सर्वजन के लिये टिकाऊ व किफ़ायती ऊर्जा – वैश्विक प्रयासों की दरकार

पिछले एक दशक में, विश्व आबादी के एक बड़े हिस्से तक बिजली पहुँचाना सम्भव हुआ है, मगर सब-सहारा अफ़्रीका में ऊर्जा सुलभता से वंचित लोगों की संख्या बढ़ी है. सोमवार को जारी संयुक्त राष्ट्र की एक नई रिपोर्ट में सचेत किया गया है कि त्वरित कार्रवाई के अभाव में वर्ष 2030 तक ऊर्जा की सार्वभौमिक सुलभता के लक्ष्य को साकार कर पाना कठिन होगा.
Tracking SDG 7: The Energy Progress Report, शीर्षक वाली इस रिपोर्ट को अन्तरराष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी, अन्तरराष्ट्रीय नवीकरणीय ऊर्जा एजेंसी, विश्व स्वास्थ्य संगठन, विश्व बैन्क और आर्थिक एवँ सामाजिक मामलों के संयुक्त राष्ट्र ने मिलकर तैयार किया है.
टिकाऊ विकास के 2030 एजेण्डा का सातवाँ लक्ष्य, सर्वजन के लिये किफ़ायती, भरोसेमन्द, टिकाऊ और आधुनिक ऊर्जा सुनिश्चित किये जाने पर केंद्रित है.
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यूएन स्वास्थ्य एजेंसी के पर्यावरण, जलवायु परिवर्तन एवँ स्वास्थ्य विभाग में निदेशक मारिया नैरा ने बताया, "स्वच्छ और टिकाऊ ऊर्जा के दायरे के विस्तार की दिशा में बढ़ना, मानव स्वास्थ्य की रक्षा करने और स्वस्थ आबादियों को बढ़ावा देने की कुँजी है, विशेष रूप से दूरदराज़ के और ग्रामीण इलाक़ों में."
रिपोर्ट बताती है कि एसडीजी-7 लक्ष्य के विषय में ठोस प्रगति हुई है और पिछले एक दशक में, वैश्विक स्तर पर, बिजली आपूर्ति के दायरे से बाहर रह रहे लोगों की संख्या में गिरावट आई है.
वर्ष 2010 में यह संख्या एक अरब 20 करोड़ थी, जोकि 2019 में घटकर 75 करोड़ 90 लाख रह गई है.
मगर यह प्रगति असमान है और कोविड-19 से उपजी वित्तीय मुश्किलों ने बुनियादी बिजली सेवाओं को तीन करोड़ लोगों की पहुँच से बाहर कर दिया है. इनमें अधिकाँश लोग अफ़्रीका में हैं.
यूएन विशेषज्ञों ने इस पृष्ठभूमि में, कोरोनावायरस संकट से पुनर्बहाली के लिये राहत पैकेजों में एसडीजी-7 सम्बन्धी नीतियों के एकीकरण पर ज़ोर दिया है ताकि टिकाऊ विकास को बढ़ावा दिया जा सके.
साझा रिपोर्ट में एसडीजी-7 के उद्देश्यों को पूरा करने के लिये रास्तों की शिनाख़्त की गई है, जिसके तहत नवीकरणीय ऊर्जा का दायरा व स्तर बढ़ाना अहम होगा.
सब-सहारा अफ़्रीका में ऊर्जा आपूर्ति में नवीकरणीय ऊर्जा का अनुपात सबसे अधिक है, लेकिन ऊर्जा के स्रोत स्वच्छ नहीं हैं - 85 फ़ीसदी बायोमास (लकड़ी, फ़सल और खाद जलाना) का इस्तेमाल किया जाता है.
अन्तरराष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी के कार्यकारी निदेशक फ़तीह बिरोल ने कहा कि 2050 तक नैट-शून्य उत्सर्जन हासिल करने के वैश्विक रास्ते पर बढ़ते हुए, महत्वपूर्ण टिकाऊ ऊर्जा लक्ष्यों को भी 2030 तक प्राप्त किया जा सकता है.
उन्होंने इसके लिये सभी सैक्टरों में नवीकरणीय ऊर्जा का विस्तार करने और ऊर्जा दक्षता को बढ़ावा दिये जाने पर बल दिया है.
"निवेश का स्तर बढ़ाना और उसके लिये संगठित प्रयास, विकासशील अर्थव्यवस्थाओं में ऊर्जा सुलभता की दिशा में प्रगति को जारी रखने के लिये अहम है."
रिपोर्ट में, स्वच्छ ऊर्जा से खाना पकाने, ऊर्जा दक्षता को बढ़ावा देने और अन्तरराष्ट्रीय वित्तीय प्रवाह को जारी रखने की अहमियत को भी रेखांकित किया गया है.
यूएन स्वास्थ्य एजेंसी की डॉक्टर मारिया नैरा के मुताबिक, कोविड-19 से स्वस्थ और हरित पुनर्बहाली के लिये स्वच्छ और टिकाऊ ऊर्जा की दिशा में आगे बढ़ना होगा.
यह इस रिपोर्ट का सातवाँ संस्करण है, जो ऐसे समय में प्रकाशित हुआ है जब सरकारें व अन्य पक्षकार, सितम्बर 2021 में ऊर्जा पर उच्चस्तरीय यूएन सम्वाद के लिये तैयारियों में जुटे हैं.
यह सम्वाद, वर्ष 2030 तक एसडीजी-7 के लक्ष्य को साकार करने के लिये आवश्यक उपायों की पहचान पर लक्षित है.