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जापान के प्रधानमंत्री फ़ूमियो किशिदा ने महासभा के 77वें सत्र के दौरान, जनरल डिबेट को सम्बोधित किया.

जापान: यूएन चार्टर के सिद्धान्तों और क़ानून के राज की स्थापना पर बल

UN Photo/Cia Pak
जापान के प्रधानमंत्री फ़ूमियो किशिदा ने महासभा के 77वें सत्र के दौरान, जनरल डिबेट को सम्बोधित किया.

जापान: यूएन चार्टर के सिद्धान्तों और क़ानून के राज की स्थापना पर बल

यूएन मामले

जापान के प्रधानमंत्री फ़ूमियो किशिदा ने मंगलवार को यूएन महासभा के 77वें सत्र के दौरान जनरल डिबेट को सम्बोधित करते हुए संयुक्त राष्ट्र में सुधार व संगठन में नए सिरे से ऊर्जा भरे जाने की आवश्यकता को रेखांकित किया है.

प्रधानमंत्री किशिदा ने कहा कि यूक्रेन के विरुद्ध रूसी आक्रामकता, एक ऐसा कृत्य है जोकि यूएन चार्टर के सिद्धान्तों और उसकी दूर दृष्टि को कुचलता है.  

उनके अनुसार यह दुनिया के लिये एक बेहद अहम क्षण है. “यूएन की स्थापना के बाद से 77 वर्ष बीत चुके हैं, इसके बावजूद हम यूक्रेन व दुनिया भर में तबाही के गवाह बन रहे हैं.”

जापान के प्रधानमंत्री ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र, अन्तरराष्ट्रीय व्यवस्था के विकास और क़ानून के राज की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता रहा है. मगर मौजूदा दौर में इसकी नींव गहराई तक हिल गई है.

“किसी भी और सभी देशों के लिये अहम बात क़ानून के राज के भीतर रहना है, ना कि बल के आधार पर राज, जिसकी हम बिलकुल भी अनुमति नहीं दे सकते.”

उन्होंने यूक्रेन पर रूस द्वारा किये गए आक्रमण की निन्दा करते हुए कहा कि हालिया घटनाक्रम से यूएन की विश्वसनीयता पर चिन्ता उपजी है, और इसलिये केवल बातें करने के बजाय, सुधारों की दिशा में काम भी किया जाना होगा.

‘सम्प्रभु समानता’

जापान के प्रधानमंत्री ने कहा कि सभी सदस्य देशों के लिये सम्प्रभु समानता के सिद्धान्त पर संयुक्त राष्ट्र की नींव रखी गई थी, और यह पूरे अन्तरराष्ट्रीय समुदाय के लिये है.

उन्होंने यूएन में सुधार की आवश्यकता को रेखांकित करते हुए उसके कामकाज को मज़बूती प्रदान करने की बात कही.

प्रधानमंत्री किशिदा ने बहुपक्षवाद के लिये जापान की ठोस प्रतिद्धता, सुरक्षा परिषद व यूएन में सुधार की आवश्यकता और निरस्त्रीकरण व परमाणु अप्रसार समेत यूएन चार्टर के सिद्धान्तों की ओर लौटने की अहमियत पर बल दिया.

🇯🇵 Japan - Prime Minister Addresses United Nations General Debate, 77th Session (English) | #UNGA

परमाणु हथियार मुक्त दुनिया

जापानी नेता ने रूस द्वारा परमाणु हथियारों की धमकी दिये जाने की निन्दा की, जिससे अन्तरराष्ट्रीय शान्ति व सुरक्षा के लिये ख़तरा पैदा हुआ है.

द्वितीय विश्व युद्ध में परमाणु बम से भीषण बर्बादी का शिकार हुए जापान के हिरोशिमा शहर के मूल निवासी, प्रधानमंत्री किशिदा ने कहा कि वह परमाणु हथियारों से मुक्त विश्व के सृजन के लिये प्रतिबद्ध हैं.  

प्रधानमंत्री ने हैरानी जताई कि अन्तरराष्ट्रीय समुदाय, परमाणु अप्रसार सन्धि व्यवस्था को बनाये रखने और उसे मज़बूती देने के लिये एक निष्कर्ष दस्तावेज़ पर आम सहमति पर नहीं पहुँच पाया है.

उन्होंने इन सन्धि को अन्तरराष्ट्रीय परमाणु निरस्त्रीकरण व अप्रसार व्यवस्था की आधारशिला बताया.

वैश्विक भूमिका

प्रधानमंत्री फ़ूमियो ने बताया कि जनवरी 2023 से जापान, सुरक्षा परिषद का एक अस्थाई सदस्य होगा, और अपनी सदस्यता के दौरान, जापान बड़े देशों की आवाज़ों के साथ-साथ छोटे देशों की आवाज़ को भी तल्लीनता से सुनेगा, ताकि अन्तरराष्ट्रीय समुदाय में क़ानून के राज की स्थापना हो सके.

जापानी नेता ने एक नए दौर में मानव सुरक्षा सुनिश्चित करने के इरादे से संयुक्त राष्ट्र के साथ मिलकर कार्य करने का संकल्प व्यक्त किया, जिसके लिये यूएन ट्रस्ट फ़ण्ड के तहत पहल का भी सहारा लिया जाएगा.

उन्होंने अगस्त 2022 में सार्वजनिक व निजी वित्तीय योगदानों के तहत, अफ़्रीका के लिये अगले तीन वर्षों में 30 अरब डॉलर के निवेश की घोषणा के बारे का उल्लेख किया, जिसमें व्यक्तियों में निवेश पर बल दिया जाएगा.

साथ ही, जापान ने विश्व के अन्य हिस्सों में मानव संसाधन विकास व क्षमता निर्माण पर ध्यान केन्द्रित करने की बात कही है.

प्रधानमंत्री फ़ूमियो ने शिक्षा को शान्ति की नींव क़रार देते हुए कहा कि शिक्षा चैम्पियन के रूप में अपनी भूमिका में वह इस दिशा में सहयोग को बढ़ावा देना जारी रखेंगे.

इसके अलावा, वैश्विक स्वास्थ्य तंत्र को मज़बूती प्रदान करने और वैश्विक महामारी के बाद के दौर में, सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज को हासिल करने में भी जापान अग्रणी भूमिका निभाना जारी रखेगा.