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सुरक्षा परिषद: ग़ाज़ा में युद्धविराम का गम्भीरता से पालन किये जाने की पुकार

इसराइली हवाई कार्रवाई में ग़ाज़ा में व्यापक पैमाने पर क्षति हुई है.
© UNRWA/Mohamed Hinnawi
इसराइली हवाई कार्रवाई में ग़ाज़ा में व्यापक पैमाने पर क्षति हुई है.

सुरक्षा परिषद: ग़ाज़ा में युद्धविराम का गम्भीरता से पालन किये जाने की पुकार

शान्ति और सुरक्षा

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने ग़ाज़ा में इसराइल और फ़लस्तीनी हथियाबन्द गुटों के बीच हिंसा व लड़ाई के मुद्दे पर जारी अपने पहले वक्तव्य में युद्धविराम के "पूर्ण अनुपालन" का आग्रह किया है. युद्धविराम की घोषणा के बाद 11 दिनों से जारी लड़ाई पर शुक्रवार तड़के विराम लग गया.

15 सदस्य देशों वाली सुरक्षा परिषद ने युद्धविराम की घोषणा का स्वागत किया है.

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बयान में मिस्र सहित क्षेत्र में स्थित अन्य देशों, संयुक्त राष्ट्र, मध्य पूर्व चौकड़ी (रूस, अमेरिका, योरोपीय संघ, संयुक्त राष्ट्र) और साझीदार संगठनों से कूटनीतिक व मध्यस्थता प्रयासों का उल्लेख किया है.

मानवीय मामलों में समन्वय के लिये संयुक्त राष्ट्र कार्यालय (OCHA) की ओर से जारी आँकड़ों के मुताबिक, 10 मई से अब तक क़ाबिज़ फ़लस्तीनी इलाक़ों में 242 फ़लस्तीनियों की मौत हुई है.

इनमें 23 लड़कियाँ, 43 लड़के, 38 महिलाएँ और 138 पुरुष हैं.

बताया गया है कि 230 मौतें, इसराइली सुरक्षा बलों की कार्रवाई में हुई हैं. यूएन एजेंसी के अनुसार कुछ फ़लस्तीनियों की मौत ग़ाज़ा से दागे गए रॉकेटों के उसी इलाक़े में गिर जाने के कारण हुई.

ग़ाज़ा में स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि एक हज़ार 948 फ़लस्तीनी घायल हुए हैं, जिनमें 610 बच्चे और लगभग 400 महिलाएँ हैं.

इसराइली सूत्रों के हवाले से, यूएन एजेंसी ने बताया कि फ़लस्तीन की ओर से किये गए रॉकेट हमलों में 12 इसराइलियों की मौत हुई हैं – इनमें पाँच पुरुष, पाँच महिलाएँ, दो बच्चे हैं, जबकि 710 लोग घायल हुए हैं.

सुरक्षा परिषद द्वारा जारी शनिवार को जारी बयान में हिंसा में आम लोगों के मारे जाने पर शोक व्यक्त किया गया है.

सदस्य देशों ने ज़ोर देकर कहा कि फ़लस्तीन में प्रभावित लोगों तक तत्काल मानवीय राहत पहुँचाने की आवश्यकता है, विशेष रूप से ग़ाज़ा में.

मानवीय राहत प्रयास

संयुक्त राष्ट्र में मानवीय राहत मामलों के प्रमुख मार्क लोकॉक ने शुक्रवार को आपात कोष से दो करोड़ 25 लाख डॉलर मानवीय सहायता कार्रवाई के लिये आवण्टित किये जाने की घोषणा की थी.

इसराइली बमबारी में ग़ाज़ा में नागरिक प्रतिष्ठानों को भारी क्षति हुई है – 53 स्कूल, 6 अस्पताल, 11 प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल और केंद्रीय कोविड-19 टैस्टिंग लैब को नुक़सान पहुँचा है.

ग़ाज़ा में 77 हज़ार से ज़्यादा आम लोगों को सुरक्षित स्थान की तलाश में अपने घरों को छोड़कर जाना पड़ा है.

इसराइल से बिजली आपूर्ति कर रहे 10 में से पाँच आपूर्ति मार्ग क्षतिग्रस्त हुए हैं, जिससे इलाक़े में बिजली व्यवस्था में 45 फ़ीसदी तक की गिरावट आई है.

258 इमारतें ध्वस्त हुई हैं और लगभग 770 घरों में रह पाना अब मुश्किल हो गया है.

सुरक्षा परिषद ने अपने वक्तव्य में महासचिव एंतोनियो गुटेरेश की उस अपील का समर्थन किया है जिसमें उन्होंने अन्तरराष्ट्रीय समुदाय से त्वरित और टिकाऊ पुनर्निर्माण व पुनर्बहाली के लिये एकीकृत व स्फूर्त पैकेज की बात कही है.

सुरक्षा परिषद ने क्षेत्र में तात्कालिक शान्ति बहाली की अहमियत पर ज़ोर देते हुए, मुद्दे के व्यापक समाधान पर बल दिया है जिसके तहत दो लोकतांत्रिक देश, इसराइल व फ़लस्तीन, शान्तिपूर्ण ढँग से, सुरक्षित व मान्यता प्राप्त सीमाओं में, एक दूसरे के साथ रहें.