काँगो लोकतांत्रिक गणराज्य: विस्थापितों पर जानलेवा हमले की कड़ी निन्दा

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने काँगो लोकतांत्रिक गणराज्य (डीआरसी) में देश के पूर्वी इलाक़े में हुए हमलों की कड़ी निन्दा की है और प्रशासनिक एजेंसियों से दोषियों की जवाबदेही तय किये जाने की माँग की. सोमवार को हुए इन हमलों में 55 लोगों की मौत हुई है और अनेक घायल हुए हैं.
हमले में निशाना बनाए गए दोनों गाँव इतुरी और उत्तर किवु प्रान्तों के पास सीमावर्ती इलाक़े में स्थित हैं.
The Secretary-General @antonioguterres strongly condemns yesterday’s attacks by suspected members of the ADF in the eastern #DRC. The attacks, which targeted internally displaced persons’ camps, left at least 55 civilians dead and many others injured. 👇https://t.co/Z1qhiN7kSH
UN_Spokesperson
इस इलाके में सशस्त्र गुट Allied Democratic Forces (ADF) सक्रिय है और सरकारी सुरक्षा बल पिछले कई दशकों से गुट के ख़िलाफ़ कार्रवाई में जुटे हैं.
बताया गया है कि हथियारबन्द गुट ‘ADF’ के सन्दिग्ध सदस्यों ने इस हमले में, इतुरी प्रान्त के बोगा नगर के पास और उत्तर किवू प्रान्त के त्चाबी में घरेलू विस्थापितों के लिये बनाए गए शिविरों को निशाना बनाया.
डीआरसी में यूएन मिशन (MONUSCO) का एक ‘त्वरित प्रतिक्रिया बल’ इलाक़े में तैनात किया गया है और शान्तिरक्षक, इस हमले में ज़ख़्मी हुए लोगों के उपचार में सहायता कर रहे हैं.
मंगलवार को यूएन प्रमुख के प्रवक्ता स्तेफ़ान दुजैरिक ने महासचिव की ओर से एक बयान जारी किया जिसमें इस हमले की कड़े शब्दों में निन्दा की गई है.
“महासचिव ने पीड़ितों के परिजनों के प्रति अपनी गहरी सम्वेदना जताई है और घायलों के जल्द स्वस्थ होने की कामना की है.”
“उन्होंने काँगो प्रशासन से इन घटनाओं की जाँच कराने और ज़िम्मेदारों को न्याय के कटघरे में लाने का आग्रह किया है.”
महासचिव ने काँगो लोकतांत्रिक गणराज्य की सरकार और स्थानीय लोगों के लिये, और देश के पूर्वी इलाक़े में शान्ति व स्थिरता हेतु यूएन के निरन्तर समर्थन को रेखांकित किया है.
क्षेत्र में मानवीय राहत मामलों के शीर्ष यूएन अधिकारी डेविड मैकलाखलन-कार ने भी इन हमलों की निन्दा की है और बताया है कि घरों को आग लगा दी गई है और आम लोगों को अगवा कर लिया गया है.
उन्होंने इन हमलों को अस्वीकार्य क़रार दिया है, और ध्यान दिलाया है कि हिंसा में शामिल सभी पक्षों को नागरिक आबादी की रक्षा सुनिश्चित करनी होगी और आमजन के लिये शान्ति स्थापित की जानी होगी.