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यूक्रेन संकट: यूएन सुरक्षा परिषद की आपात बैठक, इस बीच रूस का 'विशेष सैन्य अभियान'

यूक्रेन संकट पर, यूएन सुरक्षा परिषद की देर रात आपात बैठक
© UN Photo/Mark Garten
यूक्रेन संकट पर, यूएन सुरक्षा परिषद की देर रात आपात बैठक

यूक्रेन संकट: यूएन सुरक्षा परिषद की आपात बैठक, इस बीच रूस का 'विशेष सैन्य अभियान'

शान्ति और सुरक्षा

"राष्ट्रपति पुतिन, अपनी सेनाओं को यूक्रेन पर हमला करने से रोकें, शान्ति को एक मौक़ा दें", ये शब्द हैं संयुक्त राष्ट्र प्रमुख एंतोनियो गुटेरेश के, जो उन्होंने यूक्रेन संकट पर सुरक्षा परिषद की बुधवार रात को हुई आपात बैठक के दौरान, रूसी राष्ट्रपति से शान्ति अपील करते हुए कहे. पिछले तीन दिनों में, सुरक्षा परिषद की ये दूसरी आपात बैठक थी.

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यूक्रेन संकट पर यूएन महासभा की भी एक विशेष बैठक, दिन में आयोजित हुई जिसमें तनाव कम करने, संयम व तर्क से काम लेने व कूटनीति का सहारा लेने का आहवान किया गया.

यूएन प्रमुख एंतोनियो गुटेरेश ने सुरक्षा परिषद की आपात बैठक में कहा कि इसके बजाय कि वो अपनी बात दोहराएँ, उनकी राजनैतिक मामलों की प्रमुख रोज़मैरी डीकार्लो, दिन भर में हुई “अनेक घटनाओं के बारे में” सुरक्षा परिषद को अवगत कराएंगी.

मगर, उन्होंने माइक्रोफ़ोन रोज़मैरी डी कार्लो को देने से पहले, इन अफ़वाहों की तरफ़ ध्यान आकृष्ट किया कि यूक्रेन के ख़िलाफ़ कोई हमला, किसी भी समय हो सकता है.

सुरक्षा परिषद की बैठक चल ही रही थी कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने डोनबस में एक विशेष अभियान की घोषणा कर दी और यूक्रेन की सेनाओं से अपने हथियार डालने को कहा.

‘बेहद दुखद क्षण’

यूएन प्रमुख ने, सुरक्षा परिषद की बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए, ताज़ा घटनाक्रम को, उनके यूएन प्रमुख के कार्यकाल का “सबसे दुखद पल” क़रार दिया. 

यूएन महासचिव ने कहा कि ताज़ा घटनाक्रम के मद्देनज़र, ”मुझे अपनी बात बदलनी होगी और कहना होगा: इनसानियत के नाम पर अपनी सेनाएँ वापिस रूस बुलाएँ. इनसानियत के नाम पर, ऐसा युद्ध ना शुरू करें जो इस सदी के शुरू होने के बाद, शायद बेहद तबाही वाला हो.”

विश्व भर में चिन्ता

ग़ौरतलब है कि रूसी महासंघ ने सोमवार को यूक्रेन के दो पूर्वी क्षेत्रों – दोनेत्स्क और लूहान्स्क के कुछ हिस्सों की कथित स्वतंत्रता को मान्यता देने की घोषणा की है, जिसके बाद से ही विश्व भर में चिन्ता व्याप्त है.

ख़बरों के अनुसार सम्पर्क रेखा पर युद्धविराम उल्लंघन की घटनाएँ बढ़ी हैं और ज़मीनी स्तर पर हालात और अधिक बिगड़ने की आशंका है.

Ukraine: " President Putin announced Special Military Operation in Ukraine" | United Nations

यूएन प्रमुख ने सुरक्षा परिषद को अपने सम्बोधन में कहा कि अफ़वाहें ज़ोरों पर हैं और ऐसे संकेत मिल रहे हैं कि यूक्रेन पर आक्रमण किसी भी समय हो सकता है.   

