वैश्विक परिप्रेक्ष्य मानव कहानियां

वैश्विक अर्थव्यवस्था में प्रवासी कामगारों की अहम भूमिका, कामकाज के लिये जोखिम भरे हालात 

मैक्सिको और ग्वाटेमाला की सीमा के पास लोग एक नदी पार कर रहे हैं. (नवम्बर 2021)
Luis Arroyo/CINU México
मैक्सिको और ग्वाटेमाला की सीमा के पास लोग एक नदी पार कर रहे हैं. (नवम्बर 2021)

वैश्विक अर्थव्यवस्था में प्रवासी कामगारों की अहम भूमिका, कामकाज के लिये जोखिम भरे हालात 

प्रवासी और शरणार्थी

अन्तरराष्ट्रीय प्रवासन संगठन (IOM) की एक नई रिपोर्ट के अनुसार, पिछले एक दशक में विश्वव्यापी श्रम बल में प्रवासियों की संख्या में तीन गुना वृद्धि हुई है. प्रवासी कामगार विश्व अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं, मगर, उन्हें कामकाज की तलाश में भयावह जोखिम लेने के लिये मजबूर होना पड़ रहा है. कोविड-19 महामारी ने प्रवासी कामगारों के समक्ष मौजूद ख़तरों को उजागर किया है. 

अन्तरराष्ट्रीय श्रम संगठन के एक अनुमान के अनुसार, विश्व भर में प्रवासी कामगारों की संख्या क़रीब 17 करोड़ है, जोकि 2010 में विदेशी कामगारों की संख्या, पाँच करोड़ 30 लाख, के तीन गुना से भी अधिक है.

Tweet URL

प्रवासी कामगारों की श्रम बल में भूमिका बढ़ रही है, और अब वे वैश्विक कार्यबल का लगभग पाँच फ़ीसदी हैं. 2010 में यह आँकड़ा 2 फ़ीसदी से भी कम था. 

Global Migration Indicators (GMI) 2021’ शीर्षक वाली यह रिपोर्ट, यूएन प्रवासन एजेंसी के वैश्विक प्रवास डेटा विश्लेषण केंद्र की ओर से जारी की गई है.

रिपोर्ट बताती है कि प्रवासी कामगार, अनेक निम्न- और मध्य-आय वाले देशों के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं.

विश्व बैन्क के एक अनुमान के मुताबिक़, मेज़बान देशों से प्रवासियों द्वारा घर भेजे जानी वाली रक़म ने प्रत्यक्ष विदेशी निवेश और विदेशों से प्राप्त होने वाली विकास सहायता राशि को वर्ष 20108 से पीछे छोड़ दिया है.

वर्ष 2020 में, ऐल सैल्वाडोर, लेबनान, किर्गिज़स्तान, ताजिकिस्तान और टोण्गा सहित कुछ देशों में, सकल घरेलू उत्पाद का 25 फ़ीसदी से अधिक धन प्रेषण से प्राप्त हुआ.

यूएन प्रवासन एजेंसी में उपमहानिदेशक उगोची डेनियल्स ने बताया कि, “सामयिक और भरोसेमन्द डेटा की उपलब्धता से विकास के लिये प्रवासन की अधिकतम सम्भावनाओं को साकार करने में मदद मिल सकती है.”

रिपोर्ट में प्रवासी कामगारों, कोविड-19 के मानव गतिशीलता पर प्रभावों और भविष्य में प्रवासन के रुझानों पर अहम जानकारी साझा की गई है.

बढ़ती माँग

बताया गया है कि प्रवासी कामगारों के लिये माँग बढ़ रही है. उदाहरण के तौर पर वैश्विक महामारी के दौरान, अति-आवश्यक सेवाओं की अनेक भूमिकाओं में प्रवासी कामगार नज़र आए.

आर्थिक सहयोग एवं विकास संगठन (OECD) के आँकड़े दर्शाते हैं कि ब्रिटेन में चिकित्सकों की कुल संख्या का 33 फ़ीसदी विदेशी डॉक्टर हैं.

अमेरिका, जर्मनी, फ़्राँस, स्पेन, इटली समेत अन्य उच्च-आय वाले देशों में विदेशी स्वास्थ्यकर्मियों पर निर्भरता बढ़ रही है. 

प्रवासन सम्बन्धी नीतियों का आकलन कर पाना सरल नहीं है, मगर डेटा दर्शाता है कि प्रवासन के लिये सुरक्षित, क़ानूनी विकल्प सीमित होने का रुझान बढ़ रहा है. 

यूएन प्रवासन एजेंसी के शासन व्यवस्था संकेतकों में हिस्सा लेने वाले 81 प्रतिशत देशों में, कम से कम एक सरकारी संस्था सीमा नियंत्रण के लिये समर्पित है.

लेकिन केवल 38 प्रतिशत देशों के पास ही एक सुस्पष्ट राष्ट्रीय प्रवासन रणनीति है, जबकि महज़ 31 प्रतिशत देशों ने ही इसे राष्ट्रीय आर्थिक विकास रणनीति के अनुरूप बनाया है.

कुछ अहम रुझान:

- पहले से कहीं ज़्यादा संख्या में लोग ऐसे देशों में रहते हैं, जहाँ उनका जन्म नहीं हुआ

- एक अरब से अधिक लोग गतिशील हैं

- अनेक लोगों को मजबूरी में प्रवासन के लिये मजबूर होना पड़ता है

- हर 30 में से एक व्यक्ति प्रवासी है

- हर 95 में से एक व्यक्ति जबरन प्रवासन के लिये मजबूर हुआ है