का लक्ष्य रखा जाना होगा.
प्रधानमन्त्री सूगा ने कहा कि जापान इस साझा लक्ष्य के तहत अन्तरराष्ट्रीय प्रयासों में अग्रणी भूमिका निभाएगा जिसमें लोगों की ज़िन्दगियों की रक्षा को सर्वोपरि रखा जाएगा.
उन्होंने शुक्रवार को महासभा के 75वें सत्र के दौरान वर्चुअल रूप से एकत्र विश्व नेताओं को अपने सन्देश में कहा कि जापान कोविड-19 महामारी के ख़िलाफ़ उपचारों, वैक्सीनों और रोग निदानों को विकिसित किये जाने का पूर्ण रूप से समर्थन करता है.
जापान के प्रधानमन्त्री के मुताबिक उनका देश सर्वजन के लिये इन औज़ारों की सुलभता सुनिश्चित करने के प्रयासों में जुटा है.
उन्होंने कहा दुनिया को भावी स्वास्थ्य संकटों के लिये तैयार होना होगा, और इस सम्बन्ध में जापान ने विकासशाली देशों को समर्थन बढ़ाने का संकल्प लिया है.
उदाहरण के तौर पर, जापान दक्षिण पूर्व एशियाई देशों के संगठन (ASEAN) के साथ मिलकर सार्वजनिक स्वास्थ्य और उभरती बीमारियों से निपटने के लिये एक क्षेत्रीय केन्द्र स्थापित कर रहा है.
प्रधानमन्त्री सूगा के मुताबिक जापान ने अब तक महामारी के दौरान स्वास्थ्य व मेडिकल केन्द्रों को डेढ़ अरब डॉलर की मदद मुहैया कराई है.
“हम अन्य देशों के साथ मिलकर जल, साफ़-सफ़ाई व स्वच्छता, पोषण और अन्य पर्यावरणीय कारकों को बेहतर बनाने के लिये काम करना जारी रखेंगे.”
जापानी प्रधानमन्त्री ने ज़ोर देकर कहा कि यह एक बेहद महत्वपूर्ण लम्हा है और कोरोनावायरस संकट से बुरी तरह प्रभावित अर्थव्यवस्थाओं में फिर से प्राण भरने के लिये कार्रवाई करनी होगी.
इस क्रम में जापान ने कोविड-19 संकट पर जवाबी कार्रवाई के लिये आपात राहत ऋण की योजना पर काम कर रहा है जिसके तहत लगभग 400 अरब येन (साढ़े चार अरब) डॉलर दो वर्ष की अवधि में उपलब्ध कराए जाएँगे.
उन्होंने स्पष्ट किया कि संकट की वजह से लागू की पाबन्दियों के बावजूद मुक्त व्यापार को नहीं रुकना चाहिये.
इसके समानान्तर, जापान विश्व व्यापार संगठन (WTO) में सुधारों को बढ़ावा देने के लिये प्रयास जारी रखेगा और अन्य देशों के साथ आर्थिक साझीदार समझौतों को सम्भव बनाएगा.
प्रधानमन्त्री सूगा ने कहा कि कोरोनावायरस संकट के गुज़रने के बाद बेहतर ढँग से पुनर्बहाली के लिये टिकाऊ विकास लक्ष्यों को योजनाओं का अहम हिस्सा बनाना होगा.
“मौजूदा संकट से भविष्य को आकार देने वाले बच्चों व युवाओं की शिक्षा पर भारी असर हुआ है. यह अन्य लोगों के साथ-साथ महिलाओं को भी प्रभावित कर रहा है.”
उन्होंने आगाह किया कि एक ज़्यादा समावेशी समाज के निर्माण के लिये संयुक्त राष्ट्र और बहुपक्षवाद की अहमियत को सुनिश्चित करना होगा.
जापान के प्रधानमन्त्री के मुताबिक संगठन को तटस्थ व निष्पक्ष शासन की ज़रूरत पहले से कहीं ज़्यादा है और इस सिलसिले में उनका देश संयुक्त राष्ट्र, सुरक्षा परिषद और विस्व स्वास्थ्य संगठन में सुधार प्रक्रिया में सहयोग करने के लिये तैयार है.
उन्होंने कहा कि कोविड-19 के कारण अन्तरराष्ट्रीय शान्ति व सुरक्षा ख़तरे में नहीं पड़नी चाहिये.
साथ ही बढ़ती अनिश्चितता के दौर में क़ानून के राज को बरक़रार रखा जाना होगा जिसे उन्होंने घरेलू व अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर व्यवस्था की नींव बताया है.