इसके मद्देनज़र, महासचिव गुटेरेश ने रूस के राष्ट्रपति व्लादीमीर पुतिन से पुरज़ोर अपील करते हुए यूक्रेन पर हमला ना करने की पुकार लगाई है.

उन्होंने बताया कि हाल के दिनों में, ऐसी अनेक परिस्थितियाँ रही हैं जब ऐसे ही संकेत और अफ़वाहें फैली थीं.

महासचिव ने कहा, “और मैंने कभी उन पर विश्वास नहीं किया, इस भरोसे के साथ कि कुछ गम्भीर नहीं होगा. मैं ग़लत था. और मैं आज फिर ग़लत नहीं होना चाहूंगा.”

इसलिये अगर किसी अभियान की तैयारी की जा रही है, तो मैं हृदय की गहराइयों से एक ही बात कहना चाहता हूँ: राष्ट्रपति पुतिन, अपने सैन्य बलों को यूक्रेन पर हमला करने से रोकिये.

“शान्ति को एक अवसर दीजिये. बड़ी संख्या में लोगों की पहले ही मौतें हो चुकी हैं.”

बिगडते हालात से उपजी चिन्ता

संयुक्त राष्ट्र में राजनैतिक व शान्तिनिर्माण मामलों की प्रमुख रोज़मैरी डीकार्लो ने बताया कि दोनेत्स्क और लूहान्स्क पीपल्स रिपब्लिक के कथित प्रशासन ने रूसी महासंघ से सैन्य सहायता का अनुरोध किया है.

समाचार माध्यमों के मुताबिक़, बड़े पैमाने पर सैन्य जमावड़ा बढ़ रहा है और सैन्य बल यूक्रेन की ओर बढ़ रहे हैं. रूसी महासंघ ने कथित रूप से यूक्रेन से लगी सीमा पर नागरिक विमानन के लिये वायुक्षेत्र बन्द कर दिया है.

ख़बरों के अनुसार, बुधवार को लगातार सम्पर्क रेखा के इर्दगिर्द भारी गोलाबारी जारी रही और आम नागरिक व सैन्यकर्मी हताहत हुए हैं. इस दौरान नागरिक प्रतिष्ठानों को भी बार-बार निशाना बनाए जाने की रिपोर्टें मिली हैं.  

अवर महासचिव डीकार्लो ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र के लिये इन ख़बरों की पुष्टि कर पाना सम्भव नहीं है, मगर यदि इस घटनाक्रम की पुष्टि होती है तो यह पहले से ही बेहद ख़तरनाक स्थिति का और बिगड़ना होगा.

इस बीच, यूक्रेन प्रशासन ने देशव्यापी आपात हालात लागू करते हुए प्रतिरक्षा व सुरक्षा उपायों की घोषणा की है और रिज़र्व सैनिक बुलाए गए हैं.

यूक्रेन प्रशासन ने व्यापक पैमाने पर साइबर हमले की जानकारी दी है, जिसमें अनेक सरकारी व वित्तीय संस्थाओं को निशाना बनाया गया है.

शान्ति का आहवान

अवर महासचिव ने कहा कि यह कहना मुश्किल है कि आने वाले घण्टों और दिनों में यूक्रेन में हालात किस प्रकार से करवट लेंगे, लेकिन हालात भड़कने से मानवीय पीड़ा और विध्वंस की बड़ी क़ीमत स्पष्ट है.

“यूक्रेन के लोग शान्ति चाहते हैं. मैं निश्चिन्त हूँ कि रूस के लोग शान्ति चाहते हैं. हमें शान्ति की जीत सुनिश्चित करने के लिये यथासम्भव प्रयास करने होंगे.”

उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र कर्मचारी ज़मीनी स्तर पर यूक्रेन की जनता तक मानवीय सहायता पहुँचाने के लिये मौजूद हैं.

यूएन वहाँ अपनी मौजूदगी बनाए रखेगा और इसके लिये उन्होंने सभी पक्षों से कर्मचारियों की सुरक्षा व सलामती सुनिश्चित किये जाने का आग्रह किया है.

साथ ही अन्तरराष्ट्रीय मानवीय क़ानून और अन्तरराष्ट्रीय मानवाधिकार क़ानून के अनुपालन पर भी बल दिया है.