प्रवासी कामगार

क़तर में एक निर्माण स्थल पर प्रवासी कामगार.
© ILO/Apex Image

प्रवासी कामगारों के मानवाधिकारों की रक्षा सुनिश्चित किये जाने पर बल

संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त कार्यालय (OHCHR), ने ‘अन्तरराष्ट्रीय प्रवासी दिवस’ से ठीक पहले शुक्रवार को प्रकाशित अपनी एक नई रिपोर्ट में देशों से प्रवासी कामगारों के मानवाधिकारों की रक्षा के लिये और अधिक प्रयासों की पुकार लगाई है.  

यूक्रेन के स्कवीरा में अनाज प्रसंस्करण फ़ैक्टी में कार्यरत कामगार.
© FAO/Genya Savilov

यूक्रेन संकट: 48 लाख रोज़गार हानि की आशंका, ILO का नया विश्लेषण

अन्तरराष्ट्रीय श्रम संगठन (ILO) का एक नया विश्लेषण दर्शाता है कि यूक्रेन पर रूसी आक्रमण शुरू होने के बाद से अब तक लगभग 48 लाख रोज़गार समाप्त हो जाने की आशंका है. यूएन एजेंसी के अनुसार, अगर ये टकराव और अधिक बढ़ता है, तो रोज़गार हानि का आँकड़ा 70 लाख तक पहुँच सकता है.

मैक्सिको और ग्वाटेमाला की सीमा के पास लोग एक नदी पार कर रहे हैं. (नवम्बर 2021)
Luis Arroyo/CINU México

वैश्विक अर्थव्यवस्था में प्रवासी कामगारों की अहम भूमिका, कामकाज के लिये जोखिम भरे हालात 

अन्तरराष्ट्रीय प्रवासन संगठन (IOM) की एक नई रिपोर्ट के अनुसार, पिछले एक दशक में विश्वव्यापी श्रम बल में प्रवासियों की संख्या में तीन गुना वृद्धि हुई है. प्रवासी कामगार विश्व अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं, मगर, उन्हें कामकाज की तलाश में भयावह जोखिम लेने के लिये मजबूर होना पड़ रहा है. कोविड-19 महामारी ने प्रवासी कामगारों के समक्ष मौजूद ख़तरों को उजागर किया है. 

उत्तरी थाईलैण्ड के चियांग राई में वियतनाम की एक प्रवासी कामगार.
UN Women/Pornvit Visitoran

प्रवासी कामगारों की संख्या में 50 लाख की वृद्धि – यूएन श्रम एजेंसी  

अन्तरराष्ट्रीय श्रम संगठन (ILO) की एक नई रिपोर्ट दर्शाती है कि अन्तरराष्ट्रीय प्रवासी कामगारों की संख्या बढ़कर 16 करोड़ 90 लाख तक पहुँच गई है. वर्ष 2017 के बाद से इसमें तीन प्रतिशत की बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है.   

सोमालिया की राजधानी मोगादिशु में एक विदेशी मुद्रा स्टॉल पर रखे नोटों के बण्डल.
AU/UN IST/Stuart Price

कोविड-19: अति-आवश्यक सेवाएँ जारी रखने में प्रवासियों का अहम योगदान

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने बुधवार, 16 जून, को ‘पारिवारिक धन प्रेषण का अन्तरराष्ट्रीय दिवस’ के अवसर पर जारी अपने सन्देश में कहा कि महामारी के दौरान, प्रवासियों ने मेज़बान देशों में, अति-आवश्यक सेवाओं और अर्थव्यवस्थाओं को सुचारू रूप से जारी रखने में अहम भूमिका निभाई है.

संयुक्त राष्ट्र के अनुसार 30 हज़ार से ज़्यादा प्रवासी पश्चिम अफ़्रीका की सीमावर्ती इलाक़ों में फँसे हुए हैं.
IOM/Monica Chiriac

कोविड-19: यात्रा पाबन्दियों के कारण लाखों प्रवासियों का जीवन अधर में  

संयुक्त राष्ट्र की प्रवासन एजेंसी (IOM) ने कहा है कि कोविड-19 महामारी के कारण लागू की गई यात्रा पाबन्दियों व तालाबन्दियों का शरणार्थियों व प्रवासियों की ज़िन्दगियों पर भारी असर हुआ है. यूएन एजेंसी के अनुसार प्रवासियों को अक्सर मजबूरी में यात्राएँ करने के लिये मजबूर होना पड़ता है, मगर मौजूदा संकट के दौरान लाखों लोग अपने घर से दूर कठिन हालात में फँसे हुए हैं. 

थाईलैण्ड की एक फ़ैक्ट्री में काम कर रही महिलाएँ.
UN Women/Pornvit Visitoran

कोविड-19: प्रवासी कामगारों की मदद के लिए नए दिशा-निर्देश

विश्वव्यापी महामारी कोविड-19 के ख़िलाफ़ सामूहिक जवाबी कार्रवाई के तहत प्रवासी कामगार अग्रिम मोर्चों पर डटे हैं लेकिन वे अनेक चुनौतियों का भी सामना कर रहे हैं. मौजूदा हालात के मद्देनज़र अन्तरराष्ट्रीय प्रवासन संगठन (IOM) और इन्टरनेशनल चैम्बर ऑफ़ कॉमर्स ने नियोक्ताओं (Employers) के लिए नए दिशा-निर्देश तैयार किए हैं ताकि प्रवासी कामगारों को सहायता प्रदान करने के लिए उपायों को अपनाया जा सके. 

इधियोपिया के अदीस अबाबा की एक जूता फ़ैक्ट्री में कर्मचारी.
Lin Qi

कोविड-19: स्वदेश लौटने वाले प्रवासी कामगारों पर संकट का साया

विश्वव्यापी महामारी कोविड-19 से उपजे हालात में रोज़गार ख़त्म हो जाने के बाद घर लौटने के लिए मजबूर होने वाले लाखों-करोड़ों प्रवासी कामगारों के समक्ष अपने देशों में बेरोज़गारी और निर्धनता की चुनौती खड़ी है. अन्तरराष्ट्रीय श्रम संगठन (ILO) ने अधर में फँसे कामगारों की मदद और स्वदेश लौटने वालों श्रमिकों के लिए सही नीतियाँ लागू किए जाने की ज़रूरत पर बल दिया है ताकि उनके जीवन को फिर से पटरी पर लाया जा सके. 

वेनेज़्वेला छोड़कर लातिन अमेरिका के दूसरे देशों को जाने वाले हज़ारो लोगों को यूरोपीय संघ और रेड क्रॉस से मदद मिल रही है.
2018 European Union/N. Mazars

कोविड-19: प्रवासियों के मानवाधिकारों की रक्षा की पुकार

संयुक्त राष्ट्र के स्वतन्त्र मानवाधिकार विशेषज्ञों नें सभी देशों से प्रवासियों और उनके परिवारों के अधिकारों की रक्षा करने का आहवान किया है. उन्होंने ध्यान दिलाया कि वैश्विक महामारी कोविड-19 के दौरान और उसके बाद भी प्रवासियों के दर्जे की परवाह किए बग़ैर उनके मानवाधिकार सुनिश्चित किए जाने होंगे.