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पूर्वी येरूशलम में हिंसा – अधिकतम संयम बरते जाने का आग्रह

येरुशलम के पुराने इलाक़े में स्थित एक घर से अल-अक़्सा मस्जिद का दृश्य.
Mya Guarnieri/IRIN
येरुशलम के पुराने इलाक़े में स्थित एक घर से अल-अक़्सा मस्जिद का दृश्य.

पूर्वी येरूशलम में हिंसा – अधिकतम संयम बरते जाने का आग्रह

शान्ति और सुरक्षा

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने क़ाबिज़ पूर्वी येरूशलम में जारी हिंसा और शेख़ जर्राह व सिलवान इलाक़ों में रह रहे फ़लस्तीनी परिवारों की उनके घरों से बेदख़ली की आशंका पर गहरी चिन्ता जताई है. ख़बरों के अनुसार बीती कुछ रातों से जारी हिंसक झड़पों में 200 से ज़्यादा फ़लस्तीनी और 17 इसराइली सुरक्षाकर्मी घायल हुए हैं.   

 

यूएन प्रमुख ने रविवार को एक बयान जारी कर इसराइल से आग्रह किया है कि अन्तरराष्ट्रीय मानवीय और मानवाधिकार क़ानूनों के तहत, घरों को तोड़ने और लोगों को बेदख़ल करने की कार्रवाई को रोका जाना होगा.

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उन्होंने कहा, “इसराइली प्रशासन को अधिकतम संयम बरतना होगा और शान्तिपूर्ण सभा की आज़ादी के अधिकार का सम्मान करना होगा.”

पूर्वी येरूशलम के इलाक़ों से कुछ फ़लस्तीनी परिवारों को बेदख़ल किये जाने की आशंका के बाद से ही इलाक़े में तनाव बढ़ रहा है. 

ख़बरों के अनुसार, पिछले दो दिनों में फ़लस्तीनियों और इसराइली सुरक्षाकर्मियों के बीच अल-अक़्सा मस्जिद परिसर के इर्द-गिर्द झड़पें हुई हैं, जिनमें लगभग 200 फ़लस्तीनी और 17 इसराइली पुलिसकर्मी घायल हुए हैं. 

यह इस्लाम के सबसे पवित्र स्थलों में है, और यही जगह, यहूदियों के लिये भी सबसे पवित्र स्थल है जिसे टैम्पल माउंट कहा जाता है. 

शनिवार को प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पत्थरबाज़ी की, जिसके जवाब में पुलिसकर्मियों ने रबड़ की गोलियों, पानी की तेज़ बौछारों और स्टन ग्रेनेड का इस्तेमाल किया. 

महासचिव गुटेरेश ने अपने वक्तव्य में ध्यान दिलाते हुए कहा कि पवित्र स्थलों पर यथास्थितिवाद को बरक़रार रखते हुए उसका सम्मान किया जाना होगा.

उन्होंने सचेत किया कि सभी नेताओं की यह ज़िम्मेदारी है कि चरमपंथियों के ख़िलाफ़ कार्रवाई की जाए, और हर प्रकार की हिंसा व उकसावे की कार्रवाई के विरुद्ध आवाज़ उठाई जाए. 

एंतोनियो गुटेरेश ने अपने संकल्प को दोहराते हुए भरोसा दिलाया है कि वो, संयुक्त राष्ट्र के प्रासंगिक प्रस्तावों, अन्तरराष्ट्रीय क़ानून और द्विपक्षीय समझौतों के तहत फ़लस्तीन और इसराइल के बीच विवाद के निपटारे के लिये समर्थन देने के लिये तैयार हैं. 

शनिवार को जारी एक वक्तव्य में मध्य पूर्व शान्ति वार्ता पर चौकड़ी  (रूस, अमेरिका, योरोपीय संघ, संयुक्त राष्ट्र) के दूतों ने कहा था कि कुछ राजनैतिक गुटों ने भड़काऊ बयान दिये हैं, जोकि चिन्ताजनक है. 

बेदख़ल किये जाने की आशंका 

चौकड़ी ने आशंका जताई है कि पूर्वी येरूशलम के दो इलाक़ों – शेख़ जर्राह और सिलवान - से फ़लस्तीनी परिवारों को उनके घरों से बेदख़ल किया जा सकता है, जहाँ वे पीढ़ियों से रहते आ रहे हैं. 

चौकड़ी के प्रतिनिधियों ने भी ऐसी किसी भी एकतरफ़ा कार्रवाई का विरोध किया है, जिससे पहले से तनावपूर्ण हालात और भड़क उठें.     

संयुक्त राष्ट्र ने इसराइली सरकार से जबरन बेदख़ली की सभी कार्रवाईयों को रोकने की पुकार लगाई है. 

इससे पहले, यूएन मानवाधिकार कार्यालय के प्रवक्ता रूपर्ट कोलविल ने आगाह किया था कि शेख़ जाराह में लोगों को बेदख़ल किया जाना, अन्तरराष्ट्रीय क़ानून के तहत इसराइल के लिये तय दायित्वों का उल्लंघन होगा.  

चौकड़ी के प्रतिनिधियों ने इसराइली प्रशासन से संयम बरतने और ऐसे क़दम ना उठाने का आग्रह किया है जिनसे रमदान के पवित्र महीने में हालात और भड़कें. 

वहीं, संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (UNICEF) के मुताबिक हिंसा में अनेक फ़लस्तीनी बच्चे भी घायल हुए हैं. 

यूनीसेफ़ ने इसराइली प्रशासन से बच्चों के ख़िलाफ़ हिंसा के इस्तेमाल से दूर रहने और हिरासत में लिये गए सभी बच्चों को रिहा करने का आग्रह किया है.

रिपोर्टों के अनुसार दो दिनों से हो रही झड़पों में 29 फ़लस्तीनी बच्चे घायल हुए हैं और आठ को हिरासत में लिया गया है.