यूक्रेन संकट: युद्ध के विनाशकारी नतीजों की आशंका
यूक्रेन में बुधवार देर रात रूस का “विशेष सैन्य अभियान” शुरू होने के बाद, गुरूवार को यूक्रेन की राजधानी कीयेफ़ में बड़े पैमाने पर लोगों के भागने की ख़बरों के बीच, यूएन एजेंसियों ने, सैन्य कार्रवाई के विनाशकारी परिणाम होने की चेतावनी जारी की है.
यूएन शरणार्थी एजेंसी UNHCR के मुखिया फ़िलिपो ग्रैण्डी ने कहा है, “युद्ध में किसी की जीत नहीं होती है, मगर अनगिनत ज़िन्दगियाँ तहस-नहस हो जाएंगी.”
उन्होंने कहा कि अन्तरराष्ट्रीय मानवीय क़ानून के अनुरूप, आम लोगों की ज़िन्दगियों व सिविल बुनियादी ढाँचे की हर क़ीमत पर लगातार रक्षा सुनिश्चित करनी होगी.
उन्होंने ये भी बताया कि संयुक्त राष्ट्र, जहाँ भी ज़रूरी और सम्भव है, वहाँ मानवीय सहायता उपलब्ध कराने के लिये, यूक्रेन के अधिकारियों के साथ मिलकर काम कर रहा है.
“ऐसा करने के लिये, मानवीय सहायता प्रयासों के लिये सुरक्षा और पहुँच की गारण्टी की दरकार है.”
संयुक्त राष्ट्र मुस्तैद है
यूएन शरणार्थी एजेंसी ने यूक्रेन के पूर्वी हिस्से में ग़ैर-सरकारी नियंत्रण वाले इलाक़ों में, वर्ष 2015 के बाद से, मानवीय सहायता के 141 क़ाफ़िले पहुँचाए हैं.
उन इलाक़ों में सिविल आबादी की बढ़ी हुई सहायता ज़रूरतें पूरी करने के लिये, वर्ष 2021 के दौरान भी, 24 सहायता क़ाफ़िले भेजे गए जिनमें विभिन्न प्रकार की सामग्रियों से भरे 202 ट्रक शामिल थे.
यूक्रेन में संयुक्त राष्ट्र की शीर्ष सहायता अधिकारी ओसनत लुबरानी ने देश के लोगों के साथ संयुक्त राष्ट्र की एकजुटता दोहराई और कहा कि संगठन और उसके सहायता साझीदार, देश में ही बने रहकर सहायता मुहैया कराने के लिये मुस्तैद हैं.
उन्होंने कहा, “वर्षों के संघर्ष से परेशान हो चुके लोगों की मदद करने के लिये, हम यहाँ मुस्तैद हैं और मानवीय ज़रूरतें बढ़ने के स्थिति में भी हम, सहायता बढ़ाने के लिये तैयार हैं.”
75 लाख बच्चों पर जोखिम
संयुक्त राष्ट्र बाल कोष – यूनीसेफ़ ने भी इस सन्देश से सहमति व्यक्त करते हुए, यूक्रेन में लगभग 75 लाख बच्चों की ज़िन्दगियों और सलामती के बारे में गहरी चिन्ता व्यक्त की है.
यूनीसेफ़ की कार्यकारी निदेशिका कैथरीन रसैल ने ध्यान दिलाया कि यूक्रेन के पूर्वी हिस्से में, सम्पर्क रेखा के पास, हाल के दिनों में हुई गोलाबारी में, जल आपूर्ति ढाँचे और शिक्षा सुविधाओं को पहले ही भारी नुक़सान पहुँचा है.
उन्होंने आगाह करते हुए कहा, “अगर लड़ाई में कमी नहीं होती है तो लाखों परिवारों को जबरन विस्थापित होना पड़ सकता है, जिससे मानवीय सहायता ज़रूरतों में तेज़ी से बढ़ोत्तरी होगी.”
“पिछले आठ वर्षों के दौरान लड़ाई जारी रहने के कारण, सम्पर्क रेखा के दोनों तरफ़ रहने वाले बच्चों को, भारी और दीर्घकालीन नुक़सान पहुँचा है. यूक्रेन के बच्चों को शान्ति की तत्काल और बेहद ज़रूरत है.”
इस बीच, यूनीसेफ़ की तरफ़ से, लगातार असुरक्षा के हालात से प्रभावित बच्चों को लगातार मनोवैज्ञानिक मदद मुहैया कराई जाती रही है.
कूटनैतिक प्रयास
यूएन एजेंसियों की ये सहायता पुकार, संयुक्त राष्ट्र के नेतृत्व में इस संकट को टालने के सघन अन्तरराष्ट्रीय कूटनैतिक प्रयासों के साथ ही आई है.
बुधवार रात को सुरक्षा परिषद की एक आपात बैठक हुई जिसमें यूएन प्रमुख ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से, शान्ति की सीधे अपील की.