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कोविड-19: मृतक संख्या 20 लाख, आत्मघाती 'वैक्सीन राष्ट्रवाद' के ख़िलाफ़ चेतावनी

न्यूयॉर्क के एक अस्पताल में स्वास्थ्यकर्मी, अप्रैल 2020 में, कोविड-19 के कारण मौत का शिकार हुए एक व्यक्ति को ले जाते हुए.
UN Photo/Evan Schneider
न्यूयॉर्क के एक अस्पताल में स्वास्थ्यकर्मी, अप्रैल 2020 में, कोविड-19 के कारण मौत का शिकार हुए एक व्यक्ति को ले जाते हुए.

कोविड-19: मृतक संख्या 20 लाख, आत्मघाती 'वैक्सीन राष्ट्रवाद' के ख़िलाफ़ चेतावनी

स्वास्थ्य

संयुक्त राष्ट्र प्रमुख एंतोनियो गुटेरेश ने, कोरोनावायरस महामारी के प्रकोप से, विश्व भर में होने वाली मौतों की संख्या 20 लाख हो जाने के दुखद पड़ाव पर, शुक्रवार को तमाम देशों से अपील की है कि वो इस महामारी का ख़ात्मा करने और लोगों की ज़िन्दगियाँ बचाने में एकजुट होकर काम करें और एकदूसरे की मदद करें. यूएन महासचिव ने एक वीडियो सन्देश में कहा कि एक वैश्विक और समन्वित प्रयास के अभाव की स्थिति में, महामारी का घातक और जानलेवा प्रभाव और भी ज़्यादा विनाशकारी साबित हुआ है.

एंतोनियो गुटेरेश ने कहा, “इस दुखद संख्या के पीछे वास्तविक नाम और चेहरे थे: ऐसी मुस्कानें जो अब केवल यादें बनकर रह गई हैं, खाने की मेज़ पर उनकी कुर्सियाँ सदैव के लिए ख़ाली रह गई हैं, और ऐसे ख़ाली कमरे बचे हैं जो प्रियजनों की ख़ामोशियों से गूँजते हैं.”

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ज़िन्दगियाँ बचाने की ख़ातिर

महासचिव ने कहा, “उन 20 लाख, दिवंगत आत्माओं की स्मृति में, विश्व भर को, और भी ज़्यादा एकजुटता के साथ काम करना होगा.”

ग़ौरतलब है कि दिसम्बर 2019 में, शुरू होने के बाद से, कोविड-19 महामारी दुनिया के हर कोने में फैल चुकी है और इसके संक्रमण के मामले 191 देशों व क्षेत्रों में दर्ज किये गए हैं. इस महामारी के कारण मौतों की संख्या 10 लाख तक तो सितम्बर 2019 में ही पहुँच गई थी.

इसके अलावा, इस महामारी का सामाजिक व आर्थिक प्रभाव तो बहुत विनाशकारी और व्यापक रहा है. दुनिया भर में अनगिनत रोज़गार व कामकाज, आजीविकाएँ ख़त्म हो गए हैं, और लाखों लोग ग़रीबी व भुखमरी के और ज़्यादा नज़दीक धकेल दिये गए हैं.

वैक्सीन रिक्तता

एंतोनियो गुटेरेश ने ये भी याद दिलाया कि यद्यपि कोविड-19 महामारी की रोकथाम के लिये प्रभावशाली और सुरक्षित वैक्सीन उपलब्ध कराई जा रही हैं, लेकिन अब भी देशों के बीच इस मामले में असमानता बरक़रार है.

उन्होंने कहा, “ये वैक्सीन उच्च आमदनी वाले देशों में बहुत तेज़ी से पहुँच रही हैं, जबकि विश्व के निर्धनतम देशों में अभी तक वैक्सीन बिल्कुल भी नहीं पहुँची है, कुछ देश तो गुपचुप तरीक़े से वैक्सीन की ख़रीद के सौदे कर रहे हैं, यहाँ तक कि उनकी ज़रूरतों से भी कहीं ज़्यादा.”

यूएन प्रमुख ने कहा कि बेशक देशों की सरकारों की ये ज़िम्मेदारी है कि वो अपने यहाँ की आबादी को सुरक्षा मुहैया कराएँ, मगर वैक्सीन राष्ट्रवाद आप में एक हानिकारक विकल्प है और इसके कारण वैश्विक स्तर पर इस महामारी से उबरने में देरी होगी.”

एंतोनियो गुटेरेश ने कहा, “कोविड-19, किसी एक समय पर, किसी एक देश में नहीं हराया जा सकता.”

उन्होंने तमाम देशों का आहवान किया कि वो अपने पास ज़रूरत से ज़्यादा मात्रा में उपलब्ध वैक्सीन की ख़ुराकों को अन्य देशों को बाँटें, ताकि दुनिया भर में स्वास्थ्यकर्मियों को जल्द से जल्द वैक्सीन दी जा सकें और स्वास्थ्य ढाँचों को ढहने या चरमराने से रोका जा सके.

यूएन प्रमुख ने कोविड-19 की रोकथाम में मदद करने के लिये सटीक उपकरण मुहैया कराने वाली एसीटी-ऐक्सेलेरेटर और कोवैक्स सुविधा के लिये पर्याप्त धन की उपलब्धता सुनिश्चित किये जाने की ज़रूरत भी दोहराई. इन कार्यक्रमों का उद्देश्य दुनिया भर में, सभी के लिये वैक्सीन उपलब्धता सुनिश्चित करना है.

असरदार उपाय

इसके साथ ही, लोगों को ऐसे उपायों का ध्यान रखना होगा और उन पर अमल करते रहना होगा जिनकी बदौलत ख़ुद को और अन्य लोगों को सुरक्षित रखा जा सकता है, यानि मास्क पहनना, सामाजिक दूरी बनाए रखना, भीड़ वाले इलाक़ों से दूरी रखना, और हाथ स्वच्छ रखना.

एंतोनियो गुटेरेश ने कहा, “हमारी दुनिया, इस वायरस को पीछे छोड़कर केवल एक ही तरीक़े से आगे निकल सकती है – एकजुटता के साथ. वैश्विक एकजुटता के ज़रिये ज़िन्दगियाँ बचाई जाएँगी, लोगों को सुरक्षा मुहैया कराई जाएगी और इस विषैले वायरस को हराने में मदद मिलेगी.”