टिकाऊ परिवहन में निहित है हरित भविष्य की कुंजी - यूएन प्रमुख
चीन की राजधानी बीजिंग में गुरूवार को 'टिकाऊ परिवहन' के मुद्दे पर संयुक्त राष्ट्र का दूसरा सम्मेलन शुरू हुआ है, जिसमें जलवायु कार्रवाई, आर्थिक प्रगति और टिकाऊ विकास में परिवहन तंत्रों के योगदान पर चर्चा हो रही है. टिकाऊ विकास के 2030 एजेण्डा और पैरिस जलवायु समझौते के लक्ष्यों की प्राप्ति के नज़रिये से, यह सम्मेलन महत्वपूर्ण माना जा रहा है.
स्कॉटलैण्ड के ग्लासगो में संयुक्त राष्ट्र के वार्षिक जलवायु परिवर्तन सम्मेलन (कॉप26) से कुछ दिन पहले आयोजित इस बैठक में सरकारों के प्रतिनिधि, उद्योग जगत से विशेषज्ञ और नागरिक समाज संगठन हिस्सा ले रहे हैं.
यूएन प्रमुख एंतोनियो गुटेरेश ने बैठक को सम्बोधित करते हुए कहा कि अगले नौ वर्षों में वैश्विक स्तर पर, नवीकरणीय ऊर्जा की ओर क़दम आगे बढ़ाए जाएंगे. “टिकाऊ परिवहन, इस रूपान्तरकारी बदलाव के केन्द्र में है.”
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विश्व बैंक के एक अनुमान के मुताबिक़, टिकाऊ परिवहन के ज़रिये वर्ष 2050 तक 70 हज़ार अरब डॉलर की बचत हो सकती है.
यूएन प्रमुख के अनुसार कोविड-19 महामारी ने दर्शाया है कि परिवहन, महज़ लोगों तक पहुँचने और सामान को एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुँचाने तक सीमित नहीं है.
उन्होंने परिवहन को टिकाऊ विकास लक्ष्यों के 2030 एजेण्डा और जलवायु परिवर्तन पर पैरिस समझौते को लागू किये जाने के प्रयासों के नज़रिये से भी बेहद अहम बताया. उन्होंने कहा कि दुनिया फ़िलहाल ये लक्ष्य हासिल करने से दूर है.
परिवहन सैक्टर, कुल वैश्विक ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन के एक-चौथाई से अधिक हिस्से के लिये ज़िम्मेदार है, और परिवहन तंत्रों की कार्बन पर निर्भरता घटा कर, वर्ष 2050 तक नैट शून्य उत्सर्जन के लक्ष्य को पाने में मदद मिल सकती है.
परिवहन से कार्बन की निर्भरता घटाने के लिये जहाज़रानी और विमानन सेवाओं से होने वाले उत्सर्जन में कटौती की जानी होगी, साथ ही आन्तरिक दहन इंजन वाहनों (internal combustion engine vehicles) के इस्तेमाल को चरणबद्ध ढंग से हटाना होगा.
यूएन प्रमुख ने ज़ोर देकर कहा कि शून्य उत्सर्जन जहाज़ों को जहाज़रानी उद्योग में हर प्रकार से बढ़ावा दिया जाना होगा.
इस क्रम में, उन्होंने कहा कि इस प्रक्रिया में, व्यक्तियों से लेकर व्यवसायों तक, हर हितधारक की अहम भूमिका है.
महासचिव गुटेरेश ने देशों की सरकारों से, नियामक मानकों, कर प्रणाली और अन्य उपायों से स्वच्छ परिवहन को प्रोत्साहन दिये जाने का आग्रह किया है.
सर्वजन के लिये सुरक्षित परिवहन
महासचिव ने आगाह किया है कि परिवहन तंत्रों की सुरक्षा व सुलभता के मुद्दों का ध्यान रखा जाना होगा.
उदाहरणस्वरूप, एक अरब से अधिक लोगों तक पक्की सड़कें पहुँचाना, पैदल और साइकिल चला रहे लोगों के लिये चिन्हित रास्ते बनाना और आवाजाही के लिये सार्वजनिक विकल्प प्रदान करना.
साथ ही, सार्वजनिक परिवहन पर महिलाओं व लड़कियों के उत्पीड़न व उनके साथ होने वाली हिंसा से बचाव के उपाय किये जाने होंगे, और सड़क यातायात दुर्घटनाओं में हताहतों की संख्या में कमी लानी होगी.
महासचिव गुटेरेश के मुताबिक़, वैश्विक महामारी के बाद की दुनिया में सुदृढ़ परिवहन प्रणालियों का निर्माण किया जाना होगा. इसके लिये टिकाऊ परिवहन में निवेश और शिष्ट व उपयुक्त रोज़गारों के सृजन पर ज़ोर दिया गया है.
बन्दरगाहों समेत परिवहन तंत्र के मौजूदा बुनियादी ढाँचे, चरम जलवायु की घटनाओं की दृष्टि से सम्वेदनशील हैं, जिससे निपटने के लिये बेहतर जोखिम विश्लेषण और योजना की आवश्यकता बताई गई है.
साथ ही जलवायु अनुकूलन के लिये वित्त पोषण बढ़ाने पर बल दिया गया है, विशेष रूप से विकासशील देशों में.
इसके मद्देनज़र, यूएन प्रमुख ने निजी सैक्टर सहित कारगर साझेदारियों की आवश्यकता को रेखांकित किया है, ताकि देश, एक दूसरे के साथ ज़्यादा समन्वित ढंग से काम कर पाएँ.