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महामारी को वैश्विक समन्वित कार्रवाई के बिना नहीं हराया जा सकता, यूएन प्रमुख

ज़िम्बाब्वे में एक महिला, एक अस्पताल में अपनी तापमान जाँच कराते हुए.
ILO/KB Mpofu
ज़िम्बाब्वे में एक महिला, एक अस्पताल में अपनी तापमान जाँच कराते हुए.

महामारी को वैश्विक समन्वित कार्रवाई के बिना नहीं हराया जा सकता, यूएन प्रमुख

यूएन मामले

संयुक्त राष्ट्र प्रमुख एंतोनियो गुटेरेश ने गुरूवार को ज़ोरदार दलील देते हुए कहा है कि दुनिया, कोविड-19 महामारी को, एकजुटता और ठोस तालमेल के बिना नहीं हरा सकती है इसलिये, देशों को, वर्ष 2021 के अन्त तक, पूरी दुनिया में लगभग 40 प्रतिशत आबादी का टीकाकरण करने के लिये, आने वाले दिनों में ठोस कार्रवाई करनी होगी. 

यूएन प्रमुख ने न्यूयॉर्क में पत्रकारों से बातचीत में, सदस्य देशों से, वर्ष 2022 के मध्य तक दुनिया भर की 70 प्रतिशत आबादी तक वैक्सीन के टीके पहुँचाने का लक्ष्य हासिल करने की ख़ातिर, और ज़्यादा महत्वकांक्षा दिखाने का भी आहवान किया है. ध्यान रहे कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने ये लक्ष्य रखा है.

वर्ष 2021 समाप्त होने में कुछ ही दिन बाक़ी बचे हैं, जबकि 98 देशों में, 40 प्रतिशत आबादी का टीकाकरण करने का लक्ष्य हासिल नहीं किया गया है. 40 देशों में तो अभी तक 10 प्रतिशत आबादी का भी टीकाकरण नहीं हो सका है.

निम्न आय वाले देशों में तो केवल 4 प्रतिशत आबादी का ही टीकाकरण हो सका है.

वायरस के रूपों को खुली छूट

यूएन महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने कहा कि वैक्सीन विषमता के कारण, कोरोनावायरस के वैरिएण्ट्स को अपनी तबाही मचाने के लिये खुली छूट मिली हुई है, जो दुनिया भर में, लोगों के स्वास्थ्य से खेल रहे हैं और आर्थिक तबाही मचा रहे हैं.

यूएन स्वास्थ्य एजेंसी (WHO) के अनुसार, उच्च आय वाले देशों में टीकाकरण की दर, अफ़्रीका क्षेत्र के देशों की तुलना में 8 गुना ज़्यादा है. 

कोविड-19 का मुक़ाबला करने के लिये, संयुक्त राष्ट्र के उपायों की जानकारी देखी जा सकती है

अगर यही स्थिति रही तो, अफ़्रीका क्षेत्र के देशों में, 70 प्रतिशत आबादी का टीकाकरण करने का लक्ष्य अगस्त 2024 तक भी हासिल नहीं किया जा सकेगा.

यूएन प्रमुख ने इस वर्ष की अपनी अन्तिम प्रेस वार्ता में कहा कि दुनिया एक बहुत कठिन वर्ष को जाते हुए देख रही है. इस वर्ष में भी, महामारी ने तबाही मचाना जारी रखा, विषमताएँ बढ़नी जारी रहीं, विकासशील देशों का बोझ भारी हुआ, और जलवायु संकट अनसुलझा ही रहा है.

उन्होंने चेतावनी भरे शब्दों में कहा, “मैं बहुत चिन्तित हूँ. अगर परिस्थितियाँ बेहतर नहीं हुईं – और वो भी बहुत तेज़ी के साथ – तो हम और भी ज़्यादा कठिन दौर का सामना करने वाले हैं.”

यूएन प्रमुख ने ऐसे असमान पुनर्बहाली प्रयासों की भी आलोचना की, जिनके कारण विषमताएँ गहरी हो रही हैं, और अर्थव्यवस्ताओं व समाजों पर दबाव बढ़ रहे हैं.

वैश्विक वित्त व्यवस्था से विषमताओं को हवा  

अफ़्रीका क्षेत्र में देशों को, संयुक्त राष्ट्र के नेतृत्व में चलाई जा रही कोवैक्स सुविधा के तहत वैक्सीन उपलब्ध कराई गई हैं.
WHO
अफ़्रीका क्षेत्र में देशों को, संयुक्त राष्ट्र के नेतृत्व में चलाई जा रही कोवैक्स सुविधा के तहत वैक्सीन उपलब्ध कराई गई हैं.

यूएन महासचिव ने अन्तरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के आँकड़ों का सन्दर्भ दिया जिनमें कहा गया है कि अगले पाँच वर्षों के दौरान, सब-सहारा अफ़्रीका में, प्रति व्यक्ति सामूहिक आर्थिक वद्धि, बाक़ी दुनिया की तुलना में, 75 प्रतिशत कम होगी.

एंतोनियो गुटेरेश ने कहा कि अमेरिका और अन्य देशों में महंगाई, पिछले 40 वर्षों में सबसे ऊँचाई पर है, ऐसे हालात में ब्याज दरें बढ़ने की सम्भावना है, जिससे कम-विकसित देशों पर और ज़्यादा वित्तीय बोझ पड़ेगा. 

उन्होंने कहा कि ऐसे में निम्न आय वाले देशों के लिये क़र्ज़ चुकाना मुश्किल होगा और आगे क़र्ज़ लेने की लागत भी और ज़्यादा बढ़ जाएगी. “आज की वैश्विक वित्तीय व्यवस्था, विषमताओं और अस्थिरता को हवा दे रही है.”