वैश्विक परिप्रेक्ष्य मानव कहानियां

डेल्टा वैरिएंट का बढ़ता क़हर, वैक्सीन आपूर्ति में विषमता से दिखती मानवीय दरारें

ब्राज़ील समेत अनेक देशों में बड़ी संख्या में आबादी का टीकाकरण नहीं हो पाया है.
© UNICEF/PAHO/Karina Zambrana
ब्राज़ील समेत अनेक देशों में बड़ी संख्या में आबादी का टीकाकरण नहीं हो पाया है.

डेल्टा वैरिएंट का बढ़ता क़हर, वैक्सीन आपूर्ति में विषमता से दिखती मानवीय दरारें

स्वास्थ्य

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के प्रमुख ने सोमवार को कहा है कि कोविड-19 का डेल्टा वैरिएंट दुनिया भर में बहुत तेज़ रफ़्तार से फैल रहा है जिससे संक्रमण और मौतों के मामलों में नया उछाल आ रहा है. इससे वैक्सीन की उपलब्धता व आपूर्ति में मौजूद गहरी विषमता और खाई भी उजागर हो रही है.

यूएन स्वास्थ्य एजेंसी के महानिदेशक डॉक्टर टैड्रॉस ऐडहेनॉम घेबरेयेसस ने ध्यान दिलाते हुए कहा कि दुनिया एक ऐसी बढ़ती महामारी के बीचों-बीच घिरी हुए हैं जहाँ देशों के बीच व देशों के भीतर, संसाधन वंचित व संसाधन सम्पन्न लोगों के बीच अन्तर और भी मुखर हो रहा है.

उन्होंने कहा कि डेल्टा वैरिएंट ऐसे स्थानों पर भी तेज़ी से फैल रहा है जहाँ वैक्सीन का टीकाकरण व्यापक दायरे में हो चुका है, मगर जिन देशों में वैक्सीन टीकाकरण का दायरा सीमित है, विशेष रूप से वहाँ स्थिति बहुत ख़राब है.

स्वास्थ्य संगठन प्रमुख ने कहा, “डेल्टा और उच्च संक्रमण दर वाले अन्य वैरिएंट, संक्रमण व मौतों के मामलों की लहर बहुत तेज़ी से बढ़ा रहे हैं जिसके परिणामस्वरूप संक्रमित मरीज़ों के अस्पतालों में भर्ती होने और मौतें होने के मामलों में उच्च बढ़ोत्तरी हो रही है."

"जिन देशों ने शुरुआती दौर में, सार्वजनिक स्वास्थ्य उपायों के ज़रिये, वायरस की लहर पर क़ाबू पाने में कामयाबी हासिल की थी, अब वहाँ भी संक्रमण की नई लहर का विनाशकारी क़हर देखने को मिल रहा है.”

उन्होंने कहा कि निम्न आय वाले देशों में पहले से ही बहुत दबाव और थकान महसूस कर रहे स्वास्थ्यकर्मी, निजी बचाव उपकरणों, ऑक्सीजन और उपचार किटों की क़िल्लत में ज़िन्दगियाँ बचाने की जद्दोजहद कर रहे हैं.

डेल्टा वैरिएंट 104 से ज़्यादा देशों में मौजूद है और स्वास्थ्य एजेंसी ने अनुमान व्यक्त किया है कि कोविड-19 का नया प्रबल रूप ये वैरिएंट, जल्द ही दुनिया में फैल जाएगा.

महामारी अभी कहीं भी ख़त्म नहीं हुई

डॉक्टर टैड्रॉस ने कहा कि इस संकट से उबरने के लिये, वैक्सीन टीकाकरण को अपने आप में एकमात्र उपाय, कभी भी नहीं समझा गया, मगर मौजूदा लहर ने दिखा दिया है कि वैक्सीनें कितने शक्तिशाली उपकरण साबित हुई हैं.

उन्होंने ध्यान दिलाते हुए कहा, “हम लगातार विकराल रूप लेती एक ऐसी सार्वजनिक स्वास्थ्य आपदा का सामना कर रहे हैं जो और ज़्यादा व्यापक दायरे में ज़िन्दगियों, आजीविकाओं और स्वस्थ वैश्विक आर्थिक पुनर्बहाली के लिये जोखिम पैदा कर रही है."

