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इसराइली बस्तियों के विस्तार पर रोक के मुद्दे पर प्रगति की सुस्त रफ़्तार

येरुशलम के पास स्थित हर गिलो नामक इसराइली बस्ती.
Photo: IRIN/Erica Silverman
येरुशलम के पास स्थित हर गिलो नामक इसराइली बस्ती.

इसराइली बस्तियों के विस्तार पर रोक के मुद्दे पर प्रगति की सुस्त रफ़्तार

शान्ति और सुरक्षा

मध्य पूर्व शान्ति प्रक्रिया के लिये विशेष समन्वयक टॉर वैनेसलैण्ड ने सुरक्षा परिषद को सम्बोधित करते हुए कहा है कि इसराइली क़ब्ज़े का अन्त करने और टकराव को सुलझाने पर केंद्रित वास्तविक शान्ति प्रक्रिया की अनुपस्थिति में, हालात बद से बदतर हो रहे हैं और क़ाबिज़ फ़लस्तीनी इलाक़े में स्थिरता पर असर पड़ रहा है. 

विशेष समन्वयक टॉर वैनेसलैण्ड ने मंगलवार को सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव 2334 (2016) को लागू किये जाने विषय में अपनी 21वीं रिपोर्ट पेश की, जिसमें 10 दिसम्बर से 18 मार्च की अवधि का विवरण दिया गया है.

इस प्रस्ताव में इसराइल से सभी क़ाबिज़ फ़लस्तीनी इलाक़े में बस्तियाँ बसाने के लिये हर प्रकार की गतिविधि पर रोक लगाने और इस सम्बन्ध में सभी क़ानूनी दायित्वों के निर्वहन पर बल दिया गया है. 

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सुरक्षा परिषद की यह बैठक ऐसे समय में हुई है जब दक्षिणी इसराइल में बीएर शेवा में वाहन से टक्कर मारने और चाकू हमले में चार इसराइली नागरिक मारे गए हैं. यह हमला कथित रूप से एक इसराइली अरब व्यक्ति ने किया और मृतकों में दो महिलाएँ हैं.  

यूएन दूत ने अपने एक वक्तव्य में इन घटनाओं की कड़े शब्दों में निन्दा की है.

“हिंसा या आतंकवाद को किसी भी तरह न्यायोचित नहीं ठहराया जा सकता है. आम नागरिकों को जान से मारने में कुछ भी शूरता नहीं है, और ऐसे कृत्यों की प्रशंसा के लिये भी कोई बहाना नहीं बनाया जा सकता है.”

“इनकी निन्दा हर किसी के द्वारा की जानी होगी.”

विशेष समन्वयक ने ज़ोर देकर कहा कि इस महीने, इसराइली नागरिकों के विरुद्ध चाकूबाज़ी की यह सातवीं घटना है.

उन्होंने बताया कि इस तरह की त्रासदीपूर्ण घटनाएँ, सभी नेताओं के एक साथ मिलकर प्रयास करने की अहमियत को रेखांकित करती हैं, ताकि हिंसा के चक्र को रोका जा सके.

टॉर वैनेसलैण्ड ने सुरक्षा परिषद को मध्य पूर्व में हालात से अवगत कराते हुए कहा कि, क़ाबिज़ फ़लस्तीनी इलाक़े में इसराइली बस्तियों का विस्तार, हिंसा की वजह बन रहा है.

इससे क़ब्ज़ा गहरा हो रहा है, और स्व-निर्धारण व एक स्वतंत्र देश के लिये फ़लस्तीनियों का अधिकार कमज़ोर हो रहा है.

बताया गया है कि छह लाख 70 हज़ार इसराइली नागरिक, फ़िलहाल 130 से अधिक अवैध बस्तियों, और क़ाबिज़ पश्चिमी तट में 100 से अधिक चौकी शिविरों में रह रहे हैं. 

उन्होंने कहा कि असल में, पूर्वी येरुशलम समेत क़ाबिज़ पश्चिमी तट में इसराइली बस्तियों का कोई क़ानूनी आधार नहीं है.

बस्तियों का विस्तार

इस पृष्ठभूमि में, टॉर वैनेसलैण्ड ने बताया कि 5 जनवरी को, इसराइल ने पूर्वी येरुशलम के तलपियोट पूर्व इलाक़े में 300 आवास यूनिट के लिये निविदाएँ प्रकाशित की. 

