अफ़ग़ानिस्तान: लड़कियों की पढ़ाई पर रोक चिन्ताजनक, ‘शिक्षा के अधिकार का सम्मान हो’

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने रविवार रात जारी अपने एक प्रैस वक्तव्य में अफ़ग़ानिस्तान में कक्षा छह से ऊपर की पढ़ाई कर रही लड़कियों के लिये शिक्षा को नकारे जाने पर गहरी चिन्ता व्यक्त करते हुए, तालेबान से शिक्षा के अधिकार का सम्मान किये जाने का आग्रह किया है.
अफ़ग़ानिस्तान की सत्ता पर पिछले वर्ष तालेबान का वर्चस्व स्थापित होने के छह महीने बीत जाने के बाद भी, लड़कियों की माध्यमिक स्कूलों में अभी वापसी नहीं हो पाई है.
Afghanistan: All students, including girls, must be allowed to go back to school.The Taliban's announcement that secondary schools for girls will remain closed violates the human rights of women & girls. https://t.co/fZBCfrQWPC pic.twitter.com/n3AjofmKN9
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देश भर में लड़कियों के लिये हाई स्कूल खोले जाने की तैयारी थी, मगर बुधवार, 23 मार्च की सुबह, तालेबान प्रशासन द्वारा इस निर्णय को पलट दिया गया और पाबन्दी बढ़ा दी गई.
अफ़ग़ानिस्तान के लिये यूएन महासचिव की विशेष प्रतिनिधि डेबराह लियोन्स ने 25 मार्च को सुरक्षा परिषद में सदस्य देशों को लड़कियों समेत हर अफ़ग़ान नागरिक के लिये शिक्षा के अधिकार और वहाँ मौजूदा हालात से अवगत कराया था.
सुरक्षा परिषद ने लड़कियों व महिलाओं सहित, सभी अफ़ग़ान नागरिकों के लिये शिक्षा के अधिकार को पुष्ट किया है.
साथ ही, तालेबान से शिक्षा के अधिकार का सम्मान किये जाने और बिना किसी देरी के, सभी छात्राओं के लिये स्कूल फिर खोले जाने के अपने संकल्प को पूरा किया जाने का आग्रह किया है
इससे पहले, मानवाधिकार मामलों के लिये यूएन उच्चायुक्त मिशेल बाशेलेट ने 23 मार्च को जारी अपने वक्तव्य में अफ़ग़ानिस्तान में हाई स्कूल की छात्राओं की स्कूल वापसी के मुद्दे पर तालेबान द्वारा लिये गए यू-टर्न पर गहरी हताशा व निराशा व्यक्त की थी.
उन्होंने आगाह किया था कि हाई स्कूल में पढ़ाई करने वाली लड़कियों के लिये, स्कूल फिर से खोले जाने के वादों को पूरा करने में विफल रहने से, अफ़ग़ानिस्तान को बहुत नुक़सान होगा.
यूएन महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने भी क्षोभ व्यक्त करते हुए कहा था कि शिक्षा अवसरों को नकार दिये जाने से महिलाओं व लड़कियों का समान शिक्षा पाने के अधिकार का उल्लंघन होता है.
साथ ही, इससे देश के भविष्य के लिये भी जोखिम पैदा होता है.
सुरक्षा परिषद ने ज़ोर देकर कहा है कि अन्तरराष्ट्रीय समुदाय द्वारा अफ़ग़ानिस्तान के लिये हरसम्भव समर्थन सुनिश्चित किया जाना होगा.
इनमें, सभी नागरिकों के लिये शिक्षा सुनिश्चित करने के लिये प्रयास भी हैं, जिसके लिये अफ़ग़ानिस्तान में संयुक्त राष्ट्र मिशन (UNAMA) की समन्वयक भूमिका को अहम माना गया है.
सुरक्षा परिषद के सदस्य देशों ने अफ़ग़ानिस्तान की जनता और देश की सम्प्रभुता, स्वतंत्रता, क्षेत्रीय अखण्डता और राष्ट्रीय एकता के लिये अपनी मज़बूत प्रतिबद्धता प्रदर्शित की है.
सुरक्षा परिषद के सदस्य देशों ने यूएन महासचिव की विशेष प्रतिनिधि डेबराह लियोन्स से अफ़ग़ानिस्तान में सभी प्रासंगिक राजनैतिक पक्षों व पक्षकारों से सम्पर्क व बातचीत जारी रखने का अनुरोध किया है.
इन प्रयासों को संयुक्त राष्ट्र मिशन के मैण्डेट (शासनादेश) के अनुरूप आगे बढ़ाया जाना होगा और सुरक्षा परिषद को इस विषय में हुई प्रगति से अवगत कराया जाना होगा.