"निश्चित रूप से, ये उन स्थानों पर बहुत विनाशकारी है जहाँ वैक्सीन की मौजूदगी कम है, लेकिन ये महामारी अभी, किसी भी स्थान पर पूरी तरह ख़त्म नहीं हुई है.”

सबको मिले वैक्सीन

विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुखिया ने दोहराते हुए कहा कि वैक्सीन आपूर्ति में वैश्विक अन्तर बहुत असमान और विषम है.

“कुछ देश और क्षेत्र तो अपने लिये लाखों-करोड़ों ख़ुराकें ख़रीद रहे हैं जबकि बहुत से अन्य देशों को अपने स्वास्थ्यकर्मियों और बहुत कमज़ोर स्वास्थ्य वाले लोगों के लिये भी वैक्सीन की पर्याप्त आपूर्ति नहीं मिल पा रही है.”

भारत की राजधानी दिल्ली के राष्ट्रमण्डल खेल गाँव में कोविड-19 उपचार केन्द्र में मरीज़ों का इलाज होते हुए.
© UNICEF/Amarjeet Singh
भारत की राजधानी दिल्ली के राष्ट्रमण्डल खेल गाँव में कोविड-19 उपचार केन्द्र में मरीज़ों का इलाज होते हुए.

उन्होंने कहा कि सारी दुनिया अब थक चुकी है, और सभी चाहतें हैं कि हालात सामान्य हो जाएँ, और महामारी का ख़ात्मा किया जाना इसकी कुंजी है... लेकिन जब एक महामारी सभी जगह फैली हो तो, वायरस का फैलना जारी रहेगा.

डॉक्टर टैड्रॉस ने कहा कि उन्हें ये देखकर बहुत निराशा हो रही है कि जिन देशों में उनकी आबादी के एक बड़े हिस्से को वैक्सीन के टीकों की दो ख़ुराकें लग चुकी हैं, और अब वो तीसरी ख़ुराक देने की तैयारी कर रहे हैं जोकि बिल्कुल भी सही नज़र नहीं आता.

उन्होंने कहा कि वैक्सीन साझा करने का मतलब, किसी देश को मुफ़्त में वैक्सीन दिया जाना क़तई नहीं है.

“मेरे पास ऐसे देशों की सूची है जो कह रहे हैं कि उनके पास धन है, वो वैक्सीन के लिये क़ीमत अदा कर सकते हैं, मगर वैक्सीन उपलब्ध ही नहीं हैं... दुनिया के पास वैक्सीन उत्पादन तेज़ी से बढ़ाने की क्षमता है, लेकिन हमारे पास वैश्विक नेतृत्व की कमी नज़र आती है.”

लाइसेंस साझा करें

विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक ने कहा कि औषधि निर्माता (फ़ार्मास्यूटिकल) कम्पनियों को अपने लाइसेंस, नुस्ख़े और टैक्नॉलॉजी साझा करने होंगे.

उन्होंने कहा, “मसलन, ऐस्ट्राज़ेनेका से सबक़ सीखा जा सकता है जिसने योरोप में वैक्सीन का उत्पादन शुरू किया और उत्पादन दायरा भारत, कोरिया, ऑस्ट्रेलिया व जापान तक बढ़ा दिया, जिसे और भी व्यापक किया जा रहा है. इसकी बदौलत कोवैक्स कार्यक्रम को अतिरिक्त स्थानों से वैक्सीन ख़रीदने के लिए हरी झण्डी मिल रही है.”

उन्होंने ध्यान दिलाते हुए कहा कि अब भी हर रोज़, हज़ारों लोगों की मौतें हो रही हैं और, फ़िलहाल, लालच के कारण, एकजुटता असर नहीं दिखा रही है.

उन्होंने आगाह करने के अन्दाज़ में कहा, "अपनी आबादी का टीकाकरण करने वाले देश कह रहे हैं कि उन्होंने महामारी पर नियंत्रण पा लिया है, इसलिये ये अब उनकी समस्या नहीं बची है. मगर मैं अभी आश्वस्त नहीं हूँ कि वो ख़तरे से बाहर आ गए हैं.”

“मैं नहीं समझता कि डेल्टा वैरिएंट को देखते हुए, स्थिति पर उनका पूरा नियंत्रण है, जबकि अन्य वैरिएंट भी उभर सकते हैं... वो बाक़ी दुनिया को नज़रअन्दाज़ करके, वायरस को फिर से उभरने का मौक़ा दे रहे हैं.”