येरुशलम ज़िला नियोजन समिति ने इन योजनाओं को आगे बढ़ाते हुए, पूर्वी येरुशलम की गिलो बस्ती में क्रमश: 800 व 400 आवास यूनिट के निर्माण की बात कही.

इसके अलावा, इसराइल के महाअधिवक्ता ने 1 फ़रवरी को प्रकाशित एक क़ानूनी राय में स्थानीय प्रशासन को ऐवीअतार चौकी शिविर में स्थित भूमि को सरकारी ज़मीन घोषित किये जाने की अनुमति दी है. 

इस इलाक़े में बस्ती बसाने के इरादे से योजना प्रक्रिया में तेज़ी लाने के लिये भी मार्ग स्पष्ट किया गया है.

28 फ़रवरी को, येरुशलम ज़िला नियोजन समिति ने, पूर्वी येरुशलम में पिसगात ज़ीएव बस्ती में 700 आवास यूनिट की योजना को आगे बढ़ाया.

रोज़ हो रही हिंसा

प्रस्ताव में सभी पक्षों से आम नागरिकों पर हमले रोके जाने की पुकार लगाई गई है, मगर इसके बावजूद लगभग हर रोज़ हिंसा जारी है.

इस अवधि में, विरोध प्रदर्शनों, झड़पों, सुरक्षा अभियानों, हमलों व इसराइली नागरिकों पर कथित हमलों के दौरान, इसराइली सुरक्षा बलों की कार्रवाई में 24 फ़लस्तीनियों की मौत हुई हैं.

ग़ाज़ा पट्टी में इसराली बमबारी में ध्वस्त हुए एक तीन-मंज़िला मकान के बाहर एक लड़की.
© UNICEF/Eyad El Baba
ग़ाज़ा पट्टी में इसराली बमबारी में ध्वस्त हुए एक तीन-मंज़िला मकान के बाहर एक लड़की.

वहीं, इसराइली बस्तियों के बाशिन्दों और अन्य लोगों द्वारा फ़लस्तीनियों पर 144 हमले किये गए हैं. 

वहीं, फ़लस्तीनियों ने इसराइली नागरिकों पर 277 हमले किये हैं. 

नकारात्मक रुझानों को पलटना

विशेष समन्वयक ने नकारात्मक रुझानों को पलटने के लिये उठाये जा रहे क़दमों का स्वागत किया है.

इनमें, 27 दिसम्बर को क़तर का वह समझौता भी है, जोकि फ़लस्तीनी प्राधिकरण और ग़ाज़ा विद्युत वितरण कॉरपोरेशन के बीच में हुआ है, ताकि इसराइल से ग़ाज़ा तक एक प्राकृतिक गैस पाइपलाइन के काम को आगे बढ़ाया जा सके.

टॉर वैनेसलैण्ड ने बताया कि ग़ाज़ा में इसराइल ने 12 हज़ार फ़लस्तीनी व्यापारियों को परमिट जारी किये हैं. इस वर्ष जनवरी महीने में, इरेज़ चौकी से होकर कामगारों, व्यापारियों और

व्यावासियों की दैनिक आवाजाही वर्ष 2007 के बाद से अपने सबसे ऊँचे स्तर पर है. 

शान्ति का आहवान

टॉर वैनेसलैण्ड के मुताबिक़, इसराइली क़ब्ज़े का अन्त और टकराव सुलझाने के लिये के निपटारे के लिये, एक अर्थपूर्ण शान्ति प्रक्रिया की अनुपस्थिति में हालात बद से बदतर हो रहे हैं. 

इससे क़ाबिज़ फ़लस्तीनी इलाक़े में हालात अस्थिर हो रहे हैं. 

उन्होंने रमज़ान, ईस्टर और अन्य धार्मिक आयोजनों से पहले, सभी पक्षों से अन्तरराष्ट्रीय क़ानून व द्विपक्षीय समझौतों को नज़र में रखने का आग्रह किया है, इस नज़र के साथ कि क़ब्ज़े का अन्त किया जा सके. 

टॉर वैनेसलैण्ड ने कहा कि सभी पक्षों के नेताओं को, शान्ति बनाए रखने में अहम भूमिका निभानी होगी.