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यूक्रेन के अनाज की निर्यात बहाली, एक अहम बढ़त वाला क़दम

यूक्रेन के क्रास्ने गाँव में गेहूँ की उपज.
© FAO/Anatolii Stepanov
यूक्रेन के क्रास्ने गाँव में गेहूँ की उपज.

यूक्रेन के अनाज की निर्यात बहाली, एक अहम बढ़त वाला क़दम

मानवीय सहायता

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने अनाज का निर्यात बहाल करने के मुद्दे पर रूस और यूक्रेन के दरम्यान, तुर्कीये में यूएन समर्थित बातचीत में हुई प्रगति को, “दुनिया भर में मानव तकलीफ़ें कम करने व भुखमरी के हालात आसान करने के लिये उम्मीद की एक किरण क़रार दिया है”.

यूएन महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने बुधवार को कहा कि काला सागर के ज़रिये लाखों टन अनाज के सुरक्षित निर्यात की इजाज़त देने के लिये एक अति महत्वपूर्ण क़दम आगे बढ़ाया गया है, मगर उन्होंने ज़ोर देकर ये भी कहा कि इस बारे में रूस और यूक्रेन के दरम्यान अभी कोई औपचारिक समझौता नहीं हुआ है. 

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तुर्कीये की सरकार, 24 फ़रवरी को यूक्रेन पर रूसी आक्रमण शुरू होने के बाद, संयुक्त राष्ट्र की मदद से, अनेक सप्ताहों से कोई समझौता कराने के लिये प्रयासरत रही है. 

ध्यान रहे कि रूसी आक्रमण के बाद दुनिया भर में अनाज, भोजन पकाने में काम आने वाला तेल, ईंधन, उर्वरक के दामों में बेतहाशा वृद्धि हुई, साथ ही दुनिया भर में आपूर्ति श्रृंखला में बाधाएँ आईं.

स्थिरता की आवश्यकता

विकासशील देशों में जो अनाज आयात होता है, उसका बड़ा हिस्सा यूक्रेन से आता है मगर फ़रवरी में रूसी आक्रमण के बाद से, देश से काला सागर के ज़रिये होने वाला निर्यात, रूस ने अवरुद्ध कर दिया है.

एंतोनियो गुटेरेश ने न्यूयॉर्क स्थित यूएन मुख्यालय में पत्रकारों से कहा, “वैश्विक संकटों से घिरी एक दुनिया में, आज, हमें कम से कम, उम्मीद की एक किरण नज़र आई है.”

“उम्मीद की एक किरण – दुनिया भर में मानव तकलीफ़ें और भुखमरी कम करने के लिये. आशा की एक किरण – विकासशील देशों और बेहद निर्बल हालात वाले लोगों की सहायता करने के लिये. उम्मीद की एक किरण – वैश्विक खाद्य प्रणाली के लिये एक ऐसी स्थिरता लाने के लिये उपाय, जिसकी बहुत आवश्यकता है.”

यूएन प्रमुख ने कहा कि इस्ताम्बूल में हुई इस बातचीत में, संयुक्त राष्ट्र को भी प्रतिनिधित्व मिला, जिसके लिये मानवीय सहायता मामलों के मुखिया मार्टिन ग्रिफ़िथ्स और संयुक्त राष्ट्र के व्यापार और विकास संगठन (UNCTAD) की अध्यक्षा रेबेका ग्रीन्सपैन ने शिरकत की.

उन्होंने कहा, “युद्ध शुरू होने के बाद से मैं, रूसी खाद्य उत्पादों और रूस के खाद्य व उर्वरक उत्पादों को दुनिया भर के बाज़ारों में उपलब्ध कराने की अहमियत पर बार-बार ज़ोर देता रहा हूँ.”

‘यह विश्व के लिये एक समझौता’

यूक्रेन की एक फ़ैक्टरी में ट्रक में लादा जाता हुआ अनाज
© FAO/Genya Savilov
यूक्रेन की एक फ़ैक्टरी में ट्रक में लादा जाता हुआ अनाज

यूएन महासचिव ने कहा, “अन्ततः तमाम पक्षों का उद्देश्य, केवल रूस और यूक्रेन के दरम्यान ही एक समझौता भर नहीं है, बल्कि पूरी दुनिया के लिये एक समझौता है.”

उन्होंने ये बातचीत आयोजित कराने की ख़ातिर असाधारण प्रयास करने के लिये तुर्कीये का शुक्रिया अदा किया, और साझा मानवता के लिये एक समझौता कराने में तमाम भागीदारों के असाधारण काम के लिये, उनका अभिवादन किया.

सम्वाद की महत्ता

यूएन प्रमुख ने याद दिलाया कि यूक्रेन में युद्ध विध्वंस मचा रहा है, मगर इस्ताम्बूल वार्ता में से एक आशाजनक ख़बर भी निकली है, जो सम्वाद की महत्ता को दर्शाती है.

यूएन महासचिव ने पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि इस्ताम्बूल में हुई इस पहली बैठक के बाद, जल्द ही एक अन्य बैठक होने का रास्ता निकलेगा, सम्भवतः अगले सप्ताह.

एंतोनियो गुटेरेश ने, रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध समाप्त कराने के लिये किसी शान्ति समझौते की सम्भावना के बारे में पूछे जाने पर कहा कि अभी बहुत लम्बा रास्ता तय करना है, मगर बुधवार के घटनाक्रम काफ़ी उत्साहजनक संकेत हैं.