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कोविड-19: प्रवासी कामगारों की मदद के लिए नए दिशा-निर्देश

थाईलैण्ड की एक फ़ैक्ट्री में काम कर रही महिलाएँ.
UN Women/Pornvit Visitoran
थाईलैण्ड की एक फ़ैक्ट्री में काम कर रही महिलाएँ.

कोविड-19: प्रवासी कामगारों की मदद के लिए नए दिशा-निर्देश

प्रवासी और शरणार्थी

विश्वव्यापी महामारी कोविड-19 के ख़िलाफ़ सामूहिक जवाबी कार्रवाई के तहत प्रवासी कामगार अग्रिम मोर्चों पर डटे हैं लेकिन वे अनेक चुनौतियों का भी सामना कर रहे हैं. मौजूदा हालात के मद्देनज़र अन्तरराष्ट्रीय प्रवासन संगठन (IOM) और इन्टरनेशनल चैम्बर ऑफ़ कॉमर्स ने नियोक्ताओं (Employers) के लिए नए दिशा-निर्देश तैयार किए हैं ताकि प्रवासी कामगारों को सहायता प्रदान करने के लिए उपायों को अपनाया जा सके. 

प्रवासी कामगार वैश्विक कार्यबल का एक अहम हिस्सा हैं और विश्व आबादी का लगभग साढ़े तीन फ़ीसदी हैं. 

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दुनिया भर में सूक्ष्म-, लघु-, और मध्यम उद्यमों में कामकाज उनके योगदान पर निर्भर करता है – उन सैक्टरों में भी जो कोविड-19 से बुरी तरह प्रभावित हुए हैं.

अन्तरराष्ट्रीय प्रवासन एजेंसी में श्रम गतिशीलता और मानव विकास विभाग की प्रमुख मरीना मानके ने बताया कि वे ना सिर्फ़ डॉक्टरों, नर्सों और अन्य स्वास्थ्यकर्मियों के रूप में अपनी सेवाएँ दे रहे हैं बल्कि कृषि, परिवहन और फ़ुटकर सहित अन्य क्षेत्रों में शहरों व क़स्बों में जीवन को चलायमान रखे हुए हैं. 

कोरोनावायरस संकट से स्थानीय समुदायों पर असर पड़ा है और इस सन्दर्भ में प्रवासी कामगार जिन चुनौतियों का सामना कर रहे हैं उनसे निपटने में व्यवसाय निर्णायक भूमिका निभा सकते हैं. 

उनके मन में रोज़गार खोने, वेतन में कटौती होने के अलावा स्वास्थ्य व सुरक्षा से जुड़ी चिन्ताएँ हैं. साथ ही वे पारिवारिक सहारे से दूर होते हैं, भाषा व संस्कृति सम्बन्धी अवरोधों का सामना करते हैं और अक्सर सामाजिक संरक्षा के अभाव में जीते हैं. 

अनेक प्रवासी कामगारों को भेदभाव का भी सामना करना पड़ता है. 

बहुत से देश प्रवासी कामगारों के वित्तीय योगदान पर निर्भर हैं, विशेषत: निम्न और मध्य आय वाले देश जिन्हें अब धन प्रेषण (Remittance) में गिरावट का सामना करना पड़ रहा है.

नए दिशा-निर्देश 

कोविड-19 काल में प्रवासी कामगारों द्वारा झेली जाने वाली चुनौतियों को दूर करने के लिए सोमवार को यूएन एजेंसी और आईसीसी ने नियोक्ताओं के लिए (Employers) नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं. 

इनमें निजी क्षेत्र की भूमिका को रेखांकित किया गया है और बुनियादी सिद्धांतों का ध्यान दिला गया है – जैसेकि सभी कामगारों के साथ समानता, गरिमा व सम्मान के साथ बर्ताव.   

इन दिशा-निर्देशों को पाँच श्रेणियों में पेश किया गया है:

- शारीरिक व मानसिक स्वास्थ्य
- जीवन-यापन व कार्यस्थल की परिस्थितियाँ
- आर्थिक सहारा
- नीतिपरक भर्तियाँ
- सप्लाई चेन में पादर्शिता

यूएन एजेंसी ने भरोसा जताया है कि नियोक्ता अपने कर्मचारियों को कार्यस्थल, कामकाजी समुदायों व सप्लाई चेन में पूर्ण सुरक्षा सुनिश्चित कर सकते हैं और इसे पूरा करने में उन्हें ताज़ा दिशा-निर्देशों से मदद मिलेगी. 

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यूएन एजेंसी, आईसीसी और राष्ट्रीय समितियों का उसका नैटवर्क प्रवासी कामगारों के लिए ज़रूरी उपायों के प्रति विभिन्न क्षेत्रों में व्वयसायों के बीच जागरूकता के प्रसार में जुटा है.

हाल ही में यूएन प्रवासन एजेंसी और इन्टरनेशनल चैम्बर ऑफ़ कॉमर्स ने लातिन अमेरिका में अर्जेन्टीना, कोलम्बिया, ग्वाटेमाला और मैक्सिको के क्षेत्रीय कार्यालयों के साथ नियोक्ताओं के लिए एक वेबिनार का आयोजन किया था.